नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। दक्षिण एशिया के सबसे बड़े पोल्ट्री आयोजन 17वें पोल्ट्री इंडिया एक्सपो-2025 का कर्टन रेजर (राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन) सोमवार को नई दिल्ली के एक होटल में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर इंडियन पोल्ट्री इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईपीईएमए) के अध्यक्ष उदय सिंह बायस, संस्थापक अध्यक्ष अनिल धूमल और कोषाध्यक्ष एम. श्रीकांत सहित संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में देशभर से आए मीडिया प्रतिनिधियों के साथ-साथ उद्योग जगत के कई दिग्गज भी शामिल हुए। विशेष अतिथियों में पूर्व पशुपालन सचिव डॉ. तरुण श्रीधर, आईपीएसए अध्यक्ष डॉ. पीके शुक्ला, पीएफआई अध्यक्ष रमेश खत्री, सीएलएफएमए अध्यक्ष दिव्या कुमार गुलाटी और केपीएफबीए अध्यक्ष नवीन पसुपार्थी शामिल थे।
कार्यक्रम के दौरान आगामी 17वें पोल्ट्री इंडिया एक्सपो-2025 की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। यह आयोजन 25 से 28 नवंबर तक हैदराबाद के हाईटेक्स एग्ज़िबिशन सेंटर में होगा। इसके साथ ही 25 नवंबर को “नॉलेज डे” मनाया जाएगा, जिसमें देश-विदेश के विशेषज्ञ पोल्ट्री उद्योग की चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे।
अतिथियों ने कहा कि पोल्ट्री उद्योग देश की फूड सिक्योरिटी, रोजगार सृजन और सस्ती प्रोटीन उपलब्धता में अहम योगदान दे रहा है। भारत आज अंडा उत्पादन में विश्व में दूसरे स्थान पर और ब्रॉयलर मीट उत्पादन में शीर्ष चार देशों में शामिल है। यह उद्योग प्रतिवर्ष 8–10 प्रतिशत की दर से तेजी से बढ़ रहा है।
आईपीईएमए अध्यक्ष उदय सिंह बायस ने कहा, “यह आयोजन न केवल किसानों और उद्योग जगत को जोड़ता है, बल्कि भारत को वैश्विक पोल्ट्री शक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम है। आपकी उपस्थिति ही हमारी सफलता है। आइए मिलकर एक सशक्त पोल्ट्री भविष्य बनाएं।”
संगठन के पदाधिकारी सुरेश ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि यह दुनिया का सबसे बड़ा पोल्ट्री कार्यक्रम है, जिसमें पोल्ट्री से संबंधित हर जानकारी और तकनीकी समाधान उपलब्ध कराए जाते हैं।
पिछले वर्ष हुए 16वें पोल्ट्री इंडिया एक्सपो-2024 में 50 से अधिक देशों के 400 प्रदर्शक और 40,000 से ज्यादा आगंतुक शामिल हुए थे। इस बार आयोजन और भी भव्य होगा, जिसमें 500 से अधिक प्रदर्शक, 50,000 से ज्यादा विज़िटर, और 7 आधुनिक हॉलों में विस्तृत प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
‘वन नेशन, वन एक्सपो’ की थीम पर आधारित यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत 2047” विजन के अनुरूप है, जो देश के किसानों, वैज्ञानिकों, उद्यमियों और युवाओं को एक साझा मंच पर जोड़ने का प्रयास है।
–आईएएनएस
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