हरदा. जिले में इस वर्ष खरीफ फसल को भारी नुकसान हुआ है। किसान आक्रोश मोर्चा द्वारा किए गए आह्वान पर 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन जिले की अधिकांश ग्राम सभाओं में सर्वसम्मति से 70% फसल नुकसान का प्रस्ताव पारित किया गया। यह कदम जिले में किसानों की बिगड़ती आर्थिक स्थिति और कृषि संकट को लेकर उठाया गया है।
किसान आक्रोश मोर्चा ने बताया कि किसानों की फसलें सूखा, अनियमित बारिश और कीट प्रकोप जैसी समस्याओं के चलते नष्ट हो चुकी हैं। इसके चलते किसान कर्ज़, खाद-बीज की लागत और आगामी फसल की तैयारी को लेकर चिंतित हैं।मोर्चा ने कहा कि यदि सरकार वास्तव में किसानों के साथ है, तो उसे इस संकट की घड़ी में किसानों को राहत प्रदान कर उनके विश्वास को कायम रखना चाहिए।
ज्ञापन के साथ ग्राम सभाओं द्वारा पारित प्रस्तावों की प्रतियां भी प्रशासन को सौंपी जाएंगी।
मोर्चा के शैलेंद्र वर्मा एवं अमन दुबे ने बताया कि सोमवार को किसान प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से भेंट कर ज्ञापन सौंपेगा, जिसमें निम्नलिखित मांगें की जाएंगी.
जिले में 70% या उससे अधिक फसल नुकसान की आधिकारिक घोषणा की जाए, किसानों को पूरा फसल बीमा और मुआवजा प्रदान किया जाए, रबी फसल के लिए किसानों को बीज, खाद व आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए, फसल नुकसान का निष्पक्ष सर्वेक्षण कर तत्काल रिपोर्ट शासन को भेजी जाए।