नोएडा, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और यूट्यूबर अजीत भारती एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। नोएडा पुलिस ने मंगलवार को उनसे देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति गवई पर की गई अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में पूछताछ की।
बता दें कि यह कार्रवाई नोएडा के सेक्टर-58 थाना पुलिस द्वारा की गई। पुलिस ने अजीत भारती को पूछताछ के लिए बुलाया और करीब एक घंटे तक उनसे विस्तृत पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक, अजीत भारती ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने सीजेआई पर आपत्तिजनक और अमर्यादित टिप्पणी की थी।
इसके अलावा, उन्होंने अपने एक वीडियो में भी सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को लेकर कई तरह के विवादित और अपमानजनक बयान दिए थे। इस पर कई यूजर्स ने कड़ी आपत्ति जताते हुए पुलिस से शिकायत की। शिकायतों के बाद नोएडा पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अजीत भारती को पूछताछ के लिए तलब किया।
थाने में हुई पूछताछ के दौरान पुलिस अधिकारियों ने उनसे उनके बयान और विवादित पोस्ट को लेकर सवाल किए। पूछताछ के दौरान अजीत भारती ने स्वीकार किया कि उन्होंने संबंधित पोस्ट किया था और यह भी कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावना आहत करना नहीं था।
अजीत भारती ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि सामान्य प्रक्रिया के तहत उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इसमें किसी तरह की समस्या नहीं है।
अजीत भारती ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, ”मैं सकुशल हूं। कोई गिरफ्तारी नहीं हुई, कोई कस्टडी नहीं। आप लोग चिंतित न हों। ये पत्रकार जीवन का एक अंग है।”
उन्होंने पुलिस को यह भी आश्वासन दिया कि वह अपना विवादित ट्वीट और संबंधित वीडियो डिलीट कर देंगे ताकि किसी प्रकार का विवाद और न बढ़े। करीब एक घंटे तक चली पूछताछ के बाद पुलिस ने अजीत भारती को रिहा कर दिया। हालांकि, पुलिस ने मामले की जांच जारी रखने की बात कही है।
अधिकारियों के अनुसार, अगर आगे किसी प्रकार की शिकायत या साक्ष्य सामने आते हैं तो कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
गौरतलब है कि अजीत भारती सोशल मीडिया पर अपने तीखे और विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं। वह अक्सर राजनीतिक, सामाजिक और न्यायिक मुद्दों पर अपने विचार रखते हैं, जिनमें कई बार तीखापन देखने को मिलता है। इस बार सीजेआई पर की गई टिप्पणी ने उन्हें कानूनी दायरे में ला दिया है।
नोएडा पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि सोशल मीडिया पर संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों या संस्थाओं के खिलाफ अभद्र भाषा या भ्रामक टिप्पणी करने से बचें, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
–आईएएनएस
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