नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत के आईटी सर्विस सेक्टर की सस्टेनेबल ग्रोथ पिछले तीन वर्षों की ट्रेंडलाइन से ऊपर 4 से 5 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है । यह जानकारी शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।
एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, विश्लेषकों ने आने वाले महीनों में कम मैक्रो अस्थिरता का अनुमान लगाया है और वित्त वर्ष 27 में वृद्धि में सुधार की उम्मीद बनी हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मैक्रोइकॉनमिक अनिश्चितता और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के डिफ्लेशनरी प्रभाव के कारण मांग कमजोर रहने से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आईटी सर्विस सेक्टर में कोई सुधार नहीं होगा।
रिपोर्ट में कहा गया, “हमारे विचार से ये कारक वित्त वर्ष 2027 तक सुधार नहीं दिखाएंगे, क्योंकि वैश्विक दबाव से मूल्य दबाव में कमी आएगी। साथ ही कई आईटी शेयरों को ‘बाय’ रेटिंग दी गई है।”
दूसरी तिमाही में वृद्धि पहले तिमाही के समान रहने की उम्मीद है, जो मुख्य रूप से वेंडर कंसोलिडेशन और लागत में कटौती के सौदों की वजह से होगी, जिसे एचएसबीसी ने जीरो-सम गेम का नाम दिया है।
रिसर्च फर्म ने कहा, ” सेक्टर का सस्टेनेबल ग्रोथ रेट 4-5 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी, हालांकि पिछले तीन वर्षों में वृद्धि इस ट्रेंड दर से भी कम रही है। जबकि वित्त वर्ष 24 और वित्त वर्ष 25 जीसीसी को शेयर में नुकसान से प्रभावित हुए, वहीं, वित्त वर्ष 26 एआई डिफ्लेशन और अनिश्चित मैक्रो वातावरण से प्रभावित हुआ है।”
रिपोर्ट में कहा गया कि हाल के अमेरिकी कॉर्पोरेट परिणाम भले ही अच्छे हों, लेकिन कंपनियां अभी भी नए खर्चों पर रोक लगा रही हैं।
फर्म के अनुमान के अनुसार, त्रैमासिक अनुमानों से पता चलता है कि बड़ी आईटी फर्मों द्वारा डॉलर में 0-2 प्रतिशत की क्रमबद्ध वृद्धि की उम्मीद है। मिड-टियर कंपनियों में 1 प्रतिशत की गिरावट या 5.5 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।
हालांकि, फर्म ने कहा कि लार्ज कैप आईटी स्टॉक्स अब पांच वर्ष के बाय-एंड-होल्ड कंपाउंडिंग स्टॉक्स नहीं रह गए हैं। बल्कि इनके साइकल और वोलैटिलिटी को लेकर एक्टिव मैनेजमेंट की जरूरत रहेगी।
–आईएएनएस
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