छत्रपति संभाजीनगर, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। एनसीपी (एसपी) नेता रोहित पवार ने महाराष्ट्र के मराठावाड़ा में आई बाढ़ और किसानों की बर्बाद हुई फसलों को लेकर जिलाधिकारी से चर्चा की। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि बाढ़ में हुए नुकसान के सर्वे में जो अड़चन आ रही है, उसी के सिलसिले में कलेक्टर से मिले हैं।
छत्रपति संभाजीनगर में एनसीपी विधायक रोहित पवार जिला अधिकारी से मिलने पहुंचे। रोहित पवार ने मूसलाधार बारिश से बर्बाद हुई किसानों की फसलों को लेकर चर्चा की। इस दौरान बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता भी जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
कार्यकर्ताओं का कहना है कि किसानों को तुरंत मदद मिलनी चाहिए। क्योंकि अभी भी किसानों के खेतों में पानी भरा हुआ है और कई सारे ऐसे लोग हैं, जो अपने घरों से बेघर हैं।
रोहित पवार ने मीडिया वार्ता में बताया कि बाढ़ में हुए नुकसान के सर्वे में जो अड़चन आ रही है, उसी के सिलसिले में कलेक्टर से मिले। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के विरोध में काम कर रही है। किसानों के हित में जो मुद्दे हैं, उसे कलेक्टर के माध्यम से सरकार तक पहुंचाने का अनुरोध किया है। अगर ऐसा नहीं होता है तो मराठवाड़ा क्षेत्र में किसान बड़ा आंदोलन करेंगे।
पवार ने प्रदेश सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले अलग जीआर निकाला गया था। इसमें किसानों को अच्छी सुविधा दी जाती थी। लेकिन चुनाव के बाद सत्ता मिलने पर जीआर बदल दिया गया। हम सबका कहना है कि यह सरकार किसानों के हितों को ध्यान में नहीं रख रही है। यह सरकार सत्ता में पैसा कमाने और भ्रष्टाचार के लिए बैठी है।
उन्होंने अहिल्यानगर मामले को लेकर कहा कि वहां पर कुछ ऐसे नेता हैं, जो आज अलग पक्ष में हैं। सत्ता में हैं, लेकिन आने वाले समय में वह भाजपा में जाना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने अहिल्यानगर में हिंदू-मुस्लिम समुदाय के मामले को बढ़ाने का काम किया है। नेता वहां पर समुदायों को भड़काने का काम कर रहे हैं। रोहित पवार ने लोगों को एकजुट होने की अपील की।
–आईएएनएस
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