लखनऊ, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने उत्तर प्रदेश के रायबरेली में दलित युवक की पीट-पीट कर हत्या किए जाने को प्रकरण को लेकर कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जहां भी भाजपा की सरकार है, वहां पर दलित समाज के लोग सुरक्षित नहीं हैं।
उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि भाजपा शासित सरकारों का रवैया दलित समुदाय से आने वाले लोगों के प्रति बिल्कुल भी सुरक्षात्मक नहीं है। जिस तरह से इस सरकार ने दमनकारी रवैया अपनाया हुआ है, उसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने उत्तर प्रदेश की रायबरेली में दलित युवक की पीट-पीट कर हत्या किए जाने के मामले में कई गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आखिर उस युवक का कसूर क्या था कि उसे मौत के घाट उतार दिया गया? सिर्फ इसलिए कि वह दलित समुदाय से आता था? सिर्फ इसलिए कि उसने हमारे नेता राहुल गांधी का नाम लिया था?
आज की तारीख में स्थिति ऐसी हो चुकी है कि उत्तर प्रदेश में दलित समुदाय से आने वाला कोई भी व्यक्ति महफूज नहीं है। ऐसे में प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर कई तरह के गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने एसआईआर को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि एसआईआर बिल्कुल गलत है। इसके तहत बिल्कुल गलत व्यवहार किया गया है। कई पात्र मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं।
उन्होंने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के संबंध में कहा कि वे लगातार लद्दाख के युवाओं की समस्याओं को केंद्र सरकार के सामने रख रहे थे। वे युवाओं के मुद्दों को जोरशोर से उठा रहे थे, लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि इस सरकार को अपने विरोध में कोई भी आवाज सुनना पसंद नहीं है। इसी को देखते हुए इन लोगों ने सोनम वांगचुक के खिलाफ दमनकारी रवैया अपनाया है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इन लोगों ने सोनम वांगचुक को गिरफ्तार ही इसलिए किया, ताकि उनकी आवाज को दबाया जा सके।
प्रमोद तिवारी ने कहा कि मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि लद्दाख में सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी से किसी भी समस्या का समाधान नहीं होगा। केंद्र सरकार को यह समझना होगा कि वहां पर युवाओं की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है। वहां के लोग लंबे समय से लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि अभी तक केंद्र सरकार की तरफ से इस संबंध में किसी भी प्रकार का संतोषजनक कदम नहीं उठाया गया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि आज की तारीख में भाजपा की तानाशाही अपने चरम पर पहुंच चुकी है, जिसे अब किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। स्थिति ऐसी बन चुकी है कि पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग लद्दाख के लोग लंबे समय से कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांग पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लोग शांति से रहना चाहते हैं। लोग किसी भी प्रकार की अशांति या उपद्रव अपने आसपास नहीं चाहते हैं, लेकिन यह दुख की बात है कि भाजपा के लोग राज्य में लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं, जयपुर के अस्पताल में लगी आग पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कई गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से बदहाल हो चुकी है। वहां प्रदेश में हर स्तर पर विसंगति और अनियमितता पाई जाती है, लेकिन सरकार को किसी को भी बात की सुध नहीं है। क्या इस तरह के रवैये को किसी भी राज्य में स्वीकार किया जा सकता है? जिन लोगों की अस्पताल में जलकर मौत हो गई, उनका कसूर क्या था?
मैं कहना चाहता हूं कि भाजपा के राज में हर जगह यही हो रहा है। भाजपा शासित राज्य में हर जगह कानून-व्यवस्था चौपट हो चुकी है। इसी राजस्थान में कफ सिरप के नाम पर बच्चों को जहर पिला दिया गया है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि प्रदेश में मासूम बच्चे भी महफूज नहीं हैं।
–आईएएनएस
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