जबलपुर . एक अदालत के आदेश में दूसरे न्यायालय का हस्तक्षेप असामान्य नहीं, लेकिन इस बार का मामला कई मायनों में अलग है. ग्वालियर हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार गुप्ता द्वारा शिवपुरी के अपर सत्र न्यायाधीश (एएसजे) विवेक शर्मा के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश अब विवादों में आ गई है. इस विवाद में अब हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने हस्तक्षेप किया है और अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को तय की गई है.
मुख्य न्यायाधीश संजय सचदेवा और जस्टिस डीडी बंसल की बेंच ने हाईकोर्ट रजिस्ट्री को निर्देश दिया है कि जस्टिस गुप्ता के विवादित आदेश की डिजिटल फाइल अपलोड की जाए, ताकि उसमें दर्ज टिप्पणियों का बारीकी से अवलोकन किया जा सके.
मामला 12 सितंबर 2025 का है, जब जस्टिस राजेश कुमार गुप्ता ने शिवपुरी में पदस्थ एएसजे विवेक शर्मा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की थी. यह सिफारिश एक धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के मामले से जुड़ी सुनवाई के दौरान की गई थी. दरअसल, एएसजे शर्मा ने आरोपी के खिलाफ आरोप तय किए थे, जिसके बाद आरोपी ने जमानत याचिका दायर की थी. यह याचिका जस्टिस गुप्ता की बेंच में आई थी.
सुनवाई के दौरान जस्टिस गुप्ता ने एएसजे के कामकाज पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश कर दी. इस पर जस्टिस अतुल श्रीधरन ने कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि यह आदेश अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर पारित किया गया है. उन्होंने इस पर स्वतः संज्ञान लेते हुए टिप्पणी की कि जस्टिस गुप्ता की टिप्पणियां अभद्र और अनुचित हैं.
अब डिवीजन बेंच करेगी समीक्षा – डिवीजन बेंच इस पूरे प्रकरण की समीक्षा करेगी कि क्या अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश न्यायसंगत थी या यह अधिकार सीमा के उल्लंघन का मामला है. 14 अक्टूबर को इस विवाद पर अगली सुनवाई होगी.