नई दिल्ली, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में दायर अपने दूसरे पूरक आरोपपत्र में पंजाब के व्यवसायी गौतम मल्होत्रा पर ईडी की जांच में शामिल नहीं होने के लिए गवाहों को प्रभावित करने का आरोप लगाया है।
एक शीर्ष सूत्र ने कहा कि ईडी ने पिछले सप्ताह दाखिल अपने ताजा दूसरे पूरक आरोपपत्र में इसका जिक्र किया है।
चार्जशीट के अनुसार, मल्होत्रा ने जानबूझकर और चालाकी से ईडी की जांच में बाधा डालने और सबूतों के संग्रह में बाधा डालने के ठोस प्रयास किए। कथित तौर पर उसने मामले में चार बार अपना सेलफोन भी बदला।
ईडी के सूत्र ने कहा कि एजेंसी ने चार्जशीट में आरोप लगाया है कि मल्होत्रा ने शुरुआत से ही जानबूझकर एजेंसी को सबूत इकट्ठा करने से रोका।
ईडी ने मल्होत्रा को 14 समन जारी किए, लेकिन वह केवल तीन या चार मौकों पर पेश हुए।
सूत्र ने कहा कि मल्होत्रा ने जांच को पटरी से उतारने के लिए गवाहों को ईडी के सामने पेश नहीं होने की धमकी दी।
ईडी रवि राज नाम के एक व्यक्ति से पूछताछ करना चाहता था, जिसके पास कथित तौर पर मल्होत्रा के कारोबार से संबंधित सभी विवरण हैं, लेकिन वह अभी फरार है। उसे कई मौकों पर तलब किया गया, लेकिन वह कभी भी ईडी के सामने पेश नहीं हुआ। उसके पते पर टीमें भेजी गईं, लेकिन वह वहां से भी गायब मिला।
हालांकि, ईडी की टीम उनके ड्राइवर का पता हासिल करने में कामयाब रही। जांच के दौरान ईडी को पता चला कि वह राज ही था जो अपने ड्राइवर के सेलफोन का इस्तेमाल कर रहा था, ताकि ईडी की टीम उसके ठिकाने का पता न लगा सके।
सूत्र ने कहा, समस्या यह है कि राज का ड्राइवर भी गायब है। उसके फोन में कई आपत्तिजनक सबूत थे। लेकिन उसका पता नहीं चल सका है।
ईडी ने दावा किया, राज के सेलफोन में डमी व्यक्तियों को जारी किए गए सभी समन की सॉफ्ट कॉपी है और यहां तक कि समन से बचने के लिए उनकी ओर से ईडी को भेजे गए जवाब भी हैं। डमी व्यक्ति भी फरार हैं।
अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 14 अप्रैल तय की थी, लेकिन चूंकि बी.आर. अंबेडकर की जयंती मनाने के लिए अवकाश होगा, इसलिए भविष्य की तारीख पर संज्ञान लिया जाएगा।
–आईएएनएस
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