अगरतला, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। त्रिपुरा की राजधानी के बाहरी इलाके नार्सिंघर क्षेत्र स्थित अस्थायी डिटेंशन सेंटर से बारह बांग्लादेशी घुसपैठिए फरार हो गए। सभी को देश वापस भेजे जाने (डिपोर्टेशन) की प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार था। राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने रविवार को इस घटना की पुष्टि की।
जानकारी के अनुसार, 29 सितंबर की रात को उत्तर त्रिपुरा के धर्मनगर उप-जेल से छह कैदियों के भागने के कुछ दिन बाद यह घटना हुई। इन कैदियों में बांग्लादेशी घुसपैठिए, नशा तस्कर और एक उम्रकैद की सजा काट रहा कैदी शामिल थे। उन्होंने जेल गार्ड पर हमला कर फरार हो गए थे।
सोशल वेलफेयर विभाग के निदेशक तपन कुमार दास ने नार्सिंघर स्थित केंद्र का निरीक्षण करने के बाद बताया कि सभी फरार लोग बांग्लादेशी नागरिक हैं जिन्होंने अपनी न्यायिक सजा पूरी कर ली थी और अब उन्हें वापस भेजे जाने की प्रक्रिया चल रही थी। उन्होंने आगे बताया कि इन लोगों को अस्थायी डिटेंशन सेंटर में लगभग 15 दिन से एक महीने तक रखा जाता है जब तक औपचारिकताएं पूरी नहीं हो जातीं। 29 सितंबर को कुल 12 बंदी भागने में सफल रहे, जिनमें से अब तक एक को फिर से गिरफ्तार किया गया है।
दास ने स्पष्ट किया कि सोशल वेलफेयर एंड सोशल एजुकेशन विभाग केंद्र में भोजन, आवास और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराता है, जबकि गृह विभाग सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालता है। वर्तमान में नार्सिंघर डिटेंशन सेंटर में कुल 95 बंदी हैं, जिनमें अधिकांश बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिक हैं। इसके अलावा, यहां 5 नाइजीरियाई और एक फ्रांसीसी नागरिक भी रखे गए हैं।
राज्य प्रशासन ने फरार बंदियों की तलाश में व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है और घटना में हुई सुरक्षा चूक की जांच के आदेश दिए गए हैं।
–आईएएनएस
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