अमरपाटन/मैहर. मध्यप्रदेश के नवीन गठित मैहर जिले के स्थापना”गौरव दिवंस”का आयोजन 05/10/2025 को मैहर में भव्यता के साथ आयोजित किया जाना है जिसमे कटनी रोड स्थित धतूरा ग्राम के पास संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन एवम राजस्व विभाग के आवास गृहों/आवासीय परिसर निर्माण कार्य का भूमि पूजन व अन्य कार्यक्रम आयोजित किया जाना है.
उक्त सम्बन्ध में प्रशाशन द्वारा जारी आमंत्रण का बहिष्कार करने सम्बन्धी पत्र अमरपाटन विधायक व पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष व मंत्री, मध्यप्रदेश शाशन डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह *दादा भाई ,ने जारी कर अमरपाटन विधानसभा की घोर अनदेखी ,का मुद्दा उठाया है,जिसके तहत,मैहर जिले के गठन में अमरपाटन क्षेत्र की सम्मानित जनता,एवम जनप्रतिनिधियों से कोई राय मशविरा नही किया गया और न ही आम सहमति ली गई,वही संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन भी पोंडी धतूरा ग्राम कटनी रोड पर बनाया जा रहा है,जो अमरपाटन ,रामनगर तहसील के ग्रामो से सैकड़ा किलोमीटर की दूरी पर है.
इस पर भी कोई आम सहमति नही ली गई, वही मुकुंदपुर स्थित व्हाइट टाइगर सफारी सहित अन्य छह ग्राम पंचायतों भी रीवा जिले में मिलाने के प्रयास भी जारी है, जिसके चलते अमरपाटन विधानसभा के लिए ठनठन गोपाल ही है उन्होंने सरकार से अपेक्षा की है कि मात्र दो विधान सभा क्षेत्रो को मिलाकर मैहर जिले के गठन में दोनों विधानसभा क्षेत्र की जनता का बराबर हक होना चाहिए,अमरपाटन क्षेत्र की आम जनता ,को सहूलियत देते हुए कृषि विज्ञान केंद्र, जवाहर नवोदय विद्यालय,सहित अन्य,सरकारी कार्यालय अमरपाटन मैहर रोड पर स्थापित किये जायें व सुविधाये,संसाधन बहाल किये जायें,#ऐसी स्थिति में लोकतंत्र में जब विपक्ष के विधायक या आम जनता सहित विपक्ष की जरूरतों,अनिवार्यताओं को नकार कर कोई बेहतर कार्य योजना संचालित होगी कह नही सकते,अब यह बात अलग है कि कॉंग्रेस के शाशन काल में आदरणीय मंत्री रहते हुए.
अमरपाटन विधान सभा क्षेत्र को कल-कारखानों के नाम पर” कितना विकास हुआ था,उस दौरान प्रदेश सरकार के कितने कार्यालय तहसील व विधान सभा क्षेत्र में खुले थे,बाणसागर डूब विस्थापितों आदर्श ग्राम रामनगर बासियो के लिए स्वीकृत 50*90 के भूखंड कैसे 40*90 में कन्वर्ट हो गए,कैसे सरकारी पुनर्वास की सार्वजनिक उपयोग की जमीनें अधिग्रहण,मुआवजा , आबंटन,के पश्चात , पुनःसरकारी वापसी के उपहारों सहित,कुछ को सफेद तो कुछ को काला चूरन देकर नालों,पुलियो,पार्कों में पट्टे कटने लगे,किस तरह से अवैध खनिजों का दोहन ,हो रहा है,कैसे जमीनें बंजर हो रही है.
खाइयां खोदकर अब तक क्या कुछ हासिल हुआ है, पहाड़ खोदे जा रहे है,जंगल नष्ट हो रहे है,प्राकृतिक जीव जंतुओं व पेड़ पौधों की प्रजातियां खत्म हो रही, क्षेत्र की सड़के,नव निर्माण भवन बनने के साथ ही ध्वस्त होते जा रहे है अगर यह भी मुद्दे बन पाते तो बड़ी बात होती,अगर सरकार व प्रशासन चाहे तो अमरपाटन क्षेत्र के सम्मानित जन प्रतिनिधि की मांग पर क्षेत्रीय जनता के हित मे गौर फरमा सकती है.