चौरई, देशबन्धु. चौरई का सबसे व्यस्त चौराहा महर्षि तुलसी दास चौक बहुत ही भीड़ भाड़ वाला चौराहा पूर्व पश्चिम राष्ट्रीय मार्ग जिसमे डिवाइडर बने है उतर में पुराना पोस्ट आफिस मार्ग एवम दक्षिण में गुड़ मंडी वाली रोड़ इस चौराहे में दो डिवाइडर के बीच 30 फुट की जगह है डिवाइडर के बीच अनेक फल बिक्रेताओं द्वारा हाथ ठिलिया में फलों की दुकान दबंग विक्रेता लगा रहे है.
ठिलिया के बीच इतनी भी जगह नही रहती की दो पहिया वाहन निकल सके आये दिन दुर्घटना होते रहती है 23 सितम्बर को नगर के एक सभ्रान्त परिवार के युवक का स्वर्गवास हो गया.
उनकी अंत्योष्टि निकल रही थी ठिलिया वालों ने जगह तक नही विवाद के बाद अंत्योष्टि निकल पाई नगर के अंतिम यात्रा में शामिल नगरवासियों ने दुख के साथ नगर प्रशासन एवम पुलिस प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों को अपना क्रोध व्यक्त किया दो दिन पहले ही नगरपालिका के एक पार्षद एवम एक पत्रकार ने पुलिस प्रशासन को एवम नगर पालिका के सी एम ओ को व्यक्तिगत निवेदन कर शिकायत की थी कि आप इन अतिक्रमण को व्यवस्थित करवाइये पुलिस प्रशासन ने कहा कि यह हमारा कार्य नही है वंही सी एम ओ ने भी छुट्टी का बहना बना दिया.
पर उन बेलगाम अतिक्रमण करियो को दूसरे दिन भी नही हटवाया आज यह घटना घटित हो गई नगर की पूरी व्यवस्था अतिचारी हो गई है किसी का भी नियन्त्रित नही है जिसे जंहा चाहे वँहा अतिक्रमण कर दुकान लगा रहा है नगर के बस स्टैंड से जैन स्तम्भ तक अतिक्रमण करियो के कारण चलना भी दूभर हो गया है.
लोगो ने डिवाइडर पर भी दुकान लगाने लगे है जिससे ग्राहकों का वाहन सहित खरीदी करने से वाहनों का निकलना भी मुश्किल हो रहा है दोनों तरफ के दुकान दार भी अपना समान डिवाइडर पर रखने लगे है इन दुकान दारों ने अपनी दुकानें भी आधी सड़क तक ले आये है
उसके बाद ग्राहकों के वाहन खड़े रहते है यह राष्ट्रीय मार्ग एक गली बन कर रह गई है पुराने अस्पताल के सामने से डी पी मिश्रा स्कूल तक बेलगाम दुकानदारों ने पुथपाठ के 5फुट तक अपनी दुकानों को लगा लिया है उसके बाद वाहन खड़े हो जाते है चलने की एवम बड़ी गाड़ियों को निकलने की जगह ही नही रहती अनेक दुर्घटनाये घट चुकी है .
स्वयं पुलिस थाना से बस स्टैंड तक अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया है पर पुलिस भी हाथ पर धर कर बैठी है नगरपालिका प्रशासन की उदासीनता पूरे नगर में चर्चा का विषय है जब भी शांति समिति की मीटिंग होती है यह समस्या सदस्यों द्वारा प्रशासन के सामने रखी जाती है.
प्रशासन आश्वासन भी देता है पर कार्यवाही नही करता पूरा नगर अतिक्रमण की चपेट में नगर के कुछ पार्षद गण भी कार्यवाही चाहते है पर उनकी भी कोई सुनवाई नही हो रही है पूरा नगरपालिका प्रशासन कटी पतंग सा हो गया है नगर की व्यवस्था का कोई माई बाप नही दिखता नगरपालिका में बैठे जनप्रतिनिधियों के चयन नगरवासियों ने व्यवस्था बनाने के लिए किया था पर पद पर आते ही सभी असहाय एवम अंहकारी हो नगरवासियों के दुश्मन हो गए है .
नगर के नगरवासी भी अन्याय का मुखर विरोध नही करते सहन करते रहते है जनप्रतिनिधि, प्रशासन एवम नगरपालिका के नुमाइंदे इतने आत्म मुग्ध है कि यह शेर उन पर कहा जा सकता है
तुम्हारी बज़्म से बाहर भी एक दुनिया है, मेरे हूजूर बड़ा जुर्म है ये बेखबरी, जनप्रतिनिधियों एवम सम्पूर्ण प्रशासन को जिम्मेदारी से नगर को व्यवस्थित करना चाहिए