नई दिल्ली, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के आठ साल पहले शुरू होने के बाद से अब तक 23.2 लाख करोड़ रुपये के 40.82 करोड़ से अधिक ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 8 अप्रैल, 2015 को योजना के शुभारंभ के बाद से 24 मार्च, 2023 तक, 40.82 करोड़ ऋण खातों में लगभग 23.2 लाख करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। योजना के तहत लगभग 68 प्रतिशत खाते महिला उद्यमियों के लिए और 51 प्रतिशत खाते एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों के उद्यमियों के हैं। यह दर्शाता है कि देश के नवोदित उद्यमियों को ऋण की आसान उपलब्धता ने प्रति व्यक्ति आय में नवाचार और निरंतर वृद्धि को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना ने जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद की है और भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ गेम चेंजर भी साबित हुई है।
गैर-कॉरपोरेट, गैर-कृषि लघु और सूक्ष्म उद्यमियों को आय सृजन गतिविधियों के लिए 10 लाख रुपये तक के आसान संपाश्र्विक-मुक्त सूक्ष्म ऋण की सुविधा के लिए सरकार द्वारा यह योजना शुरू की गई थी।
–आईएएनएस
सीबीटी
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नई दिल्ली, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के आठ साल पहले शुरू होने के बाद से अब तक 23.2 लाख करोड़ रुपये के 40.82 करोड़ से अधिक ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 8 अप्रैल, 2015 को योजना के शुभारंभ के बाद से 24 मार्च, 2023 तक, 40.82 करोड़ ऋण खातों में लगभग 23.2 लाख करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। योजना के तहत लगभग 68 प्रतिशत खाते महिला उद्यमियों के लिए और 51 प्रतिशत खाते एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों के उद्यमियों के हैं। यह दर्शाता है कि देश के नवोदित उद्यमियों को ऋण की आसान उपलब्धता ने प्रति व्यक्ति आय में नवाचार और निरंतर वृद्धि को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना ने जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद की है और भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ गेम चेंजर भी साबित हुई है।
गैर-कॉरपोरेट, गैर-कृषि लघु और सूक्ष्म उद्यमियों को आय सृजन गतिविधियों के लिए 10 लाख रुपये तक के आसान संपाश्र्विक-मुक्त सूक्ष्म ऋण की सुविधा के लिए सरकार द्वारा यह योजना शुरू की गई थी।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 8 अप्रैल, 2015 को योजना के शुभारंभ के बाद से 24 मार्च, 2023 तक, 40.82 करोड़ ऋण खातों में लगभग 23.2 लाख करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। योजना के तहत लगभग 68 प्रतिशत खाते महिला उद्यमियों के लिए और 51 प्रतिशत खाते एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों के उद्यमियों के हैं। यह दर्शाता है कि देश के नवोदित उद्यमियों को ऋण की आसान उपलब्धता ने प्रति व्यक्ति आय में नवाचार और निरंतर वृद्धि को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना ने जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद की है और भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ गेम चेंजर भी साबित हुई है।
गैर-कॉरपोरेट, गैर-कृषि लघु और सूक्ष्म उद्यमियों को आय सृजन गतिविधियों के लिए 10 लाख रुपये तक के आसान संपाश्र्विक-मुक्त सूक्ष्म ऋण की सुविधा के लिए सरकार द्वारा यह योजना शुरू की गई थी।
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नई दिल्ली, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के आठ साल पहले शुरू होने के बाद से अब तक 23.2 लाख करोड़ रुपये के 40.82 करोड़ से अधिक ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 8 अप्रैल, 2015 को योजना के शुभारंभ के बाद से 24 मार्च, 2023 तक, 40.82 करोड़ ऋण खातों में लगभग 23.2 लाख करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। योजना के तहत लगभग 68 प्रतिशत खाते महिला उद्यमियों के लिए और 51 प्रतिशत खाते एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों के उद्यमियों के हैं। यह दर्शाता है कि देश के नवोदित उद्यमियों को ऋण की आसान उपलब्धता ने प्रति व्यक्ति आय में नवाचार और निरंतर वृद्धि को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना ने जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद की है और भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ गेम चेंजर भी साबित हुई है।
गैर-कॉरपोरेट, गैर-कृषि लघु और सूक्ष्म उद्यमियों को आय सृजन गतिविधियों के लिए 10 लाख रुपये तक के आसान संपाश्र्विक-मुक्त सूक्ष्म ऋण की सुविधा के लिए सरकार द्वारा यह योजना शुरू की गई थी।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 8 अप्रैल, 2015 को योजना के शुभारंभ के बाद से 24 मार्च, 2023 तक, 40.82 करोड़ ऋण खातों में लगभग 23.2 लाख करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। योजना के तहत लगभग 68 प्रतिशत खाते महिला उद्यमियों के लिए और 51 प्रतिशत खाते एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों के उद्यमियों के हैं। यह दर्शाता है कि देश के नवोदित उद्यमियों को ऋण की आसान उपलब्धता ने प्रति व्यक्ति आय में नवाचार और निरंतर वृद्धि को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना ने जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद की है और भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ गेम चेंजर भी साबित हुई है।
गैर-कॉरपोरेट, गैर-कृषि लघु और सूक्ष्म उद्यमियों को आय सृजन गतिविधियों के लिए 10 लाख रुपये तक के आसान संपाश्र्विक-मुक्त सूक्ष्म ऋण की सुविधा के लिए सरकार द्वारा यह योजना शुरू की गई थी।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 8 अप्रैल, 2015 को योजना के शुभारंभ के बाद से 24 मार्च, 2023 तक, 40.82 करोड़ ऋण खातों में लगभग 23.2 लाख करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। योजना के तहत लगभग 68 प्रतिशत खाते महिला उद्यमियों के लिए और 51 प्रतिशत खाते एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों के उद्यमियों के हैं। यह दर्शाता है कि देश के नवोदित उद्यमियों को ऋण की आसान उपलब्धता ने प्रति व्यक्ति आय में नवाचार और निरंतर वृद्धि को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना ने जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद की है और भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ गेम चेंजर भी साबित हुई है।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 8 अप्रैल, 2015 को योजना के शुभारंभ के बाद से 24 मार्च, 2023 तक, 40.82 करोड़ ऋण खातों में लगभग 23.2 लाख करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। योजना के तहत लगभग 68 प्रतिशत खाते महिला उद्यमियों के लिए और 51 प्रतिशत खाते एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों के उद्यमियों के हैं। यह दर्शाता है कि देश के नवोदित उद्यमियों को ऋण की आसान उपलब्धता ने प्रति व्यक्ति आय में नवाचार और निरंतर वृद्धि को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना ने जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद की है और भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ गेम चेंजर भी साबित हुई है।
गैर-कॉरपोरेट, गैर-कृषि लघु और सूक्ष्म उद्यमियों को आय सृजन गतिविधियों के लिए 10 लाख रुपये तक के आसान संपाश्र्विक-मुक्त सूक्ष्म ऋण की सुविधा के लिए सरकार द्वारा यह योजना शुरू की गई थी।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 8 अप्रैल, 2015 को योजना के शुभारंभ के बाद से 24 मार्च, 2023 तक, 40.82 करोड़ ऋण खातों में लगभग 23.2 लाख करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। योजना के तहत लगभग 68 प्रतिशत खाते महिला उद्यमियों के लिए और 51 प्रतिशत खाते एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों के उद्यमियों के हैं। यह दर्शाता है कि देश के नवोदित उद्यमियों को ऋण की आसान उपलब्धता ने प्रति व्यक्ति आय में नवाचार और निरंतर वृद्धि को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना ने जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद की है और भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ गेम चेंजर भी साबित हुई है।
गैर-कॉरपोरेट, गैर-कृषि लघु और सूक्ष्म उद्यमियों को आय सृजन गतिविधियों के लिए 10 लाख रुपये तक के आसान संपाश्र्विक-मुक्त सूक्ष्म ऋण की सुविधा के लिए सरकार द्वारा यह योजना शुरू की गई थी।
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उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना ने जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद की है और भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ गेम चेंजर भी साबित हुई है।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 8 अप्रैल, 2015 को योजना के शुभारंभ के बाद से 24 मार्च, 2023 तक, 40.82 करोड़ ऋण खातों में लगभग 23.2 लाख करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। योजना के तहत लगभग 68 प्रतिशत खाते महिला उद्यमियों के लिए और 51 प्रतिशत खाते एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों के उद्यमियों के हैं। यह दर्शाता है कि देश के नवोदित उद्यमियों को ऋण की आसान उपलब्धता ने प्रति व्यक्ति आय में नवाचार और निरंतर वृद्धि को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना ने जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद की है और भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ गेम चेंजर भी साबित हुई है।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 8 अप्रैल, 2015 को योजना के शुभारंभ के बाद से 24 मार्च, 2023 तक, 40.82 करोड़ ऋण खातों में लगभग 23.2 लाख करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। योजना के तहत लगभग 68 प्रतिशत खाते महिला उद्यमियों के लिए और 51 प्रतिशत खाते एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों के उद्यमियों के हैं। यह दर्शाता है कि देश के नवोदित उद्यमियों को ऋण की आसान उपलब्धता ने प्रति व्यक्ति आय में नवाचार और निरंतर वृद्धि को बढ़ावा दिया है।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 8 अप्रैल, 2015 को योजना के शुभारंभ के बाद से 24 मार्च, 2023 तक, 40.82 करोड़ ऋण खातों में लगभग 23.2 लाख करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। योजना के तहत लगभग 68 प्रतिशत खाते महिला उद्यमियों के लिए और 51 प्रतिशत खाते एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों के उद्यमियों के हैं। यह दर्शाता है कि देश के नवोदित उद्यमियों को ऋण की आसान उपलब्धता ने प्रति व्यक्ति आय में नवाचार और निरंतर वृद्धि को बढ़ावा दिया है।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 8 अप्रैल, 2015 को योजना के शुभारंभ के बाद से 24 मार्च, 2023 तक, 40.82 करोड़ ऋण खातों में लगभग 23.2 लाख करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। योजना के तहत लगभग 68 प्रतिशत खाते महिला उद्यमियों के लिए और 51 प्रतिशत खाते एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों के उद्यमियों के हैं। यह दर्शाता है कि देश के नवोदित उद्यमियों को ऋण की आसान उपलब्धता ने प्रति व्यक्ति आय में नवाचार और निरंतर वृद्धि को बढ़ावा दिया है।
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गैर-कॉरपोरेट, गैर-कृषि लघु और सूक्ष्म उद्यमियों को आय सृजन गतिविधियों के लिए 10 लाख रुपये तक के आसान संपाश्र्विक-मुक्त सूक्ष्म ऋण की सुविधा के लिए सरकार द्वारा यह योजना शुरू की गई थी।
–आईएएनएस
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 8 अप्रैल, 2015 को योजना के शुभारंभ के बाद से 24 मार्च, 2023 तक, 40.82 करोड़ ऋण खातों में लगभग 23.2 लाख करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। योजना के तहत लगभग 68 प्रतिशत खाते महिला उद्यमियों के लिए और 51 प्रतिशत खाते एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों के उद्यमियों के हैं। यह दर्शाता है कि देश के नवोदित उद्यमियों को ऋण की आसान उपलब्धता ने प्रति व्यक्ति आय में नवाचार और निरंतर वृद्धि को बढ़ावा दिया है।
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