नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विजयादशमी की पूर्व संध्या पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में उन्होंने इस पर्व को सत्य, न्याय और धर्म की जीत का प्रतीक बताया, जो भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय मूल्यों की गहरी झलक प्रस्तुत करता है।
देशभर में नवरात्रि का पर्व उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का उत्सव है और लोगों को सकारात्मकता अपनाने की प्रेरणा देता है। ऐसे में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विजयादशमी की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक विजयादशमी का पर्व हमें सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।”
देश के विभिन्न हिस्सों में विजयादशमी को अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है। उत्तर भारत में रावण दहन के साथ यह पर्व भगवान राम की रावण पर विजय की याद दिलाता है, वहीं पूर्वी और दक्षिणी भारत में दुर्गा पूजा के रूप में मां दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध कर लोगों में शांति के संदेश के साथ यह उत्सव मनाया जाता है।
राष्ट्रपति ने अपने संदेश में इन परंपराओं का उल्लेख करते हुए कहा, “ये उत्सव हमारे सांस्कृतिक वैविध्य को दर्शाते हैं और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करते हैं। साथ ही यह पर्व हमें एकजुट होकर देश और समाज के लिए काम करने की प्रेरणा देता है।”
राष्ट्रपति ने कामना की कि विजयादशमी का यह पर्व देशवासियों को एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए प्रेरित करे, जहां न्याय, समानता और सद्भाव के मूल्य सर्वोपरि हों। उन्होंने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे इस अवसर पर एक-दूसरे के प्रति प्रेम, करुणा और भाईचारे की भावना को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा, “हमें एक ऐसा देश बनाना है जहां हर व्यक्ति सम्मान और सुरक्षा के साथ आगे बढ़े।”
बता दें कि इस वर्ष विजयादशमी का उत्सव 2 अक्टूबर को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। दिल्ली, लखनऊ, अयोध्या समेत देश के कई शहरों में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन होगा, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
–आईएएनएस
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