नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। दशहरे पर रावण दहन के एक दिन बाद, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शुक्रवार को कहा कि शहर में वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गिरकर 88 (संतोषजनक श्रेणी) पर आ गया है।
उन्होंने कहा कि शहर के दो प्रमुख प्रदूषण हॉटस्पॉट में ‘संतोषजनक’ एक्यूआई स्तर दर्ज किया गया। सिरसा ने बताया कि नरेला में एक्यूआई 66 और मुंडका में 76 दर्ज किया गया, जो निरंतर और लक्षित हस्तक्षेपों की सफलता को दर्शाता है।
सिरसा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अक्टूबर महीना आमतौर पर प्रदूषण के बढ़ते स्तर से जुड़ा होता है। उन्होंने इस बदलाव का श्रेय जमीनी स्तर पर की गई अथक कार्रवाई को दिया।
उन्होंने कहा कि अक्टूबर का एक संतोषजनक दिन इस बात का सबसे स्पष्ट प्रमाण है कि मशीनी सफाई, धुंध, निर्माण और विध्वंस स्थलों पर धूल नियंत्रण और पारंपरिक अपशिष्ट जैव-खनन जैसे उपाय कारगर साबित हो रहे हैं। यह लगातार चौबीसों घंटे पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों का नतीजा है, संयोग का नहीं।
सिरसा ने दोहराया कि अब दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार का एकमात्र कारण मौसम नहीं है। उन्होंने कहा कि आज हम जो स्वच्छ हवा देख रहे हैं, वह नीतियों, क्रियान्वयन और टीम वर्क का परिणाम है। दिल्ली यह साबित कर रही है कि दृढ़ संकल्प, व्यवस्था और निरंतर कार्रवाई से स्वच्छ हवा प्राप्त करना संभव और टिकाऊ है।
दिल्ली में 1 जनवरी से 3 अक्टूबर 2025 के बीच 190 स्वच्छ वायु दिवस दर्ज किए जा चुके हैं, जो लगभग एक दशक में इस अवधि के लिए सबसे अधिक है।
इस प्रदर्शन से 2025 अब तक का सबसे अच्छा साल बन सकता है, सिवाय 2020 के, जब महामारी लॉकडाउन के कारण दिल्ली में 227 ऐसे दिन देखे गए थे।
उन्होंने कहा कि वह रिकॉर्ड भी अब करीब है, जो दिल्ली की स्वच्छ हवा की लड़ाई में ऐतिहासिक बदलाव की तैयारी दिखाता है।
मंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के प्रभावी मार्गदर्शन में दिल्ली अल्पकालिक समाधानों से दीर्घकालिक समाधानों की ओर बढ़ रही है। अक्टूबर में वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार इस सक्रिय दृष्टिकोण की ताकत को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में स्वच्छ हवा का यह बदलाव कोई संयोग नहीं है। यह कई योजनाओं को एक साथ मिलकर लागू करने का परिणाम है। दिल्ली में बड़े पैमाने पर पेड़ लगाने, सड़कों की मशीन से सफाई, निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण, बड़े व्यावसायिक प्रोजेक्ट्स में एंटी-स्मॉग गन का अनिवार्य उपयोग और पुराने कचरे की बायो-माइनिंग जैसे कदमों को सख्ती से लागू किया जा रहा है।
सिरसा ने आगे कहा कि हमने प्रदूषण वाले क्षेत्रों में मिस्टिंग सिस्टम लगाए, रियल-टाइम निगरानी के लिए केंद्रीकृत व्यवस्था बनाई, समय पर कचरा संग्रह सुनिश्चित किया और नई सड़कों का निर्माण व मरम्मत की। ये सभी कदम दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक बड़े चक्र का हिस्सा हैं, जिसका असर दिखाई दे रहा है।
मंत्री ने एक रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि पिछले 24 घंटों में की गई कार्रवाइयों में शामिल हैं: 10,869 मीट्रिक टन कचरे को हटाना, 6,265 किमी सड़कों की सफाई, 2,171 मीट्रिक टन निर्माण कचरे को हटाना और 8,894 मीट्रिक टन पुराने कचरे की बायो-माइनिंग (भलस्वा: 3,839 मीट्रिक टन, ओखला: 2,547 मीट्रिक टन, गाजीपुर: 2,508 मीट्रिक टन)।
–आईएएनएस
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