इस्लामाबाद, 26 मार्च (आईएएनएस)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रविवार को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को बताया कि पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा चुनावों के संबंध में उनका पत्र पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की प्रेस विज्ञप्ति की तरह है, जो स्पष्ट रूप से पक्षपातपूर्ण प्रकृति का है और इमरान खान के नेतृत्व वाली पार्टी के एकतरफा और सरकार विरोधी विचारों का समर्थन करता है।
जियो न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने रविवार को अपने पत्र में कहा कि राष्ट्रपति का पत्र एकतरफा था और इसमें सरकार विरोधी विचार थे।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने लिखा कि आप खुले तौर पर सरकार विरोधी विचार व्यक्त करते हैं और आपका पत्र राष्ट्रपति की संवैधानिक भूमिका को रिफ्लेक्ट नहीं करता है और आप लगातार यही कर रहे हैं।
उन्होंने इमरान खान की अदालतों में पेश होने में विफलता पर टिप्पणी नहीं करने के लिए राष्ट्रपति की आलोचना की। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि मौजूदा सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि अभिव्यक्ति की पूर्ण स्वतंत्रता है, जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत निहित है।
मीडियाकर्मियों और पत्रकारों पर हमलों का जिक्र करते हुए पीएम शहबाज शरीफ ने अपने कार्यकाल के अधिकांश समय में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनसीएचआर) को निष्क्रिय रखने के लिए पूर्व पीटीआई सरकार की भी आलोचना की।
जियो न्यूज के अनुसार, पाक पीएम ने पीटीआई शासन के दौरान विपक्षी सांसदों के राजनीतिक उत्पीड़न की ओर राष्ट्रपति का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति, संविधान किसी भी शक्ति को निहित नहीं करता है या राष्ट्रपति को कोई कार्य नहीं सौंपता है जिससे राष्ट्रपति सरकार या प्रधानमंत्री से स्पष्टीकरण मांग सकता है।
आपके पत्र का जवाब देने का एकमात्र कारण यह है कि मैं आपके पक्षपातपूर्ण रवैये और कार्यों को रिकॉर्ड पर लाना चाहता हूं और हमारी सरकार के रिकॉर्ड को ठीक करना चाहता हूं।
अपने पत्र में, प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति को यह कहते हुए फटकार लगाई कि उन्होंने पीटीआई के इशारे पर चुनाव की तारीखें दीं। उन्होंने कहा कि केपी विधानसभा के लिए चुनाव की तारीख देने के राष्ट्रपति के फैसले को शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया था।
–आईएएनएस
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