नई दिल्ली, 28 मार्च (आईएएनएस)। कांग्रेस सांसद और अन्य नेता मंगलवार को दिल्ली के चांदनी चौक स्थित लाल किले से टाउन हॉल तक लोकतंत्र बचाओ मशाल मार्च निकालेंगे।
मोदी सरकार के कथित सत्तावादी और निरंकुश शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। यह विरोध सूरत कोर्ट में दोषी ठहराए जाने के बाद राहुल गांधी की संसद से अयोग्यता के बाद किया जा रहा है।
अदानी मामले में जेपीसी जांच को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने अपना विरोध जारी रखने का फैसला किया है।
यह फैसला सोमवार शाम कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर हुई बैठक में लिया गया, जिसमें राहुल गांधी भी शामिल हुए। बैठक में भाग लेने वाले अन्य दलों डीएमके, एनसीपी, जेडी(यू), बीआरएस, सीपीआई (एम), सीपीआई, आप, एमडीएमके, केसी, टीएमसी, आरएसपी, आरजेडी, जम्मू-कश्मीर एनसी, आईयूएमएल, वीकेसी, समाजवादी और जेएमएम शामिल थे।
विपक्षी दलों ने सामूहिक रूप से जेपीसी की मांग के लिए दबाव बनाने और संसद में विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
बैठक के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने ट्वीट में कहा, एक आदमी को बचाने के लिए, मोदी जी 140 करोड़ लोगों के हितों को रौंद रहे हैं। पीएम के परम मित्र की रक्षा के लिए, भाजपा लोगों के मुद्दों पर चर्चा करने वाली संसद को ठप कर देती है। अगर कोई गलती नहीं हुई है, तो सरकार संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जांच की विपक्ष की मांग से क्यों कतरा रही है?
अदानी मुद्दे को जोरो-शोरो से उठाए रखने के लिए कांग्रेस दो दिनों में 35 प्रेस कॉन्फ्रेंस के साथ एक प्रमुख शो आयोजित कर रही है।
–आईएएनएस
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