नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत का वस्तुओं और सेवाओं का कुल निर्यात वित्त वर्ष 26 (चालू वित्त वर्ष) के पहले पांच महीनों में 5.19 प्रतिशत बढ़कर 346.10 अरब डॉलर हो गया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 329.03 अरब डॉलर था। यह जानकारी सरकार की ओर से मंगलवार को दी गई।
भारत के निर्यात में ऐसे समय पर उछाल देखने को मिला है, जब अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक अनिश्चितता के कारण परिस्थितियां विषम बनी हुई हैं।
अप्रैल-अगस्त 2025 के बीच हुए निर्यात में गुड्स की हिस्सेदारी 53.09 प्रतिशत रही है, जबकि सर्विसेज का शेयर 46.91 प्रतिशत रहा है।
विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, विश्व का निर्यात बास्केट 2.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है, जबकि भारत का निर्यात 7.1 प्रतिशत (2024) की दर से बढ़ रहा है, जो वैश्विक वृद्धि दर से काफी अधिक है और देश की प्रगति की रफ्तार को दिखाता है।
बयान में आगे कहा गया कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद में निर्यात का हिस्सा 2015 में 19.8 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 21.2 प्रतिशत हो गया है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में निर्यात में बढ़त को दर्शाता है। भारत के व्यापार प्रदर्शन ने वित्त वर्ष 2025-26 के पहले पांच महीनों में वृद्धि की प्रवृत्ति जारी रखा है।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 में 1 ट्रिलियन डॉलर का निर्यात का लक्ष्य रखा है, जिसमें से 34.61 प्रतिशत लक्ष्य पहले पांच महीनों में ही हासिल कर लिया गया है।
भारत का व्यापारिक निर्यात अप्रैल-अगस्त 2025 में 2.31 प्रतिशत बढ़कर 183.74 अरब डॉलर हो गया है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 179.60 अरब डॉलर था।
भारत का गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न एवं आभूषण निर्यात अप्रैल-अगस्त 2025 में 7.76 प्रतिशत बढ़कर 146.70 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 136.13 अरब डॉलर था। यह इंजीनियरिंग वस्तुओं, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स, रसायनों और अन्य वस्तुओं के बेहतर प्रदर्शन के कारण संभव हुआ है।
–आईएएनएस
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