मुंबई, 8 अक्टूबर (आईएएनएस) स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) और इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) के चेयरमैन सी.एस. शेट्टी ने बुधवार को कहा कि बैंक नो योअर कस्टमर (केवाईसी) और रि-केवाईसी प्रोसेस को अधिक यूजर-फ्रेंडली बनाने पर काम कर रहा है।
ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 के अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि एसबीआई इन बदलावों को लाने के लिए नियामकों और सरकार के साथ मिलकर काम करेगा।
शेट्टी ने रिपोटर्स से कहा, “हम केवाईसी प्रक्रियाओं को सरल बनाने पर काम कर रहे हैं। भले ही इसके लिए नियामकों और सरकार के साथ बातचीत करनी पड़े, हम पूरी केवाईसी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एसबीआई की ओर से पहल कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक द्वारा दिए गए एक्सटेंडेड ट्रांजीशन पीरियड को देखते हुए, एक्सपेक्टेड क्रेडिट लॉस (ईसीएल) आधारित परिसंपत्ति प्रावधान प्रणाली में बदलाव से बैंकों की बैलेंस शीट पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
शेट्टी ने एक सरल केवाईसी प्रणाली की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि नीति निर्माताओं, फिनटेक कंपनियों और प्रौद्योगिकी डेवलपर्स सहित सभी हितधारकों को बेहतर समावेशन के लिए केवाईसी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
इस साल की शुरुआत में, 12 जून को, भारतीय रिजर्व बैंक ने इस प्रक्रिया को अधिक फ्लेक्सिबल बनाने के लिए अपने केवाईसी नियमों में संशोधन किया था।
नए दिशानिर्देश बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट को ग्राहकों को केवाईसी अपडेट में मदद करने की अनुमति देते हैं और बैंकों को केवाईसी की समय-सीमा के बारे में पहले से रिमाइंडर भेजने की आवश्यकता होती है।
आरबीआई ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी), इलेक्ट्रॉनिक लाभ हस्तांतरण (ईबीटी) और प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) जैसी सरकारी योजनाओं से जुड़े खातों के लिए केवाईसी अपडेट में एक बड़े बैकलॉग का भी जिक्र किया था।
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ऋण देने के बारे में बात करते हुए, शेट्टी ने कहा कि एसबीआई को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) पर और अधिक क्रेडिट उत्पाद पेश करने से पहले अपने ऋण संग्रह तंत्र को मजबूत करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “यूपीआई पर और अधिक उत्पाद लॉन्च करने से पहले हमें संग्रह प्रक्रिया को सही करना होगा। यह एक बहुत ही शक्तिशाली उपकरण है और लोगों के लिए समावेशी ऋण का एक प्रमुख तत्व है।”
–आईएएनएस
एसकेटी/