नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पापांकुशा एकादशी शुक्रवार को पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है, जो साधकों को धन, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का आशीर्वाद देती है।
द्रिक पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सुबह के 11 बजकर 46 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। राहुकाल का समय सुबह 10 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। एकादशी का समय 2 अक्टूबर को शाम के 7 बजकर 10 मिनट से शुरू होकर शाम के 6 बजकर 32 मिनट तक रहेगा।
इसके बाद द्वादशी लग जाएगी। इस तिथि को सूर्य कन्या राशि में और चंद्रमा रात के 9 बजकर 27 मिनट तक मकर राशि में रहेंगे। इसके बाद कुंभ राशि गोचर करेंगे।
शास्त्रों में पापांकुशा एकादशी को हजारों अश्वमेध यज्ञ के समान फल देने वाला बताया गया है। इस दिन उपवास रखने से जाने-अनजाने पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।
भगवान विष्णु की कृपा से विवाह, करियर, नौकरी, परीक्षा और व्यापार की बाधाएं भी दूर होती हैं। इस व्रत में रात्रि जागरण, भजन-कीर्तन और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का विशेष स्थान है। शाम को तुलसी के नीचे घी का दीपक जलाकर 11 परिक्रमा करने और ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र का जाप करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं।
रुके हुए कार्यों को पूर्ण करने के लिए पूर्व दिशा में मुख करके घी का दीपक जलाकर भगवद गीता के 11वें अध्याय का पाठ करें तो प्रभु की कृपा होती है।
इस दिन पीली वस्तुओं का दान, भगवान के नामों का जाप और भक्ति कार्यों पर ध्यान दें। यह व्रत न केवल आध्यात्मिक, बल्कि भौतिक सुख-समृद्धि के लिए भी प्रभावी माना जाता है। इस पापांकुशा एकादशी पर भगवान विष्णु की कृपा से जीवन को नई दिशा दें।
–आईएएनएस
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