मझौली.शासन प्रशासन चाहे लाख दावे व कोशिश कर ले लेकिन यहां बैठे अधिकारी कर्मचारी शासन प्रशासन के दावे और नियमों की धज्जियां उड़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। मनमानी पूर्वक मुख्यालय से 50 से 100 किलोमीटर पर बड़े शहरों में अपना आशियाना जमाकर शासकीय वाहनों का जमकर दुरुपयोग कर रहे हैं। इतना ही नहीं बिना टैक्सी परमिट के वाहनों का भी अधिकारियों द्वारा सहायक कमीशन के तौर पर उपयोग किया जा रहा है। ऐसे में यदि ईश्वर ना करें कि ऐसा हो लेकिन दुर्घटना घटित होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।ऐसा ही ताजा मामला इन दिनों मझौली व कुशमी उपखंड के कई विभागों में देखने सुनने को मिल रहा है
बताते चले की मुख्यालय अंतर्गत कई ऐसे विभाग है जहां पर अधिकारियों के न रहने से कर्मचारियों की मनमानी चरम पर देखी जा रही है जिससे मजदूर,किसान व लोगों को परेशानी व मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है, बताया जा रहा है कि राजनीतिक एवं सत्ताधारी नेताओं से मिलजुल कर अपने मनमानी कामों को अधिकारियों के द्वारा खुले आम अंजाम दे रहे है, मनमानी पूर्वक समय सारणी को नजर अंदाज करते हुए जिले व अन्य नगरों में निवास बनाकर रह रहे हैं जो कभी-कभार शासकीय वाहनों का ही उपयोग कर शायद कमीशन उगाही के लिए कार्य क्षेत्र पहुंच सैर सपाटा करते हुए पुनः अपने अपने आशियानो के लिए रवाना हो जाते हैं।
पता नहीं यह किसके बलबूते पर इतना निडर और निर्भीक हो गए हैं कि भले ही प्रमुख जिम्मेदार अधिकारी जैसे यदि एसडीएम मझौली को देख लिया जाए तो अवकाश के दोनों पर भी मुख्यालय पर देखे जाते हैं। लेकिन राजस्व विभाग के आर आई,पटवारी तथा अन्य अधिकाश विभागों लोक निर्माण , जल संसाधन, ग्रामीण स्वास्थ्य यांत्रिकी , शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि , आजीविका, आदि विभागों के अधिकारी व कर्मचारी कार्यक्षेत्र से काफी दूर निवास स्थान बनाकर वहीं बैठे शायद कमीशन बटोर काम निपटा रहे हैं।
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वही मझौली, मड़वास सेवा सहकारी समिति प्रबंधकों के मनमानी से किसान परेशान हो रहे है, ऐसे में किसानों एवं लोगों की परेशानी दिनों दिन बढ़ रही है। अब देखना होगा जबकि वास्तविकता के आधार पर खबर प्रकाशन कर जिला प्रशासन के साथ शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया जा रहा है इस सुधार हेतु क्या कुछ कवायत की जाएगी।