पटना, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। अमनौर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, बिहार विधानसभा के कुल 243 क्षेत्रों में से एक है और इसकी निर्वाचन क्षेत्र संख्या 120 है। यह क्षेत्र सारण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है और एक सामान्य श्रेणी का विधानसभा क्षेत्र है। अमनौर विधानसभा क्षेत्र का गठन 2008 में संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन आदेश के तहत हुआ था।
अमनौर विधानसभा क्षेत्र अपनी उपजाऊ कृषि भूमि, केले के बागानों और उभरते पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है। गंडक, माही और डबरा नदियों से घिरा यह क्षेत्र कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था का केंद्र है, जहां धान, गेहूं, दाल और केले की खेती प्रमुख है।
अमनौर का वैष्णो देवी मंदिर, जो जम्मू-कश्मीर के कटरा मंदिर की तर्ज पर माही नदी के किनारे बना है, बिहार का एकमात्र अपनी तरह का ऐसा मंदिर है। इसके अलावा, बड़ा पोखरा तालाब अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आकर्षक झरने के लिए पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। हजारों लोग रोजाना परिवार के साथ इस सरोवर का लुत्फ उठाने आते हैं और इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
2008 में परिसीमन के बाद बने इस विधानसभा क्षेत्र में अब तक तीन विधानसभा चुनाव हुए हैं। अमनौर में अमनौर और मकेर सामुदायिक विकास खंड के साथ-साथ परसा प्रखंड की छह ग्राम पंचायतें शामिल हैं। इस सीट पर भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी का प्रभाव रहा है, क्योंकि यह उनका गृह क्षेत्र है।
2010 के चुनाव में जदयू के कृष्ण कुमार मंटू ने निर्दलीय सुनील कुमार राय को भारी मतों से हराया था। 2015 में भाजपा के शत्रुघ्न तिवारी (चोकर बाबा) ने मंटू को हरा दिया था, जबकि 2020 के चुनाव में भाजपा ने टिकट बदलकर कृष्ण कुमार मंटू को उम्मीदवार बनाया, जिन्होंने राजद के सुनील कुमार राय को कड़ी टक्कर देते हुए जीत हासिल की।
अब आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उत्सुकता बढ़ रही है। निर्वाचन आयोग जल्द ही अमनौर विधानसभा क्षेत्र के लिए मतदान और परिणाम की तिथियां घोषित करेगा। सभी राजनीतिक दल चुनाव कार्यक्रम का इंतजार कर रहे हैं और अभी तक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गई है।
–आईएएनएस
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