कोलकाता, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग से भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने रविवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर अपील की कि पहाड़ी, तराई और डुआर्स क्षेत्रों में जारी संकट को ‘राज्य स्तरीय आपदा’ घोषित किया जाए।
क्षेत्र में बीते दो दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और भूस्खलन के चलते जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है।
भाजपा सांसद ने अपने पत्र में लिखा कि 4 और 5 अक्टूबर की रात को हुई भारी बारिश ने दार्जिलिंग की पहाड़ियों, तराई और डुआर्स इलाकों में भारी तबाही मचाई है। उन्होंने दावा किया कि इस आपदा में जान-माल की भारी क्षति हुई है। कई सड़कों और पुलों जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है, जबकि किसानों की फसलें और घर नष्ट हो गए हैं।”
बिष्ट ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि राज्य सरकार केंद्र को नुकसान की पूरी जानकारी दे ताकि राहत और पुनर्वास के लिए अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराए जा सकें। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 2023 की तीस्ता बाढ़ को राज्य सरकार ने ‘आपदा’ घोषित नहीं किया था, जिसके कारण पीड़ितों को उचित मुआवजा और सहायता नहीं मिल सकी थी।
सांसद ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि इस बार ऐसी स्थिति न बने और सभी प्रभावित परिवारों को तत्काल वित्तीय सहायता और पुनर्वास उपलब्ध कराया जाए।
उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री पीड़ितों को हरसंभव राहत देंगी और केंद्र सरकार के साथ मिलकर क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में तेजी लाएंगी।”
ताजा रिपोर्टों के अनुसार, अब तक भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं में कम से कम 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य घायल हैं। एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं।
एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की रिपोर्टों के अनुसार, कई स्थानों सरसली, जसबीरगांव, मिरिक बस्ती, धार गांव (मेची), नागराकाटा और मिरिक झील क्षेत्र से लोगों के मरने की सूचना मिली है।
उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने बताया कि जनहानि दुर्भाग्यपूर्ण है और मृतकों की संख्या में वृद्धि की आशंका है। उन्होंने कहा, “अभी तक मरने वालों की संख्या 20 है, लेकिन यह बढ़ भी सकती है।”
–आईएएनएस
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