नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में भारी बारिश और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा ने क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान पहुंचाया है, जिसमें सड़कें नष्ट हो गईं और कई लोग फंसे हुए हैं।
राज्यसभा सांसद हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि इस आपदा में कम से कम 20 लोगों की जान चली गई है और मृतकों की संख्या इससे अधिक हो सकती है। घरों, संपत्तियों और सड़कों को भारी नुकसान हुआ है, जिससे स्थानीय निवासियों के लिए गंभीर कठिनाइयां पैदा हो गई हैं।
हर्षवर्धन ने कहा, “मैं दार्जिलिंग क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता हूं, वहां मैंने अपनी सांसद निधि और अन्य सहायता राशि आवंटित की है, लेकिन यह आपदा अभूतपूर्व है। बादल फटने और भारी बारिश ने दार्जिलिंग की पहाड़ियों को बुरी तरह प्रभावित किया है। सिक्किम से भी संपर्क टूट गया है, क्योंकि हाईवे क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जो इस क्षेत्र की जीवन रेखा हैं।”
उन्होंने बंगाल सरकार से इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का आग्रह किया है, ताकि केंद्र सरकार त्वरित कार्रवाई कर सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दार्जिलिंग में हुए नुकसान पर अपनी संवेदना व्यक्त की है। इस पर हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी का संदेश दार्जिलिंग के लोगों के लिए हौसला बढ़ाने वाला है। उनकी चिंता और नेतृत्व लोगों को आश्वासन देता है। उनके मार्गदर्शन में स्थिति को सुधारने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे।”
उन्होंने जलवायु परिवर्तन को इस तरह की आपदाओं का एक प्रमुख कारण बताते हुए वृक्षारोपण जैसे निवारक उपायों पर जोर दिया।
श्रृंगला ने राहत और बचाव कार्यों को तेज करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, “हम फंसे हुए लोगों को बचाने और प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। सिक्किम और दार्जिलिंग के बीच संपर्क बहाली के लिए सड़कों की मरम्मत और वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर भी काम चल रहा है। केंद्र और राज्य सरकारों के समन्वय से प्रभावित क्षेत्रों में जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल करने की कोशिश की जा रही है।
हर्षवर्धन श्रृंगला ने कोलंबिया में लोकसभा नेता राहुल गांधी के हालिया भाषण पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा, “हमारे देश में राजनीतिक मुद्दों और बहसों को संबोधित करने के लिए उचित मंच हैं, जैसे संसद, मीडिया और जनता से सीधा संवाद। विदेश जाकर भारत के खिलाफ बोलना सही नहीं है। कोलंबिया में जाकर हमारे देश की आलोचना करने की क्या जरूरत है?”
–आईएएनएस
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