तिरुवनंतपुरम, 30 मार्च (आईएएनएस)। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (केटीयू) के प्रभारी कुलपति डॉ. सीजा थॉमस राज्यपाल व राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली केरल सरकार के बीच चल रहे मनमुटाव का शिकार हो गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्यपाल ने सीजा को पिछले साल केटीयू के प्रभारी वीसी के रूप में कार्यभार संभालने के लिए कहा गया था, क्योंकि पदग्राही वीसी को यूजीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार नियुक्त नहीं किए जाने के कारण पद छोड़ना पड़ा था।
लेकिन विजयन सरकार सीजा थॉमस की नियुक्ति से नाखुश थी और उनकी नियुक्ति के खिलाफ केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, क्योंकि खान ने उस व्यक्ति को नियुक्त नहीं किया था, जिसकी सिफारिश सरकार ने की थी।
हालांकि, अदालत ने सीजा की नियुक्ति को बरकरार रखा, जो तकनीकी शिक्षा निदेशालय में वरिष्ठ संयुक्त निदेशक के रूप में कार्यरत थीं और उन्हें प्रभारी वीसी के रूप में काम करने का अतिरिक्त प्रभार दिया गया।
जब से उन्होंने प्रभारी वीसी का पद संभाला है, तब से उन्हें सत्तारूढ़ माकपा की छात्र शाखा एसएफआई और माकपा समर्थित सेवा संगठनों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
केटीयू कार्यालय के कर्मचारियों के असहयोग के बाद सीजा थॉमस को चांसलर को सूचित करने के लिए हाथ से लिखा संदेश भेजना पड़ा कि उन्होंने पदभार ग्रहण कर लिया है।
बाद में सरकार ने सीजा को कारण बताओ नोटिस जारी किया और गुरुवार को केरल प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में दायर याचिका के आधार पर प्रभारी वीसी ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है, केवल चांसलर के निर्देश को सुना, इसलिए नोटिस को रद्द कर दिया जाना चाहिए।
ट्रिब्यूनल ने फैसला सुनाया कि नोटिस को रद्द नहीं किया जा सकता, लेकिन निर्देश दिया सीजा थॉमस की बात सरकार द्वारा सुनी जानी चाहिए।
संयोग से थॉमस शुक्रवार को सेवा से सेवानिवृत्त हो रही हैं, लेकिन अंतिम दिनों में दो सत्ता केंद्रों के बीच झगड़े में वह बलि का बकरा बन गई हैं।
–आईएएनएस
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