पटना, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की कोलंबिया में ‘भारतीय लोकतंत्र’ पर की गई टिप्पणी से चुनावी राज्य बिहार में राजनीति गरमाई हुई है। भाजपा और जदयू के नेता लगातार हमलावर हैं। उन्होंने आरोप लगाए कि राहुल गांधी देशविरोधी ताकतों के इशारों पर काम करते हैं।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और बिहार चुनाव के भाजपा सह-प्रभारी केशव प्रसाद मौर्य ने पटना में कहा कि कांग्रेस मनोरोगी पार्टी बन चुकी है। इसे ‘मोदी फोबिया’ हो गया है। ये लोग इस भय से ग्रस्त रहते हैं कि अब कांग्रेस सत्ता में कभी वापस नहीं आएगी।
केशव प्रसाद मौर्य ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “राहुल गांधी सत्ता के लिए तड़प रहे हैं, इसलिए देशविरोधी बयान देते हैं और देशविरोधी ताकतों के इशारों पर काम करते हैं। देश के लोकतंत्र, संविधान और संवैधानिक संस्थानों को खतरे में बताते हैं। वह खुद लोकतंत्र के जरिए ही चुनकर संसद गए और अभी नेता प्रतिपक्ष हैं।”
इस दौरान केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बिहार में एनडीए की विजय के लिए जो जिम्मेदारी मुझे दी गई है, हम दिन रात परिश्रम करेंगे और गठबंधन की सरकार बनाने का काम करेंगे।
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा, “राहुल गांधी कभी भी भारतीयता की भावना को आत्मसात नहीं कर पाए। उन्हें अपने देश पर गर्व होना चाहिए और उसके सम्मान की बात करनी चाहिए। ये युवराज हैं और अनुकंपा की राजनीति करने वाले लोग हैं। उन्हें अपना परिवार ही देश नजर आता है। वे देश को देश ही नहीं समझते हैं। इसलिए वे भारत की उस लोकतांत्रिक व्यवस्था को बदनाम कर रहे हैं, जिसका दुनिया सम्मान करती है।”
उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री की साफ नीति के कारण हर भारतीय गौरवान्वित है।
राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, “ये लोग खुद के लिए खतरा हैं। जनता ने उन्हें नकार दिया है, जिससे लोकतांत्रिक व्यवस्था में उनके लिए खतरा पैदा हो गया है। जनता उन्हें सबक सिखाती रहेगी।”
जदयू सांसद संजय कुमार झा ने कहा, “वह (राहुल गांधी) बिहार भी आए थे। जो कोई मुद्दा ही नहीं है, उसके लिए यात्रा कर रहे थे। किसी पार्टी या उसके नेताओं का विरोध करते हुए वे आखिरकार देश का ही विरोध कर बैठते हैं।”
भाजपा नेता ऋतुराज सिन्हा ने कहा, “राहुल गांधी का एक चरित्र बन चुका है कि देश के अंदर अराजकता फैलाने का प्रयास करना और देश के बाहर जाकर अपने ही देश को गाली देना। वे भूल जाते हैं कि वह देश के प्रधानमंत्री का विरोध करते-करते देश का ही विरोध करने लगते हैं। यह किसी भी भारतीयों को स्वीकार नहीं है और ना उनको शोभा देता है।”
–आईएएनएस
डीसीएच/