नई दिल्ली, 25 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने 2020 दिल्ली दंगा मामले में आईबी अधिकारी अंकित शर्मा हत्याकांड के आरोपी और पूर्व पार्षद मोहम्मद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज कर दी।
दिल्ली हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने तर्क दिया कि जमानत देने से गवाहों को प्रभावित करने की आशंका बनी रहेगी। इसके बाद कोर्ट ने ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज कर दी।
दरअसल, फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों के दौरान आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस मामले में ताहिर हुसैन को मुख्य आरोपी बनाया गया था। सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि वह पिछले पांच साल से जेल में बंद है।
इस मामले में कई अन्य आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है और कुछ गवाहों ने भी उनके पक्ष में बयान दिए हैं, लेकिन निचली अदालत ने इन तथ्यों पर गौर नहीं किया।
दूसरी तरफ, दिल्ली पुलिस ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि ताहिर हुसैन एक प्रभावशाली व्यक्ति है। अगर उन्हें जमानत दी गई तो गवाहों पर दबाव बनाने और उन्हें प्रभावित करने की गंभीर आशंका है। पुलिस ने अदालत को बताया कि इस संवेदनशील मामले में सबूत और गवाहों की सुरक्षा सर्वोपरि है।
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए ताहिर हुसैन की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
बता दें कि साल 2020 में हुए दंगों के दौरान चांद बाग पुलिया के पास भीड़ ने अंकित शर्मा की बेरहमी से हत्या कर दी थी। हत्या के बाद मृतक के शव को चांद बाग नाले में फेंक दिया गया था, जिसे अगले दिन बरामद किया गया था। इस संबंध में दयालपुर थाने में मामला दर्ज किया गया था।
जांच के दौरान आम आदमी पार्टी के तत्कालीन पार्षद ताहिर हुसैन समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, अंकित शर्मा के शरीर पर धारदार हथियार से कई बार वार किया गया था।
–आईएएनएस
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