लंदन, 12 मई (आईएएनएस)। 2021 में 16 वर्षीय सिख लड़के की हत्या करने के आरोप में दो किशोरों को जेल की सजा सुनाई गई है, जिसे उन्होंने गलती से पश्चिम लंदन में एक प्रतिद्वंद्वी गिरोह का सदस्य समझ लिया था। पुलिस ने यह जानकारी दी।
हिलिंगडन के 18 वर्षीय वनुशन बालकृष्णन और इलियास सुलेमान को बुधवार को ओल्ड बेली में ऋषिमीत सिंह की चाकू मारकर हत्या करने के आरोप में सजा सुनाई गई।
पुलिस ने कहा कि बालाकृष्णन को कम से कम 24 साल की सजा काटने के लिए और सुलेमान को कम से कम 21 साल की सजा काटने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
ऋषिमीत की मां गुलिंदर ने एक बयान में कहा, आखिरकार रिश्मीत को न्याय मिला है, लेकिन उनकी सजा मेरे लिए कभी भी काफी नहीं होगी। उन्होंने मेरी पूरी जिंदगी मुझसे छीन ली है और रिश्मीत फिर कभी घर नहीं आएगा।
अफगानिस्तान से शरण लेने के लिए अपनी मां और दादी के साथ अक्टूबर 2019 में ब्रिटेन आए ऋषिमीत को 15 बार चाकू मारा गया था।
ऋषिमीत के पिता को तालिबान ने मार डाला था, और कुछ ही समय बाद उन्होंने युवा लड़के का अपहरण करने की कोशिश की और परिवार को यूके भागने के लिए मजबूर किया।
मेट्स स्पेशलिस्ट क्राइम कमांड से डिटेक्टिव इंस्पेक्टर लॉरा सेम्पल ने कहा, ऋषिमीत एक मासूम, 16 साल का युवा था, जिसके आगे उसकी पूरी जि़ंदगी पड़ी थी। उसने अपने दोस्तों के साथ एक सुखद शाम बिताई थी और घर की छोटी पैदल यात्रा कर रहा था, जब बालकृष्णन व सुलेमान ने उसका पीछा किया और चाकू मारकर हत्या कर दी।
सेम्पल ने कहा, किसी की निर्ममता से हत्या करने का कोई बहाना नहीं होता है, लेकिन यह मामला इस तथ्य से और भी दुखद हो जाता है कि ऋषिमीत को उसके हमलावरों ने गलत तरीके से निशाना बनाया था।
24 नवंबर, 2021 की रात, ऋषिमीत साउथहॉल में एक सुखद शाम का आनंद लेने के बाद अपने दोस्तों को छोड़कर घर जा रहा था, जब उसने दो अज्ञात युवकों को अपनी ओर भागते देखा।
वह तुरंत साउथहॉल में रैले रोड पर भागा, जहां वह लड़खड़ाया और गिर गया। उसका पीछा करने वालों में से एक ने उसकी पीठ में कम से कम पांच बार वार किया।
उसके बाद दूसरे युवक ने भी उसे चाकू मारना शुरू कर दिया। इसके बाद हमलावर उसे छोड़कर चले गए।
सूचना मिलने पर अधिकारी और लंदन एम्बुलेंस सेवा के कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन उनके सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद ऋषिमीत की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई।
पूछताछ से पता चला कि बालाकृष्णन और सुलेमान ने अपनी बाइक पुल के पास छोड़ दी और पैदल ही ऋषिमीत का पीछा किया। बालकृष्णन ने पहले उस पर हमला किया और उसके बाद सुलेमान ने।
वे घटनास्थल से भागते सीसीटीवी में कैद हो गए थे।
बालाकृष्णन को 2 दिसंबर, 2021 को उसके घर से और सुलेमान को 9 दिसंबर को एडगवेयर से गिरफ्तार किया गया था।
ऋषिमीत की मां ने कहा,ऋषिमीत मेरा इकलौता बच्चा था, और उसके आगे उसका पूरा जीवन था। कोई भी शब्द कभी भी यह नहीं समझा सकता है या संदर्भ में डाल सकता है कि ऋषिमीत को हमसे लिए जाने के बाद से मैंने कैसा महसूस किया है। उसे बहुत प्यार से पाला गया है और अब वह चला गया है। मैं यह समझने के लिए संघर्ष कर रही हूं कि मेरे बच्चे के साथ यह कैसे और क्यों हुआ। मुझे लगता है कि मैंने सब कुछ खो दिया है और मेरी जिंदगी खत्म हो गई है।
ऋषिमीत पब्लिक सर्विस का कोर्स पूरा करने के लिए कॉलेज जा रहा था और उसकी महत्वाकांक्षा एक पुलिस अधिकारी बनने की थी।
–आईएएनएस
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