हैदराबाद, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के वरिष्ठ नेता टी. हरीश राव ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तेलंगाना के प्रति पक्षपाती होने का आरोप लगाया और पूछा कि केंद्र सरकार ने गोदावरी पुष्करम के लिए राज्य को धनराशि क्यों नहीं जारी की है।
उन्होंने कहा, “भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास’ नहीं करती है। भाजपा गरीबों, किसानों या दलितों के पक्ष में नहीं है। वह केवल उत्तर भारत के पक्ष में है।”
केंद्र पर ‘पक्षपात’ का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि उनके द्वारा घोषित 157 मेडिकल कॉलेजों में से एक भी तेलंगाना को नहीं दिया गया।
उन्होंने पूछा, “क्या तेलंगाना देश का हिस्सा नहीं है? भाजपा के लिए तेलंगाना इतना महत्वहीन क्यों है?”
मंत्री राव ने यह भी कहा कि गेहूं का समर्थन मूल्य धान से 216 रुपये ज्यादा है।
उन्होंने आगे कहा, “उत्तर भारत में उगाए गए गेहूं का मूल्य है, लेकिन तेलंगाना में उगाए गए चावल का कोई मूल्य नहीं है। भाजपा को वोट देने के कारण हर किसान को प्रति एकड़ 7,000 रुपये का नुकसान हुआ है।”
यह आरोप लगाते हुए कि दोनों राष्ट्रीय दलों – भाजपा और कांग्रेस – ने तेलंगाना के साथ हर तरह का अन्याय किया है, मंत्री राव ने दावा किया कि केवल बीआरएस ही तेलंगाना के हितों की रक्षा कर सकती है।
उन्होंने कहा कि बीआरएस के पास वापसी के लिए दो साल और हैं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर काम करने को कहा ताकि बीआरएस का झंडा एक बार फिर बुलंद रहे।
उन्होंने कहा कि अगर लोग चाहते हैं कि तेलंगाना को केंद्र से धन और उसका उचित हिस्सा मिले, तो लोगों को बीआरएस को फिर से सत्ता में लाना चाहिए और उसके सांसदों को भी चुनना चाहिए।
बता दें, कि जल्द ही तेलंगाना में स्थानीय निकायों के लिए चुनाव होने वाले हैं। हाल ही में राज्य चुनाव आयोग ने तेलंगाना स्थानीय निकाय चुनावों की तारीख घोषित की। जिला परिषद प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों (जेडपीटीसी) और मंडल परिषद प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों (एमपीटीसी) के चुनाव दो चरणों में होंगे। वहीं ग्राम पंचायत के चुनाव तीन चरणों में पूरे होंगे।
इन दिनों सभी पार्टियां इन्हीं चुनावों के लिए अपनी-अपनी तरह से जनता को लुभाने की कोशिश कर रही हैं। बीआरएस ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि वो सत्ताधारी पार्टी की खामियां गिनाएगी और अन्य पार्टियों की कमजोरियों की ओर सबका ध्यान दिलाएगी।
–आईएएनएस
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