नई दिल्ली, 28 मार्च (आईएएनएस)। भारत में 2022 में औद्योगिक क्षेत्र के लगभग 27 प्रतिशत कंप्यूटर मैलवेयर और अन्य दुर्भावनापूर्ण सॉफ्टवेयर से प्रभावित हुए। मंगलवार को एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
साइबर सिक्योरिटी फर्म कास्परस्की की आईसीएस थ्रेट लैंडस्केप रिपोर्ट के अनुसार, 2022 की दूसरी छमाही में दुर्भावनापूर्ण स्क्रिप्ट, फिशिंग पेज (जेएस और एचटीएमएल) और अस्वीकृत इंटरनेट संसाधनों का उपयोग करके किए गए हमलों की बढ़ती संख्या को चिह्न्ति किया गया था।
दुर्भावनापूर्ण स्क्रिप्ट और फिशिंग पेज (जेएस और एचटीएमएल) ऑनलाइन और ईमेल दोनों के माध्यम से वितरित किए गए थे, जबकि अस्वीकृत इंटरनेट संसाधनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा दुर्भावनापूर्ण स्क्रिप्ट और फिशिंग पेज वितरित करने के लिए उपयोग किया गया था।
कैस्परस्की आईसीएस सीईआरटी के वरिष्ठ शोधकर्ता किरिल क्रुग्लोव ने कहा, हमारी टीम ने औद्योगिक क्षेत्रों पर हमलों की लगातार उच्च दर देखी – गर्मियों की छुट्टियों या सर्दियों की छुट्टियों की अवधि के दौरान एक विशिष्ट ड्रॉप-इन हमले के बिना। हालांकि, औद्योगिक क्षेत्रों में बढ़ती हमले की दर, जो सोशल इंजीनियरिंग का उपयोग करके संचालित की जा रही है, खतरनाक लगती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दुर्भावनापूर्ण लिपियों और फिशिंग पेजों से 9.6 प्रतिशत और दूसरा भौगोलिक क्षेत्रों का अवलोकन करते समय 8.7 प्रतिशत से अस्वीकृत इंटरनेट संसाधनों से अत्यधिक प्रभावित हुआ है।
जबकि अफ्रीका, मध्य पूर्व, एशिया और लैटिन अमेरिका ने शीर्ष क्षेत्रीय रैंकिंग प्राप्त की, जिसमें अधिकांश परिचालन प्रौद्योगिकी (ओटी) कंप्यूटरों को हटाने योग्य उपकरणों का उपयोग करके समझौता किया गया।
वेब खनिकों से प्रभावित देशों की रैंकिंग में सर्बिया (7.5 प्रतिशत) तीसरे स्थान पर था, और उत्तरी यूरोप एकमात्र ऐसा क्षेत्र बन गया, जिसने ईमेल क्लाइंट के माध्यम से फैले रैंसमवेयर हमलों और मैलवेयर में वृद्धि दिखाई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि धमकी देने वाले कई प्रकार के कार्यो के लिए दुर्भावनापूर्ण स्क्रिप्ट का उपयोग करते हैं – सूचना एकत्र करने, गतिविधि पर नजर रखने और दुर्भावनापूर्ण वेब संसाधनों के लिए ब्राउजर अनुरोधों को पुनर्निर्देशित करने से लेकर विभिन्न दुर्भावनापूर्ण प्रोग्राम डाउनलोड करने या उपयोगकर्ता के ब्राउजर में मैलवेयर (स्पाइवेयर या गुप्त क्रिप्टोक्यूरेंसी खनन के लिए उपकरण) लोड करने के लिए।
–आईएएनएस
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