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Home ताज़ा समाचार

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला : ईडी ने आईएएस अनिल टुटेजा को बताया मास्टरमाइंड

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May 11, 2023
in ताज़ा समाचार
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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला : ईडी ने आईएएस अनिल टुटेजा को बताया मास्टरमाइंड
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नई दिल्ली, 11 मई (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले आईएएस अनिल टुटेजा 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले के मास्टरमाइंड हैं।

ईडी ने आरोप लगाया कि उद्योग और वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव अनिल टुटेजा सिंडिकेट के मास्टरमाइंड थे और मुख्यमंत्री के करीबी होने के कारण सिंडिकेट के मामलों का प्रबंधन कर रहे थे।

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ईडी ने इससे पहले दिन में 2 आरोपियों नितेश पुरोहित और पवन ढिल्लो उर्फ पवन बंसल को गिरफ्तार किया था। ईडी ने एक विशेष पीएमएलए अदालत को बताया कि गिरफ्तार आरोपी नितेश पुरोहित ने कथित किंगपिन अनवर ढेबर के निर्देश पर आईएएस अनिल टुटेजा और पप्पू बंसल को 163 करोड़ रुपये दिए।

ईडी ने आरोप लगाया कि नकदी के रूप में अवैध धन का कलेक्शन जबरन वसूली नेटवर्क के माध्यम से किया जा रहा था। एजेंसी ने दावा किया कि सिंडीकेट का मुखिया होने के नाते अनिल अपना हिस्सा रखने के बाद, चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक एक्जीक्यूटिव को फाइनल वसूल किए गए अवैध धन को दे रहे थे। जिसके परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ।

ईडी के एक सूत्र के अनुसार, जांच से पता चला कि रायपुर के मेयर के भाई अनवर ढेबर सिंडिकेट के मुख्य कलेक्शन एजेंट और फ्रंट मैन थे और टुटेजा के आदेश के अनुसार सिंडिकेट चलाते थे।

ईडी ने आरोप लगाया कि राज्य के महत्वपूर्ण विभागों और राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों के उच्च-स्तरीय प्रबंधन के माध्यम से अवैध रिश्वत एकत्र करके बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी आपराधिक सिंडिकेट छत्तीसगढ़ में संचालित हो रहा था।

यह कि यह सिंडिकेट राज्य सरकार के उच्च-स्तरीय अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और राज्य सरकार के राजनीतिक अधिकारियों की मिलीभगत से बना था और चलाया जा रहा था।

जांच एजेंसी ने आईएएस अनिल टुटेजा, यश टुटेजा, अनवर ढेबर और अन्य के खिलाफ आयकर विभाग द्वारा दायर अभियोजन शिकायत के आधार पर मामले में पीएमएलए जांच शुरू की गई।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

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नई दिल्ली, 11 मई (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले आईएएस अनिल टुटेजा 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले के मास्टरमाइंड हैं।

ईडी ने आरोप लगाया कि उद्योग और वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव अनिल टुटेजा सिंडिकेट के मास्टरमाइंड थे और मुख्यमंत्री के करीबी होने के कारण सिंडिकेट के मामलों का प्रबंधन कर रहे थे।

ईडी ने इससे पहले दिन में 2 आरोपियों नितेश पुरोहित और पवन ढिल्लो उर्फ पवन बंसल को गिरफ्तार किया था। ईडी ने एक विशेष पीएमएलए अदालत को बताया कि गिरफ्तार आरोपी नितेश पुरोहित ने कथित किंगपिन अनवर ढेबर के निर्देश पर आईएएस अनिल टुटेजा और पप्पू बंसल को 163 करोड़ रुपये दिए।

ईडी ने आरोप लगाया कि नकदी के रूप में अवैध धन का कलेक्शन जबरन वसूली नेटवर्क के माध्यम से किया जा रहा था। एजेंसी ने दावा किया कि सिंडीकेट का मुखिया होने के नाते अनिल अपना हिस्सा रखने के बाद, चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक एक्जीक्यूटिव को फाइनल वसूल किए गए अवैध धन को दे रहे थे। जिसके परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ।

ईडी के एक सूत्र के अनुसार, जांच से पता चला कि रायपुर के मेयर के भाई अनवर ढेबर सिंडिकेट के मुख्य कलेक्शन एजेंट और फ्रंट मैन थे और टुटेजा के आदेश के अनुसार सिंडिकेट चलाते थे।

ईडी ने आरोप लगाया कि राज्य के महत्वपूर्ण विभागों और राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों के उच्च-स्तरीय प्रबंधन के माध्यम से अवैध रिश्वत एकत्र करके बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी आपराधिक सिंडिकेट छत्तीसगढ़ में संचालित हो रहा था।

यह कि यह सिंडिकेट राज्य सरकार के उच्च-स्तरीय अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और राज्य सरकार के राजनीतिक अधिकारियों की मिलीभगत से बना था और चलाया जा रहा था।

जांच एजेंसी ने आईएएस अनिल टुटेजा, यश टुटेजा, अनवर ढेबर और अन्य के खिलाफ आयकर विभाग द्वारा दायर अभियोजन शिकायत के आधार पर मामले में पीएमएलए जांच शुरू की गई।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

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नई दिल्ली, 11 मई (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले आईएएस अनिल टुटेजा 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले के मास्टरमाइंड हैं।

ईडी ने आरोप लगाया कि उद्योग और वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव अनिल टुटेजा सिंडिकेट के मास्टरमाइंड थे और मुख्यमंत्री के करीबी होने के कारण सिंडिकेट के मामलों का प्रबंधन कर रहे थे।

ईडी ने इससे पहले दिन में 2 आरोपियों नितेश पुरोहित और पवन ढिल्लो उर्फ पवन बंसल को गिरफ्तार किया था। ईडी ने एक विशेष पीएमएलए अदालत को बताया कि गिरफ्तार आरोपी नितेश पुरोहित ने कथित किंगपिन अनवर ढेबर के निर्देश पर आईएएस अनिल टुटेजा और पप्पू बंसल को 163 करोड़ रुपये दिए।

ईडी ने आरोप लगाया कि नकदी के रूप में अवैध धन का कलेक्शन जबरन वसूली नेटवर्क के माध्यम से किया जा रहा था। एजेंसी ने दावा किया कि सिंडीकेट का मुखिया होने के नाते अनिल अपना हिस्सा रखने के बाद, चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक एक्जीक्यूटिव को फाइनल वसूल किए गए अवैध धन को दे रहे थे। जिसके परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ।

ईडी के एक सूत्र के अनुसार, जांच से पता चला कि रायपुर के मेयर के भाई अनवर ढेबर सिंडिकेट के मुख्य कलेक्शन एजेंट और फ्रंट मैन थे और टुटेजा के आदेश के अनुसार सिंडिकेट चलाते थे।

ईडी ने आरोप लगाया कि राज्य के महत्वपूर्ण विभागों और राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों के उच्च-स्तरीय प्रबंधन के माध्यम से अवैध रिश्वत एकत्र करके बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी आपराधिक सिंडिकेट छत्तीसगढ़ में संचालित हो रहा था।

यह कि यह सिंडिकेट राज्य सरकार के उच्च-स्तरीय अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और राज्य सरकार के राजनीतिक अधिकारियों की मिलीभगत से बना था और चलाया जा रहा था।

जांच एजेंसी ने आईएएस अनिल टुटेजा, यश टुटेजा, अनवर ढेबर और अन्य के खिलाफ आयकर विभाग द्वारा दायर अभियोजन शिकायत के आधार पर मामले में पीएमएलए जांच शुरू की गई।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 11 मई (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले आईएएस अनिल टुटेजा 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले के मास्टरमाइंड हैं।

ईडी ने आरोप लगाया कि उद्योग और वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव अनिल टुटेजा सिंडिकेट के मास्टरमाइंड थे और मुख्यमंत्री के करीबी होने के कारण सिंडिकेट के मामलों का प्रबंधन कर रहे थे।

ईडी ने इससे पहले दिन में 2 आरोपियों नितेश पुरोहित और पवन ढिल्लो उर्फ पवन बंसल को गिरफ्तार किया था। ईडी ने एक विशेष पीएमएलए अदालत को बताया कि गिरफ्तार आरोपी नितेश पुरोहित ने कथित किंगपिन अनवर ढेबर के निर्देश पर आईएएस अनिल टुटेजा और पप्पू बंसल को 163 करोड़ रुपये दिए।

ईडी ने आरोप लगाया कि नकदी के रूप में अवैध धन का कलेक्शन जबरन वसूली नेटवर्क के माध्यम से किया जा रहा था। एजेंसी ने दावा किया कि सिंडीकेट का मुखिया होने के नाते अनिल अपना हिस्सा रखने के बाद, चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक एक्जीक्यूटिव को फाइनल वसूल किए गए अवैध धन को दे रहे थे। जिसके परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ।

ईडी के एक सूत्र के अनुसार, जांच से पता चला कि रायपुर के मेयर के भाई अनवर ढेबर सिंडिकेट के मुख्य कलेक्शन एजेंट और फ्रंट मैन थे और टुटेजा के आदेश के अनुसार सिंडिकेट चलाते थे।

ईडी ने आरोप लगाया कि राज्य के महत्वपूर्ण विभागों और राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों के उच्च-स्तरीय प्रबंधन के माध्यम से अवैध रिश्वत एकत्र करके बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी आपराधिक सिंडिकेट छत्तीसगढ़ में संचालित हो रहा था।

यह कि यह सिंडिकेट राज्य सरकार के उच्च-स्तरीय अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और राज्य सरकार के राजनीतिक अधिकारियों की मिलीभगत से बना था और चलाया जा रहा था।

जांच एजेंसी ने आईएएस अनिल टुटेजा, यश टुटेजा, अनवर ढेबर और अन्य के खिलाफ आयकर विभाग द्वारा दायर अभियोजन शिकायत के आधार पर मामले में पीएमएलए जांच शुरू की गई।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 11 मई (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले आईएएस अनिल टुटेजा 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले के मास्टरमाइंड हैं।

ईडी ने आरोप लगाया कि उद्योग और वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव अनिल टुटेजा सिंडिकेट के मास्टरमाइंड थे और मुख्यमंत्री के करीबी होने के कारण सिंडिकेट के मामलों का प्रबंधन कर रहे थे।

ईडी ने इससे पहले दिन में 2 आरोपियों नितेश पुरोहित और पवन ढिल्लो उर्फ पवन बंसल को गिरफ्तार किया था। ईडी ने एक विशेष पीएमएलए अदालत को बताया कि गिरफ्तार आरोपी नितेश पुरोहित ने कथित किंगपिन अनवर ढेबर के निर्देश पर आईएएस अनिल टुटेजा और पप्पू बंसल को 163 करोड़ रुपये दिए।

ईडी ने आरोप लगाया कि नकदी के रूप में अवैध धन का कलेक्शन जबरन वसूली नेटवर्क के माध्यम से किया जा रहा था। एजेंसी ने दावा किया कि सिंडीकेट का मुखिया होने के नाते अनिल अपना हिस्सा रखने के बाद, चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक एक्जीक्यूटिव को फाइनल वसूल किए गए अवैध धन को दे रहे थे। जिसके परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ।

ईडी के एक सूत्र के अनुसार, जांच से पता चला कि रायपुर के मेयर के भाई अनवर ढेबर सिंडिकेट के मुख्य कलेक्शन एजेंट और फ्रंट मैन थे और टुटेजा के आदेश के अनुसार सिंडिकेट चलाते थे।

ईडी ने आरोप लगाया कि राज्य के महत्वपूर्ण विभागों और राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों के उच्च-स्तरीय प्रबंधन के माध्यम से अवैध रिश्वत एकत्र करके बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी आपराधिक सिंडिकेट छत्तीसगढ़ में संचालित हो रहा था।

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ईडी ने आरोप लगाया कि नकदी के रूप में अवैध धन का कलेक्शन जबरन वसूली नेटवर्क के माध्यम से किया जा रहा था। एजेंसी ने दावा किया कि सिंडीकेट का मुखिया होने के नाते अनिल अपना हिस्सा रखने के बाद, चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक एक्जीक्यूटिव को फाइनल वसूल किए गए अवैध धन को दे रहे थे। जिसके परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ।

ईडी के एक सूत्र के अनुसार, जांच से पता चला कि रायपुर के मेयर के भाई अनवर ढेबर सिंडिकेट के मुख्य कलेक्शन एजेंट और फ्रंट मैन थे और टुटेजा के आदेश के अनुसार सिंडिकेट चलाते थे।

ईडी ने आरोप लगाया कि राज्य के महत्वपूर्ण विभागों और राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों के उच्च-स्तरीय प्रबंधन के माध्यम से अवैध रिश्वत एकत्र करके बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी आपराधिक सिंडिकेट छत्तीसगढ़ में संचालित हो रहा था।

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ईडी ने आरोप लगाया कि नकदी के रूप में अवैध धन का कलेक्शन जबरन वसूली नेटवर्क के माध्यम से किया जा रहा था। एजेंसी ने दावा किया कि सिंडीकेट का मुखिया होने के नाते अनिल अपना हिस्सा रखने के बाद, चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक एक्जीक्यूटिव को फाइनल वसूल किए गए अवैध धन को दे रहे थे। जिसके परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ।

ईडी के एक सूत्र के अनुसार, जांच से पता चला कि रायपुर के मेयर के भाई अनवर ढेबर सिंडिकेट के मुख्य कलेक्शन एजेंट और फ्रंट मैन थे और टुटेजा के आदेश के अनुसार सिंडिकेट चलाते थे।

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