मुरैना, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की सरकार ने बालिकाओं के लिए एक और बड़ी सौगात दी है, अब शिक्षकों की भर्ती में आधे पद यानि 50 फीसदी स्थान बालिकाओं के लिए होंगे। यह ऐलान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया।
मुख्यमंत्री चौहान ने लाड़ली बहना सम्मेलन और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार कार्यक्रम कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना और अब मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना बेटियों और बहनों की जिंदगी बदलने का अभियान है। प्रदेश में पंचायत एवं नगरीय निकायों के निर्वाचन में बेटियों को 50 प्रतिशत और पुलिस की भर्ती में 30 प्रतिशत स्थान बेटियों के लिए आरक्षित किए गए हैं। शिक्षकों की भर्ती में आधे स्थान बेटियों के लिए रखे गए हैं। रजिस्ट्री में पुरुषों को जहाँ तीन प्रतिशत स्टाम्प शुल्क लगता है, वही महिलाओं को एक प्रतिशत स्टाम्प शुल्क की सुविधा दी गई है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विगत 3 वर्ष में प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में जो काम हुआ है वह पिछले 50 वर्ष में भी नहीं हुआ। हमारी सरकार ने स्वास्थ्य विभाग का बजट बढ़ा कर 11 हजार 988 करोड़ कर दिया है, जो गत सरकारों में बहुत कम हुआ करता था। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का तेज गति से विस्तार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री चौहान ने लाड़ली बहना योजना का जिक्र करते हुए कहा कि योजना के फार्म 30 अप्रैल तक भरे जा रहे हैं। मई में आवेदनों का परीक्षण और 10 जून से बहनों के खाते में पैसे आना प्रारंभ हो जाएंगे। योजना का लाभ 23 से 60 वर्ष की उन सभी बहनों को दिया जाएगा, जिनके परिवार की मासिक आय 20 हजार रुपए से अधिक न हो, घर में चार पहिया वाहन न हो और पांच एकड़ से अधिक कृषि भूमि न हो। योजना के फार्म हर गाँव, वार्ड में भरे जा रहे हैं। योजना का लाभ सभी आशा, उषा और आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी मिलेगा।
केंद्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि, प्रदेश में बेटी के जन्म से लेकर उसकी शिक्षा, विवाह और अब उन्हें आर्थिक संबल प्रदान करने की लाड़ली बहना योजना अद्भुत है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि प्रदेश के चिकित्सालयों में डॉक्टर, नर्स, विशेषज्ञों की कमी को भी पूरा किया गया है। उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण एवं मुरैना जिले के प्रभारी मंत्री भारत सिंह कुशवाहा ने कहा कि वर्ष 2003 के बाद मध्यप्रदेश निरंतर विकास और आत्म-निर्भरता की ओर बढ़ रहा है।
–आईएएनएस
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