केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए खुशखबरी है। महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी के बाद केन्द्र सरकार ने अब केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना के तहत बड़े सुधार किए हैं। CGHS ने अस्पतालों में इलाज और जांच की दरों में बदलाव किया है। नई दरें अब अस्पताल की मान्यता, प्रकार, शहर की कैटेगरी और वार्ड के आधार पर तय होंगी जो 13 अक्टूबर 2025 से प्रभावी मानी जाएंगी।यह पिछले 15 वर्षों में सबसे बड़ा संशोधन है। इससे पहले अप्रैल 2023 में आईसीयू, कमरे के किराए और परामर्श शुल्क की दरों में आंशिक संशोधन और 2024 में न्यूरो-इम्प्लांट और कुछ शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं की दरों में संशोधन किया गया था।
3 अक्टूबर को केन्द्र सरकार ने करीब 2,000 चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए नई दरें निर्धारित की हैं। ये दरें शहर की श्रेणी (टियर-I, टियर-II, टियर-III) और अस्पताल की गुणवत्ता (जैसे NABH मान्यता) पर आधारित हैं। इसमें टियर-II शहरों में पैकेज दरें आधार दर से 19% कम और टियर-III शहरों में पैकेज दरें आधार दर से 20% कम होंगी।इसके अलावा NABH-मान्यता प्राप्त अस्पताल आधार दर पर सेवाएं प्रदान करेंगे लेकिन गैर-NABH अस्पतालों को 15% कम दरें मिलेंगी। 200 से अधिक बिस्तरों वाले सुपर-स्पेशलिटी अस्पतालों को 15% अधिक दरें मिलेंगी।
कर्मचारियों को कैसे मिलेगा लाभ?
कैशलेस इलाज आसान होने लगेगा। अस्पतालों को पैकेज दरें व्यावहारिक लगेंगी, जिससे वे बिना किसी दिक्कत के CGHS कार्डधारकों को कैशलेस सेवाएं प्रदान कर सकेंगे। जेब से खर्च करने की बाध्यता कम होगी। कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ी रकम पहले ही चुकाने की जरूरत कम होगी। कार्डधारक अब एम्पैनल्ड अस्पतालों में भरोसे के साथ इलाज करवा पाएंगे।