सीहोर. मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां परिजनों ने एक डॉक्टर पर 2 साल की बच्ची को गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया है. हालत बिगड़ने के बाद बच्ची को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान वह कोमा में चली गई और मंगलवार सुबह उसकी मौत हो गई. घटना के बाद आरोपी डॉक्टर परिवार समेत फरार है और क्लिनिक बंद कर दिया गया है.
गांंव के क्लिनिक में बिगड़ी हालत – ग्राम पिपलिया मीरा निवासी कन्हैयालाल कुशवाहा अपनी बेटी दीक्षा (2) को सर्दी-बुखार होने पर ग्राम बरखेड़ी स्थित मुस्कान क्लिनिक पर ले गए थे. यहां डॉक्टर अशोक विश्वकर्मा ने बच्ची की जांच कर इंजेक्शन लगाया. परिजनों का आरोप है कि इंजेक्शन लगते ही बच्ची की हालत खराब हो गई.
सीहोर से भोपाल तक इलाज, नहीं बची जान – बच्ची को पहले जिला अस्पताल सीहोर ले जाया गया, जहां से उसे हमीदिया अस्पताल भोपाल रेफर किया गया. परिजनों ने उसे भोपाल के मनन चाइल्ड केयर हॉस्पिटल, लालघाटी में भर्ती कराया. डॉक्टरों ने उसकी हालत नाजुक बताई और इलाज के दौरान बच्ची को होश नहीं आया. मंगलवार सुबह इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई.
परिजनों के सवाल और डॉक्टर का व्यवहार – परिजनों का कहना है कि इलाज के दौरान आरोपी डॉक्टर का बेटा देव विश्वकर्मा जिला अस्पताल में दो घंटे तक मौजूद रहा, लेकिन फिर चुपचाप गांव लौट गया. इस पर परिवार ने डॉक्टर के व्यवहार और पूरे मामले पर सवाल उठाए हैं.
पुलिस जांच में जुटी – कोतवाली थाना प्रभारी रविंद्र यादव ने बताया कि परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने ग्राम पिपलिया मीरा पहुंचकर जानकारी जुटाई है. बच्ची का पोस्टमॉर्टम कराया गया है और रिपोर्ट आने के बाद जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. घटना के बाद से आरोपी डॉक्टर और उसका परिवार फरार है, जबकि क्लिनिक पर ताला लगा हुआ है.