जबलपुर. गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) जबलपुर ने स्वदेशी सारंग तोप के अपडेटेड वर्जन का ट्रायल पूरी सफलता के साथ पूरा कर लिया है. लॉंग रूफ फायरिंग रेंज पर शून्य से 45 डिग्री तक विभिन्न पैरामीटर पर इस इंटिग्रेटेड फायरिंग परीक्षण को अंजाम दिया गया. यह ट्रायल करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर किया गया.
जीसीएफ को सेना से सारंग के नए वर्जन के लिए 58 तोपों का ऑर्डर मिल चुका है. नए संस्करण में तोप का बैरल 130 मिलीमीटर से बढ़ाकर 155 मिलीमीटर किया गया है. इसके साथ ही इसकी मारक क्षमता करीब 12 किलोमीटर बढ़कर अब 39 किलोमीटर तक पहुंच गई है.
दुर्गम इलाकों में सेना की मजबूत साथी – जीसीएफ द्वारा तैयार की गई यह तोप भारतीय ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों, सेना और डीआरडीओ की संयुक्त मेहनत का परिणाम है. दुर्गम और कठिन इलाकों में यह तोप भारतीय सेना के लिए बेहद भरोसेमंद साबित हुई है और कई अभियानों में निर्णायक भूमिका निभा चुकी है.
उत्पादन लक्ष्य और प्रगति – जीसीएफ को इस वित्तीय वर्ष में करीब 2300 करोड़ रुपये के आयुध उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है. इसमें टैंक टी-70 और टी-92 का निर्माण भी शामिल है. फैक्ट्री में फिलहाल सारंग तोप समेत अन्य हथियारों के उत्पादन और आपूर्ति को तय समय से पहले पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है.
साल 2010 से सारंग तोप का उत्पादन जारी है. एमओयू के तहत कुल 300 तोपों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया था, जिनमें से 33 तोपों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. भारतीय सेना की मारक क्षमता को नई दिशा देने वाली सारंग तोप अब और भी अधिक उन्नत रूप में तैयार है.