पटना, 16 दिसम्बर (आईएएनएस)। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बिहार में बड़े पैमाने पर अवैध रेत खनन का पदार्फाश किया है और इसके तौर-तरीकों के बारे में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
इसमें कहा गया है कि रेत माफिया बिहार के विभिन्न जिलों में रेत के परिवहन के लिए मोटरसाइकिल, स्कूटर, एंबुलेंस, ई-रिक्शा, कार, बस, ट्रक के साथ-साथ अर्थ मूवर मशीनों का इस्तेमाल करते हैं।
कैग की रिपोर्ट राज्य भूविज्ञान और खनन विभाग द्वारा जारी किए गए ई-चालान पर आधारित है। इसमें राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) पटना के छात्रों की भी मदद ली गई है। एनआईटी के छात्रों ने सीएजी को सौंपी अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि बिहार में रेत की निकासी के लिए चिन्हित हर घाट पर अवैध खनन हो रहा है और यह सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है।
कैग ने 14 जिलों के ई-चालान का विश्लेषण किया और पाया कि 47 वाहन जो रेत के परिवहन के लिए उपयोग नहीं किए जा सकते थे, उन्हें विभाग की ओर से ई-चालान जारी किए गए थे। विभाग ने उन 47,000 वाहनों के 2.5 लाख ई-चालान जारी किए थे। रिपोर्ट के अनुसार, बाइक और स्कूटर के 62,843 ई-चालान जारी किए गए और उन पर 6,44,000 टन रेत का परिवहन किया गया।
3,85,000 टन बालू के परिवहन के लिए ऑटो रिक्शा को 39,000 ई-चालान जारी किए गए। एंबुलेंस को कुल 10 ई-चालान जारी किए गए और उन पर 124 टन रेत का परिवहन किया गया।
साथ ही कारों के 9,245 ई-चालान जारी किए गए और उनसे 87,000 टन रेत का परिवहन किया गया। यहां तक कि खनन विभाग ने भी 8 टन बालू परिवहन करने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियों के चालान काटे हैं। रिपोर्ट के अनुसार खनन विभाग ने एक दिन में बालू के परिवहन के लिए एक बाइक के 181 और कारों के 139 ई-चालान जारी किए।
साथ ही ट्रकों, बसों, ट्रैक्टरों और अर्थ मूवर मशीनों के भी चालान काटे हैं।
–आईएएनएस
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