बांसवाड़ा, 25 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर बांसवाड़ा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राजस्थान और देशभर के पीएम‑कुसुम योजना के लाभार्थियों से बातचीत की।
पीएम मोदी ने इस बातचीत का एक वीडियो क्लिप अपने आधिकारिक ‘एक्स’ पोस्ट में शेयर करते हुए लिखा, “बांसवाड़ा में पीएम-कुसुम योजना के लाभार्थियों से संवाद में यह जानकर मन को बहुत संतोष हुआ कि इस पहल से उनकी आय में काफी बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान उनका जो आत्मविश्वास दिखा, वह इस बात का प्रमाण है कि हमारी योजनाओं का लाभ सीधे जन-जन तक पहुंच रहा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम-कुसुम (प्रधान मंत्री किसान उर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान) योजना किसान समुदाय को सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है। इस कदम से बिजली की पारंपरिक आवश्यकताओं पर निर्भरता कम होगी और किसानों को नई आय के स्रोत भी मिलेंगे।
किसानों ने बताया कि इस योजना ने उन्हें साफ और स्वच्छ ऊर्जा समाधान अपनाने, इनपुट लागत घटाने और उत्पादकता बढ़ाने में मदद की है। उन्होंने इस विषय में अपनी बातें साझा कीं और योजना की सफलता में अपना योगदान दिखाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की यह प्रतिबद्धता और जज्बा, सरकार की किसान केंद्रित नीतियों की सफलता की गवाही है।
पीएम मोदी ने गुरुवार को बांसवाड़ा के नपला में माहि बांसवाड़ा न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी। इस अवसर पर राज्य में 1.22 लाख करोड़ रुपए से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया गया। इनमें राजस्थान को 1.08 लाख करोड़ रुपए से अधिक की विकास योजनाएं दी गईं, जिनमें 42,000 करोड़ रुपए की नाभिकीय ऊर्जा परियोजना और तीन नई ट्रेनें (दो वंदे भारत एक्सप्रेस सहित) शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिस समय देश नवरात्रि के दौरान शक्ति के नौ रूपों की पूजा करता है, उसी बीच बांसवाड़ा में न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट की आधारशिला ऊर्जा के नए युग की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में 90,000 करोड़ रुपए की ऊर्जा योजनाओं का एक साथ शुभारंभ यह दर्शाता है कि भारत बिजली उत्पादन क्षमता को विस्तार से आगे ले जा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा, “इस तकनीकी और औद्योगिक युग में विकास बिजली पर चलता है, लेकिन पिछली सरकारों ने इस क्षेत्र की अनदेखी की। आजादी के 70 साल बाद तक 18,000 गांवों में बिजली के पोल तक नहीं थे। कई गांवों में 4-5 घंटे की बिजली को लक्जरी माना जाता था। बड़े शहरों में भी लंबे बिजली कट लगते थे। फैक्ट्रियां बिना बिजली चल नहीं पाती थीं। जब 2014 में हमारी सरकार आई तो हमने इस बदलाव का संकल्प लिया। हर गांव को बिजली दी, 25 मिलियन घरों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिए और लोगों की जिंदगी को आसान बनाया।”
–आईएएनएस
वीकेयू/डीकेपी