नई दिल्ली, 24 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय क्रिकेट टीम के इतिहास में बिशन सिंह बेदी का नाम एक ऐसे स्पिनर के रूप में लिया जाता है, जिनकी घूमती गेंदों ने दुनिया के बड़े-बड़े बल्लेबाजों को परेशान किया और स्पिन गेंदबाजी को एक नया मुकाम दिया।
बिशन सिंह बेदी का जन्म 25 सितंबर 1946 को अमृतसर, पंजाब में हुआ था। वह बाएं हाथ के बेहतरीन स्पिनर थे। टेस्ट क्रिकेट में बेदी जैसा बाएं हाथ का स्पिनर अब तक भारतीय टीम को नहीं मिला। बेदी ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत 20 साल की उम्र में 1966 में तब की सबसे मजबूत मानी जाने वाली वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ की थी। 13 साल के करियर में वह भारत के प्रमुख स्पिनर रहे। उनकी गेंदबाजी की विशेषता सटीकता और फ्लाइट थी, जिससे अक्सर वह बल्लेबाजों चकमा दिया करते थे। उनकी गेंद हवा में लहराती थीं और पिच पर टर्न लेती थीं, जिससे बल्लेबाजों के लिए उन्हें खेलना चुनौतीपूर्ण होता था।
बेदी न सिर्फ एक बेहतरीन स्पिनर थे, बल्कि एक बेहतरीन कप्तान भी थे। 1976 से 1978 तक उन्होंने 22 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी थी। 1977 में भारत ने बेदी की कप्तानी में ही वेस्टइंडीज को पहली बार उसकी धरती पर हराया था।
बेदी ने भारत के लिए 67 टेस्ट मैचों की 118 पारियों में 266 विकेट लिए। एक पारी में उन्होंने 14 बार 5 विकेट लेने की उपलब्धि हासिल की थी। वहीं, एक मैच में 10 विकेट लेने की उपलब्धि उन्होंने एक बार हासिल की थी, जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में आई थी। 98 रन देकर 7 विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। वह 10 वनडे भी खेले, जिसमें उन्हें 7 विकेट मिले।
इस दिग्गज गेंदबाज ने अपने करियर के दौरान कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। वह प्रथम श्रेणी में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज हैं। उनके नाम 370 प्रथम श्रेणी मैचों में 1,560 विकेट हैं। भारतीय घरेलू क्रिकेट में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में यह सर्वाधिक विकेटों का महारिकॉर्ड है। भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में 200 विकेट लेने वाले वह पहले गेंदबाज थे।
23 अक्टूबर 2023 को नई दिल्ली में 77 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था।
–आईएएनएस
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