deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ताज़ा समाचार

हिंदी साहित्य के फक्कड़ कवि वीरेन दा, जिनके शब्द आम आदमी की आवाज बन गए

देशबन्धु by देशबन्धु
September 27, 2025
in ताज़ा समाचार
0
0
SHARES
2
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 27 सितंबर (आईएएनएस)। हिंदी कविता की दुनिया में सहजता, सरलता और बेबाकी के लिए याद किए जाने वाले कवि वीरेन डंगवाल पाठकों और मित्रों के बीच ‘वीरेन दा’ के नाम से जाने जाते थे। अपनी रचनाओं से उन्होंने हिंदी कविता की नई पीढ़ी के आदर्श कवि के रूप में पहचान बनाई थी। उनकी रचनाओं की खासियत यह थी कि वे आम बात को बेहद खास बना देते थे।

READ ALSO

माउंट नन पर सफल चढ़ाई: आईटीबीपी की अखिल महिला टीम का ध्वजारोहण समारोह

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025: तीसरे दिन दिखा प्रदेश की आर्थिक शक्ति और सांस्कृतिक धरोहर का संगम

उनका जन्म आजादी से महज 10 दिन पहले 5 अगस्त 1947 को टेहरी गढ़वाल में हुआ था। 1968 में उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमए और फिर डीफिल की डिग्री प्राप्त की।

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

उनका व्यक्तित्व उतना ही जीवंत और आत्मीय था, जितनी उनकी कविताएं। 43 साल की उम्र में वीरेन डंगवाल का जब पहला कविता संग्रह ‘इसी दुनिया में’ प्रकाशित हुआ तो पाठकों ने महसूस हुआ कि पहली बार उनकी रोजमर्रा की भाषा और अनुभवों को कविता में उतार दिया गया है। वीरेन दा की कविताओं की सबसे बड़ी खासियत थी उनकी आम बोलचाल की भाषा और उसमें छिपी गहरी संवेदनाएं, जो लोगों को तुरंत जोड़ने की ताकत रखती थीं।

पहले कविता संग्रह ‘इसी दुनिया में’ के लिए उन्हें रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार और श्रीकांत वर्मा स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनका दूसरा संग्रह ‘दुष्चक्र में सृष्टा’ उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार तक ले गया। इसके अलावा, उनका तीसरा संग्रह ‘स्याही ताल’ भी खासा चर्चित हुआ।

उनकी कविताएं विडंबना, व्यंग्य और जीवन की गहराइयों से भरी हुई थीं। चाहे वे प्रकृति के रहस्यों पर लिखें या समाज की सच्चाइयों पर, उनकी कविताएं हर बार पाठक को सोचने पर मजबूर कर देती थीं। ‘राम सिंह’ जैसी चर्चित कविता में उन्होंने आम आदमी की पीड़ा और संघर्ष को जिस सहजता से बयां किया, वह उन्हें सचमुच जनकवि बनाता है।

लेकिन वीरेन दा सिर्फ कवि ही नहीं थे। वे पत्रकार, शिक्षाविद और संस्कृतिकर्मी भी रहे। उनका स्वभाव फक्कड़ था। यह फक्कड़पन ही उन्हें भीड़ में सबसे अलग बनाता था। उन्होंने पाब्लो नेरूदा, बर्तोल्त ब्रेख्त, वास्को पोपा और नाजिम हिकमत जैसे विश्वप्रसिद्ध कवियों की रचनाओं का अनुवाद किया और उन्हें हिंदी पाठकों तक पहुंचाया। उनकी कविताएं कई भाषाओं में अनुदित हुईं और उनका असर सीमाओं से परे गया। यही कारण है कि वे हिंदी कविता की नई पीढ़ी के आदर्श कवि कहे जाते हैं।

ADVERTISEMENT

28 सितंबर 2015 को जब उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा तो हिंदी साहित्य की दुनिया में एक गहरी खामोशी छा गई। उनके विचार सीधे आत्मा को छूते थे। यही कारण है कि उनके जाने के बाद भी लोग उन्हें याद करते हैं। आज जब हम उनका नाम लेते हैं तो उनकी कविताएं और उनका आत्मीय व्यक्तित्व फिर से जीवंत हो उठता है।

–आईएएनएस

पीआईएम/वीसी

देशबन्धु

Related Posts

ताज़ा समाचार

माउंट नन पर सफल चढ़ाई: आईटीबीपी की अखिल महिला टीम का ध्वजारोहण समारोह

September 27, 2025
ताज़ा समाचार

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025: तीसरे दिन दिखा प्रदेश की आर्थिक शक्ति और सांस्कृतिक धरोहर का संगम

September 27, 2025
ताज़ा समाचार

ब्रिक्स मंत्रियों की बैठक, वैश्विक सहयोग और सतत विकास पर जोर

September 27, 2025
ताज़ा समाचार

‘आई लव मोहम्मद’ विवाद पर अबू आजमी बोले, योगी आदित्यनाथ पुलिस को दी छूट को वापस लें

September 27, 2025
ताज़ा समाचार

एशिया कप : अभिषेक शर्मा से डरा पाकिस्तान, अकरम, वकार, आमिर ने बताया जल्दी आउट करने का तरीका

September 27, 2025
ताज़ा समाचार

तमिलनाडु के करूर में विजय की रैली में भगदड़, 23 की मौत, कई घायल

September 27, 2025
Next Post

बेहतर खाद्य सुरक्षा के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी अपनाने की जरूरत : एक्सपर्ट्स

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

114643
Total views : 6020019
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In