नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान भारी हंगामा देखने को मिला, जहां एक वकील ने भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई से दुर्व्यवहार किया। इस घटना के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।
कांग्रेस नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने घटना की कड़ी निंदा की और संविधान पर हमला बताया।
चव्हाण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “मैं आज सुप्रीम कोर्ट में भारत के मुख्य न्यायाधीश पर हुए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। यह दर्शाता है कि सांप्रदायिक ताकतें अपनी नफरत फैलाने के लिए किस हद तक जा सकती हैं। यह संविधान पर हमला है, भारत की अवधारणा पर ही हमला है। सरकार को इस असहिष्णुता को बढ़ावा देने वाले संगठनों पर कार्रवाई करनी चाहिए।”
सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन ने भी इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की। एसोसिएशन ने कहा, “एक वकील के कृत्य पर हम सर्वसम्मति से पीड़ा व्यक्त करते हैं, जिसने अपने अनुचित और असंयमित व्यवहार से भारत के मुख्य न्यायाधीश और उनके साथी न्यायाधीशों के पद व अधिकार का अनादर करने का प्रयास किया।”
एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि वह इस घटना का स्वतः संज्ञान ले और अवमानना की कार्यवाही शुरू करे, ताकि यह संदेश जाए कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ संयम की जिम्मेदारी भी जुड़ी है, खासकर बार के सदस्यों के लिए जो कोर्ट के अधिकारी हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई गवई की अध्यक्षता वाली बेंच एक मामले की सुनवाई कर रही थी, उसी समय आरोपी वकील भड़क उठा और हमले की कोशिश की। उसने, ‘सनातन का अपमान नहीं सहेंगे,’ के नारे भी लगाए। ऐसा कहा जा रहा है कि आरोपी वकील सीजेआई की हालिया टिप्पणी से आहत था।
–आईएएनएस
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