कोलकाता, 15 दिसम्बर (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को सीबीआई से 12 दिसंबर को एजेंसी की हिरासत में बोगतुई नरसंहार मामले के मुख्य आरोपी लालन शेख की रहस्यमय मौत पर अपनी अंतरिम रिपोर्ट 19 दिसंबर तक अदालत को सौंपने को कहा।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने पारित किया।
गुरुवार को शेख परिवार के वकील सब्यसाची चट्टोपाध्याय ने कहा कि राज्य सीआईडी को अपनी जांच जारी रखने की एकल-न्यायाधीश पीठ की अनुमति के बावजूद, एफआईआर में नामित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई किए बिना, सिर्फ इस जांच पर परिवार जवाब नहीं दे सकता।
उन्होंने कहा, इसलिए हम कलकत्ता उच्च न्यायालय के किसी मौजूदा न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच का अनुरोध कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के एक हालिया फैसले का हवाला देते हुए चट्टोपाध्याय ने कहा कि अगर कोई मामला राजनीतिक रंग लेता है तो सिटिंग जज द्वारा न्यायिक जांच का प्रावधान है।
चट्टोपाध्याय ने कहा, सीबीआई एक केंद्रीय एजेंसी है। राज्य की एजेंसी अपनी जांच करेगी। इसलिए, हम न्यायिक जांच का अनुरोध कर रहे हैं। सीबीआई के वकील धीरज त्रिवेदी ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण मानते हुए तर्क दिया कि मामले में अनावश्यक रूप से सीबीआई अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
ललन शेख नियमित चिकित्सा जांच से गुजरते थे। वह उस दिन सुबह 11 बजे तक पूरी तरह से फिट थे। दोपहर लगभग 3.30 बजे वह शौचालय गए और वहां उन्होंने आत्महत्या कर ली। यह आत्महत्या का एक स्पष्ट मामला है। इसलिए राज्य पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में हत्या के लिए सजा से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के प्रावधान को शामिल करना निराधार है। यह एफआईआर राजनीति से प्रेरित है।
राज्य सरकार के वकील सम्राट सेन ने तर्क दिया कि राज्य पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है क्योंकि असामान्यताओं का आरोप होने पर जांच शुरू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से एक स्पष्ट दिशानिर्देश है। उन्होंने पूछा- फिर सीबीआई हिरासत में हुई मौत के मामले की जांच कौन करेगा?
मुख्य न्यायाधीश श्रीवास्तव ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सीबीआई के वकील से मामले में उनकी आंतरिक जांच की प्रगति के बारे में पूछा। त्रिवेदी ने जवाब दिया कि आंतरिक जांच लगभग अंतिम चरण में है और एजेंसी अगले कुछ दिनों में इस मामले में अदालत को एक रिपोर्ट सौंपने में सक्षम होगी। इसके बाद खंडपीठ ने सीबीआई को 19 दिसंबर तक अदालत में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया, जो मामले की अगली सुनवाई की तारीख होगी।
–आईएएनएस
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