मुंबई. दिव्या दत्ता, फिल्म इंडस्ट्री में कुछ अदाकाराएं अपनी बेहतरीन अदाकारी से दर्शकों और सह-कलाकारों के दिलों में अपनी जगह बनाती हैं। ऐसी ही एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री हैं दिव्या दत्ता, जिनकी कला की तारीफ बॉलीवुड के बड़े-बड़े दिग्गजों ने भी की है। अमिताभ बच्चन, सलमान खान और ऋषि कपूर जैसे सितारों ने न केवल उनकी एक्टिंग को सराहा है, बल्कि उनके साथ काम करने में भी गर्व महसूस किया है।
दिव्या दत्ता का जन्म 25 सितंबर 1977 को पंजाब के लुधियाना शहर में हुआ था। उनका बचपन बहुत ही साधारण परिवार में बीता। उनके पिता डॉक्टर थे, लेकिन जब वह महज सात साल की थीं, तब उनके पिता का निधन हो गया। उस मुश्किल घड़ी में उनकी मां डॉ. नलिनी दत्ता ने अकेले ही उनकी और उनके भाई की परवरिश की। मां की इस हिम्मत और मजबूती ने दिव्या के जीवन को एक नई दिशा दी।
बचपन में दिव्या का ध्यान कभी फिल्मों की तरफ नहीं गया था, लेकिन डांस और एक्टिंग का शौक उन्हें हमेशा से था। दिव्या ने अपनी मॉडलिंग की शुरुआत पंजाबी विज्ञापनों से की। मॉडलिंग के जरिए उन्हें धीरे-धीरे फिल्मों की दुनिया में कदम रखने का मौका मिला। उनकी पहली फिल्म ‘इश्क में जीना इश्क में मरना’ थी, लेकिन उन्हें असली पहचान सलमान खान की फिल्म ‘वीरगति’ से मिली।
इस फिल्म में दिव्या ने एक अहम किरदार निभाया, जिसने दर्शकों और समीक्षकों दोनों का ध्यान आकर्षित किया। इस फिल्म के दौरान उन्होंने सलमान से मरने की एक्टिंग सीखी, जो उनके करियर का एक मजेदार किस्सा भी बन गया।दिव्या ने पंजाबी फिल्मों में भी अपनी अच्छी छवि बनाई। खासकर ‘शहीद-ए-मोहब्बत’ फिल्म में उनका किरदार ‘जीनत’ काफी पसंद किया गया।
इसके बाद उन्होंने हिंदी और पंजाबी के साथ-साथ मलयालम और नेपाली फिल्मों में भी काम किया। टीवी सीरियल्स में भी उनका योगदान कमाल का रहा है। उनकी आवाज को भी लोगों ने पसंद किया, जैसे कि फिल्म ‘कसूर’ में उन्होंने लीसा रे के लिए डबिंग की थी।
दिव्या ने अपने अभिनय में हमेशा खुद को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की कोशिश की, चाहे वह छोटे रोल हों या बड़े, सभी को उन्होंने पूरी मेहनत और लगन से निभाया।फिल्मी जगत के कई बड़े कलाकार दिव्या की काबिलियत के कायल रहे हैं। अमिताभ बच्चन कई इंटरव्यू में उनके अभिनय की तारीफ कर चुके हैं, तो वहीं सलमान खान ने उनके अभिनय से प्रभावित होकर उन्हें फिल्म ‘वीरगति’ में काम करने का मौका दिया था।
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ऋषि कपूर भी दिव्या की प्रतिभा को पहचानते थे और अक्सर उनके काम की सराहना करते थे। हालांकि, उनका यह सफर आसान नहीं था क्योंकि उनके पास कोई फिल्मी बैकग्राउंड नहीं था, फिर भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपनी काबिलियत से सबको प्रभावित किया।दिव्या को कई पुरस्कार भी मिले हैं, जिनमें नेशनल अवॉर्ड भी शामिल है।