deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ताज़ा समाचार

कौंच बीज का सीधा सेवन करना है खतरनाक, आयुर्वेद से जानें शुद्ध करने का सही तरीका

देशबन्धु by देशबन्धु
September 30, 2025
in ताज़ा समाचार
0
0
SHARES
2
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)। कौंच बीज आयुर्वेद में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और बलवर्धक औषधि माना जाता है, जिसका प्रमुख उपयोग पुरुषों की यौन शक्ति, मानसिक स्फूर्ति और स्नायु तंत्र को मजबूत करने में किया जाता है। हालांकि, आयुर्वेद में किसी भी औषधीय द्रव्य का सेवन करने से पहले उसकी शुद्धि करना आवश्यक होता है, ताकि उसकी विषाक्तता समाप्त हो और औषधीय गुण पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी बने रहें।

READ ALSO

एमएल. कोट्रू के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक, कहा- पत्रकारिता को दिया अनमोल योगदान

महाअष्टमी की रात शख्स की गोली मारकर हत्या, एक घायल

कौंच बीज स्वाभाविक रूप से तीव्र और उष्ण प्रकृति के होते हैं, जो सीधे सेवन करने पर शरीर में जलन, गर्मी या पाचन संबंधी विकार उत्पन्न कर सकते हैं। इसलिए इनके शोधन की प्रक्रिया आयुर्वेद में अत्यंत महत्व रखती है।

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

कौंच बीज की सतह पर एक महीन रोमयुक्त परत होती है, जो त्वचा के संपर्क में आने पर खुजली, जलन और एलर्जी पैदा कर सकती है। साथ ही, बिना शोधन के ये बीज पाचन तंत्र में अवरोध उत्पन्न कर सकते हैं। इसलिए इन बीजों को विशेष आयुर्वेदिक विधियों से शुद्ध किया जाता है, जिससे उनके हानिकारक प्रभाव समाप्त हो जाते हैं और वे सुरक्षित औषधि बन जाते हैं।

शोधन की पारंपरिक विधि में सबसे पहले कौंच बीजों को अच्छी तरह से धूप में सुखाया जाता है, फिर उनकी रोमयुक्त परत को सावधानीपूर्वक रगड़कर हटाया जाता है। इसके बाद शोधन के लिए तीन प्रमुख विधियां अपनाई जाती हैं।

पहली विधि में बीजों को गाय के दूध में डालकर धीमी आंच पर 3 से 6 घंटे तक पकाया जाता है, जब तक बीज मुलायम होकर छिलका अलग न कर दें। पकाने के बाद छिलका हटाकर बीजों को धोकर सुखाया जाता है और फिर चूर्ण बनाया जाता है।

दूसरी विधि में बीजों को दूध में डालकर लगभग 24 घंटे के लिए रखा जाता है, जिससे वे फूल जाते हैं और छिलका स्वतः अलग हो जाता है।

तीसरी विधि गोमूत्र में शोधन की है, जो खासतौर पर वात और स्नायु रोगों में उपयोगी मानी जाती है। इसमें बीजों को गोमूत्र में उबालकर शुद्ध किया जाता है।

शुद्ध कौंच बीजों को पीसकर चूर्ण बनाया जाता है, जो अब पूरी तरह विषरहित और औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसे आयुर्वेद में कौंच पाक, कौंच चूर्ण, और कौंच घृत के रूप में उपयोग किया जाता है।

ADVERTISEMENT

ये वीर्य वृद्धि, शुक्र धातु की पुष्टि, मानसिक तनाव और अनिद्रा में लाभकारी होते हैं। इसके अलावा कौंच बीज पार्किंसन जैसे तंत्रिका रोगों में भी सहायक साबित हुए हैं क्योंकि इसमें प्राकृतिक एल-डोपा पाया जाता है। स्नायु तंत्र को मजबूत कर शारीरिक कमजोरी दूर करने में भी यह अत्यंत उपयोगी है।

–आईएएनएस

पीआईएम/एबीएम

देशबन्धु

Related Posts

ताज़ा समाचार

एमएल. कोट्रू के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक, कहा- पत्रकारिता को दिया अनमोल योगदान

October 1, 2025
ताज़ा समाचार

महाअष्टमी की रात शख्स की गोली मारकर हत्या, एक घायल

October 1, 2025
ताज़ा समाचार

बांग्लादेश की महिलाओं को अर्थव्यवस्था में बढ़ती कमजोरी का सामना करना पड़ रहा: रिपोर्ट

October 1, 2025
ताज़ा समाचार

‘केलवा के पात’ से ‘पद्म विभूषण’ तक: शारदा सिन्हा की अनमोल यात्रा

October 1, 2025
ताज़ा समाचार

महिला वनडे विश्व कप : भारतीय टीम का विजयी आगाज, श्रीलंका को दी मात, बल्ले और गेंद से दीप्ति का कमाल

October 1, 2025
ताज़ा समाचार

लद्दाख प्रशासन ने सोनम वांगचुक पर लगे उत्पीड़न के आरोपों को नकारा

October 1, 2025
Next Post

पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने परिवार के साथ की मां दुर्गा की आराधना

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

116425
Total views : 6029143
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In