नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को बुधवार को एक पत्र लिखा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बिहार एसआईआर जवाबों से अधिक प्रश्न उठाता है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग के ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ (एसआईआर) अभियान से जवाबों के बजाय ज्यादा सवाल पैदा हो गए हैं। कांग्रेस ने मांग की है कि आयोग मशीन-पठनीय मतदाता सूची उपलब्ध कराए और सभी हटाए गए नामों का विस्तृत विवरण दे।
एआईसीसी के महासचिव जयराम रमेश ने पत्र में कहा कि आयोग ने 7.42 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं की अंतिम सूची जारी की, लेकिन पार्टी की कई अपीलों के बावजूद मशीन-पठनीय फॉर्मेट नहीं दिया। सूची को 90,000 अलग-अलग इमेज फाइलों में जारी किया गया, जिससे विश्लेषण असंभव हो गया। उन्होंने सवाल उठाए, “भारतीय निर्वाचन आयोग मतदाता सूचियों का विश्लेषण आसान बनाने में हिचकिचा क्यों रहा है? उसे किस बात का डर है?”
यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच चुका है, जहां एसआईआर की वैधता पर सुनवाई चल रही है। पार्टी के प्रारंभिक विश्लेषण के आधार पर पत्र में कई गंभीर सवाल उठाए गए हैं।
30 लाख मतदाताओं के नाम गायब : 2024 लोकसभा चुनावों में 7.72 करोड़ मतदाता थे, लेकिन अब 7.42 करोड़ ही बचे। “ये 30 लाख लोग कौन हैं? इनमें से कितनों ने लोकसभा चुनाव में वोट डाला?”
4.6 लाख नए मतदाताओं पर सवाल : ईसीआई का दावा है कि 21.53 लाख मतदाता जोड़े गए, लेकिन केवल 16.93 लाख के फॉर्म-6 उपलब्ध हैं। “बाकी 4.6 लाख फॉर्म कहां हैं? क्या बिना प्रक्रिया के नाम जोड़े गए?”
67.3 लाख नाम हटाए गए : एसआईआर में इतने नाम कटे, जिनमें 15 विधानसभा क्षेत्रों में 10 प्रतिशत से ज्यादा। “हटाए गए मतदाताओं की अंतिम सूची, बूथ और श्रेणीवार विवरण क्यों नहीं दिया?”
5 लाख डुप्लिकेट एंट्री : अंतिम सूची में समान नाम, पता और आयु वाले 5 लाख से ज्यादा डुप्लिकेट पाए गए। “एसआईआर का मतलब क्या था? इनकी सफाई कैसे होगी?”
जयराम रमेश ने सुझाव दिया कि नामांकन की अंतिम तिथि से 10 दिन पहले तक नाम जोड़ने की अनुमति हो, लेकिन उसके बाद कोई पूरक सूची न बने। नामांकन अंतिम सूची के आधार पर ही हो।
–आईएएनएस
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