बीजिंग, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। चीन में एक ऐसी कहावत है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि पहाड़ कितना ऊंचा है, जब तक उस पर अमर रहते हैं, वह प्रसिद्ध रहेगा। उधर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि पानी कितना गहरा है, जब तक उसमें ड्रेगन रहते हैं, वह आभा से भरा रहेगा। इसी तरह किसी देश के विकास के लिए लोगों की संख्या सबसे महत्वपूर्ण चीज नहीं है, बल्कि प्रतिभाओं की संख्या अधिक महत्वपूर्ण है।
प्रतिभा बोनस प्रतिभाओं के बड़े पैमाने पर विकास और उनके पूर्ण उपयोग के कारण साधारण श्रम इनपुट की समान मात्रा से अधिक प्राप्त होने वाले आर्थिक लाभों को संदर्भित करता है। चीन की आबादी 1.4 अरब से अधिक है, जिनमें से लगभग 90 करोड़ कामकाजी उम्र के हैं, और हर साल 1.5 करोड़ से अधिक नए श्रमिक जुड़ते हैं। प्रचुर मानव संसाधन अभी भी चीन के उत्कृष्ट लाभ हैं। ध्यानाकर्षक बात यह है कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली चीन की जनसंख्या 24 करोड़ से अधिक हो गई है। नई श्रम शक्ति की शिक्षा के औसत वर्ष 14 वर्ष तक पहुंच गए, जो कामकाजी उम्र की आबादी की शिक्षा के औसत वर्षों(10.9 वर्ष)से बहुत अधिक है। इसका मतलब यह है कि चीन की श्रम शक्ति की गुणवत्ता तेजी से सुधार के चरण में प्रवेश कर चुकी है। ये आंकड़े स्पष्ट रूप से मात्रा और गुणवत्ता, जनसंख्या और प्रतिभा के बीच संबंध की पुष्टि करते हैं।
चीन के समाज और अर्थव्यवस्था के निरंतर और तेजी से विकास के साथ, शिक्षा प्रौद्योगिकी में निवेश भी बढ़ रहा है। अधिकांश श्रमिकों की गुणवत्ता और कौशल स्तर में काफी सुधार हुआ है। चीन मानव संसाधनों के एक बड़े देश से मानव पूंजी के एक बड़े देश में बदल रहा है। इसने तकनीकी नवाचार को प्रभावी ढंग से बढ़ावा दिया है, श्रम उत्पादन क्षमता में सुधार किया है, चीन की अर्थव्यवस्था के परिवर्तन और उन्नयन को बढ़ावा दिया है, और धन बनाने की चीन की क्षमता की स्थिर प्रगति का समर्थन किया है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस
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