नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार के अनुसार, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) को रिटेलर्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा जीएसटी 2.0 लागू करने से जुड़ी शिकायतें मिल रही हैं, जिनमें से अधिकांश शिकायतें दूध की कीमतों से जुड़ी हैं। इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, एलपीजी और पेट्रोल की कीमतों को लेकर शिकायतें प्राप्त की गई हैं।
उपभोक्ताओं की शिकायतें थीं कि उन्हें जीएसटी रेट कट के बाद भी ताजा दूध पुरानी कीमतों पर मिल रहा है। जबकि कीमतें कम होनी चाहिए थीं। इस पर सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (सीसीपीए) ने उपभोक्ताओं की गलत धारणाओं को दूर करते हुए स्पष्ट किया कि ताजा दूध पहले से ही जीएसटी के दायरे में नहीं आता। जबकि, हाल के जीएसटी दर सुधार में अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (यूएचटी) दूध को भी जीएसटी से छूट दी गई है।
ई-कॉमर्स वेबसाइटों से खरीदे गए इलेक्ट्रॉनिक सामान से जुड़ी शिकायतों की भी भरमार थी।
उपभोक्ताओं ने शिकायत की कि ऑनलाइन खरीदे गए लैपटॉप, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन और अन्य कंज्यूमर ड्यूरेबल पर अभी भी सुधार से पहले की जीएसटी दरें लागू हैं और उन्हें टैक्स में कटौती का कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
इस पर सीसीपीए ने साफ किया कि जीएसटी सुधार के तहत टीवी, मॉनिटर, डिशवॉशिंग मशीन, एसी पर रेट 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। लैपटॉप, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन जैसे सामान पर पहले से ही 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है।
एक अन्य शिकायत घरेलू एलपीजी सिलेंडर से जुड़ी थी। उपभोक्ताओं ने बताया कि सुधार के बाद एलपीजी के रेट्स कम नहीं हुए। इस पर सीसीपीए ने बताया कि घरेलू एलपीजी पर 5 प्रतिशत की जीएसटी दर लागू है, जिसे लेकर कोई बदलाव नहीं किया गया है।
पेट्रोल की कीमतों से संबंधित भी कई शिकायतें आईं। कई उपभोक्ताओं ने शिकायत की कि पेट्रोल की कीमतें कम नहीं हुईं। जबकि सीसीपीए ने स्पष्ट किया कि पेट्रोल जीएसटी के दायरे में नहीं आता।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार, “पेट्रोल की कम कीमतों की उपभोक्ताओं की उम्मीद रिटेलर्स या तेल कंपनियों की किसी चूक की बजाय जीएसटी सुधार के दायरे को लेकर गलतफहमी को दर्शाती है।”
नेक्स्ट-जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म 2025 के कार्यान्वयन को देखते हुए एनसीएच को अब तक जीएसटी से जुड़ी 3,981 कॉल मिली हैं, जिनमें 31 प्रतिशत पूछताछ और 69 प्रतिशत शिकायतें शामिल हैं। इन शिकायतों को त्वरित कार्रवाई के लिए संबंधित ब्रांड मालिकों और ई-कॉमर्स कंपनियों को भेजा गया है।
इसके अलावा, सीसीपीए ने सामूहिक कार्रवाई शुरू करने के लिए इन शिकायतों की विस्तृत समीक्षा शुरू की है।
कुल शिकायतों में से जीएसटी से जुड़ी 1,992 शिकायतें उचित कार्रवाई के लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) को भेजी गई हैं, जबकि 761 शिकायतों को समाधान के लिए संबंधित कंपनियों को तुरंत भेजा गया है।
जीएसटी से जुड़ी शिकायतों की रिपोर्टिंग के इस पहले सप्ताह से पता चलता है कि उपभोक्ता शिकायत निवारण प्रणाली में सक्रिय रूप से और उत्साह से भाग ले रहे हैं, जो उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा बनाए गए संस्थागत तंत्र में जागरूकता और विश्वास को दर्शाता है।
–आईएएनएस
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