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सऊदी अरब में हज यात्रा के लिए 468 प्रशासनिक एवं चिकित्सा अधिकारियों का चयन

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May 13, 2023
in राष्ट्रीय
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सऊदी अरब में हज यात्रा के लिए 468 प्रशासनिक एवं चिकित्सा अधिकारियों का चयन
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नई दिल्ली, 13 मई (आईएएनएस)। भारत और सऊदी अरब के बीच हुए द्विपक्षीय समझौते के अनुसार इस वर्ष हज यात्रियों की कुल संख्या 1.75 लाख है। केंद्र सरकार ने हज यात्रा पैकेज में बाल्टी, चादर, सूटकेस आदि की अनिवार्य खरीद के कारण भारी पड़ने वाली अनावश्यक लागत को हटाकर आर्थिक कटौती के उपायों पर विशेष तौर पर ध्यान दिया है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के मुताबिक सरकार द्वारा प्रत्येक हज यात्री को 2100 सऊदी रियाल प्रदान करने के अनिवार्य प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है और हाजियों को उनकी जरूरतों के अनुसार सऊदी रियाल प्राप्त करने में लचीलापन दिया जा रहा है।

सऊदी अरब में हज यात्रियों की सुविधा हेतु चुने गए प्रशासनिक एवं चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा। हज यात्रियों के लिए चिकित्सा अधिकारियों का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम नई दिल्ली में लोधी रोड स्थित स्कोप कॉम्प्लेक्स सेंटर में किया जा रहा है।

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अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के मुताबिक हज यात्रियों को वास्तविक आवश्यकताओं के हिसाब से विदेशी मुद्रा प्राप्त करने में लचीलापन सुनिश्चित करने और पूरी प्रणाली में पारदर्शिता लाने का प्रयास किया गया है। इसके अलावा पहली बार इच्छुक हज यात्रियों को विदेशी मुद्रा और विदेशी मुद्रा कार्ड की सीधी आपूर्ति सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी दरों पर भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से हो रही है। साथ ही हज यात्रियों की सुविधा के लिए अधिकतम जलपोत आरोहण स्थल तैयार किये जा रहे हैं।

हज के दौरान भारत में हज यात्रियों की चिकित्सा जांच और उनके टीकाकरण तथा सऊदी अरब में अस्पतालों के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय व इसकी एजेंसियों की प्रत्यक्ष भागीदारी होगी। दिव्यांगों और वृद्ध हज यात्रियों के लिए हज नीति में विशेष प्रावधानों के साथ समावेशन पर उचित ध्यान दिया जा रहा है।

मंत्रालय का कहना है कि महिलाओं के बिना महरम श्रेणी के तहत अकेली महिलाओं को आवेदन करने की अनुमति देकर महिला सशक्तिकरण की सुविधा दी गई है। इसके तहत प्राप्त आवेदनों की उच्चतम संख्या 4314 है।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने बताया कि हज यात्रियों की सुविधा के लिए 339 चिकित्सा कर्मियों (173 डॉक्टर और 166 पैरामेडिक्स) सहित कुल 468 प्रतिनियुक्ति वाले प्रशासनिक एवं चिकित्सा पेशेवरों का चयन किया गया है, इनमें ग्रेड ए के 29 अफसरों सहित प्रशासनिक कार्यों के लिए 129 अधिकारी भी शामिल हैं। 468 प्रतिनियुक्तियों में से 129 महिला सदस्यों को नियुक्ति दी गई है। सऊदी अरब में हज यात्रियों को बेहतर अनुभव एवं कार्य संबंधी सहायता के लिए केवल सीएपीएफ से प्रतिनियुक्ति वाले प्रशासनिक अधिकारियों का चयन किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय पहली बार चिकित्सा प्रतिनियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया में शामिल हुआ है।

प्रत्येक राज्य से हाजियों के हितों का ध्यान रखने के लिए हरेक प्रदेश से राज्य स्तरीय संयोजकों को तैनात किया जा रहा है। एएचओ और एचए को काफी हद तक घटा दिया गया है। 300 में से 108 और उनमें से सभी 100 प्रतिशत आईपीएस अधिकारी या सीएपीएफ से हैं।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

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नई दिल्ली, 13 मई (आईएएनएस)। भारत और सऊदी अरब के बीच हुए द्विपक्षीय समझौते के अनुसार इस वर्ष हज यात्रियों की कुल संख्या 1.75 लाख है। केंद्र सरकार ने हज यात्रा पैकेज में बाल्टी, चादर, सूटकेस आदि की अनिवार्य खरीद के कारण भारी पड़ने वाली अनावश्यक लागत को हटाकर आर्थिक कटौती के उपायों पर विशेष तौर पर ध्यान दिया है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के मुताबिक सरकार द्वारा प्रत्येक हज यात्री को 2100 सऊदी रियाल प्रदान करने के अनिवार्य प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है और हाजियों को उनकी जरूरतों के अनुसार सऊदी रियाल प्राप्त करने में लचीलापन दिया जा रहा है।

सऊदी अरब में हज यात्रियों की सुविधा हेतु चुने गए प्रशासनिक एवं चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा। हज यात्रियों के लिए चिकित्सा अधिकारियों का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम नई दिल्ली में लोधी रोड स्थित स्कोप कॉम्प्लेक्स सेंटर में किया जा रहा है।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के मुताबिक हज यात्रियों को वास्तविक आवश्यकताओं के हिसाब से विदेशी मुद्रा प्राप्त करने में लचीलापन सुनिश्चित करने और पूरी प्रणाली में पारदर्शिता लाने का प्रयास किया गया है। इसके अलावा पहली बार इच्छुक हज यात्रियों को विदेशी मुद्रा और विदेशी मुद्रा कार्ड की सीधी आपूर्ति सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी दरों पर भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से हो रही है। साथ ही हज यात्रियों की सुविधा के लिए अधिकतम जलपोत आरोहण स्थल तैयार किये जा रहे हैं।

हज के दौरान भारत में हज यात्रियों की चिकित्सा जांच और उनके टीकाकरण तथा सऊदी अरब में अस्पतालों के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय व इसकी एजेंसियों की प्रत्यक्ष भागीदारी होगी। दिव्यांगों और वृद्ध हज यात्रियों के लिए हज नीति में विशेष प्रावधानों के साथ समावेशन पर उचित ध्यान दिया जा रहा है।

मंत्रालय का कहना है कि महिलाओं के बिना महरम श्रेणी के तहत अकेली महिलाओं को आवेदन करने की अनुमति देकर महिला सशक्तिकरण की सुविधा दी गई है। इसके तहत प्राप्त आवेदनों की उच्चतम संख्या 4314 है।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने बताया कि हज यात्रियों की सुविधा के लिए 339 चिकित्सा कर्मियों (173 डॉक्टर और 166 पैरामेडिक्स) सहित कुल 468 प्रतिनियुक्ति वाले प्रशासनिक एवं चिकित्सा पेशेवरों का चयन किया गया है, इनमें ग्रेड ए के 29 अफसरों सहित प्रशासनिक कार्यों के लिए 129 अधिकारी भी शामिल हैं। 468 प्रतिनियुक्तियों में से 129 महिला सदस्यों को नियुक्ति दी गई है। सऊदी अरब में हज यात्रियों को बेहतर अनुभव एवं कार्य संबंधी सहायता के लिए केवल सीएपीएफ से प्रतिनियुक्ति वाले प्रशासनिक अधिकारियों का चयन किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय पहली बार चिकित्सा प्रतिनियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया में शामिल हुआ है।

प्रत्येक राज्य से हाजियों के हितों का ध्यान रखने के लिए हरेक प्रदेश से राज्य स्तरीय संयोजकों को तैनात किया जा रहा है। एएचओ और एचए को काफी हद तक घटा दिया गया है। 300 में से 108 और उनमें से सभी 100 प्रतिशत आईपीएस अधिकारी या सीएपीएफ से हैं।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

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नई दिल्ली, 13 मई (आईएएनएस)। भारत और सऊदी अरब के बीच हुए द्विपक्षीय समझौते के अनुसार इस वर्ष हज यात्रियों की कुल संख्या 1.75 लाख है। केंद्र सरकार ने हज यात्रा पैकेज में बाल्टी, चादर, सूटकेस आदि की अनिवार्य खरीद के कारण भारी पड़ने वाली अनावश्यक लागत को हटाकर आर्थिक कटौती के उपायों पर विशेष तौर पर ध्यान दिया है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के मुताबिक सरकार द्वारा प्रत्येक हज यात्री को 2100 सऊदी रियाल प्रदान करने के अनिवार्य प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है और हाजियों को उनकी जरूरतों के अनुसार सऊदी रियाल प्राप्त करने में लचीलापन दिया जा रहा है।

सऊदी अरब में हज यात्रियों की सुविधा हेतु चुने गए प्रशासनिक एवं चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा। हज यात्रियों के लिए चिकित्सा अधिकारियों का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम नई दिल्ली में लोधी रोड स्थित स्कोप कॉम्प्लेक्स सेंटर में किया जा रहा है।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के मुताबिक हज यात्रियों को वास्तविक आवश्यकताओं के हिसाब से विदेशी मुद्रा प्राप्त करने में लचीलापन सुनिश्चित करने और पूरी प्रणाली में पारदर्शिता लाने का प्रयास किया गया है। इसके अलावा पहली बार इच्छुक हज यात्रियों को विदेशी मुद्रा और विदेशी मुद्रा कार्ड की सीधी आपूर्ति सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी दरों पर भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से हो रही है। साथ ही हज यात्रियों की सुविधा के लिए अधिकतम जलपोत आरोहण स्थल तैयार किये जा रहे हैं।

हज के दौरान भारत में हज यात्रियों की चिकित्सा जांच और उनके टीकाकरण तथा सऊदी अरब में अस्पतालों के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय व इसकी एजेंसियों की प्रत्यक्ष भागीदारी होगी। दिव्यांगों और वृद्ध हज यात्रियों के लिए हज नीति में विशेष प्रावधानों के साथ समावेशन पर उचित ध्यान दिया जा रहा है।

मंत्रालय का कहना है कि महिलाओं के बिना महरम श्रेणी के तहत अकेली महिलाओं को आवेदन करने की अनुमति देकर महिला सशक्तिकरण की सुविधा दी गई है। इसके तहत प्राप्त आवेदनों की उच्चतम संख्या 4314 है।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने बताया कि हज यात्रियों की सुविधा के लिए 339 चिकित्सा कर्मियों (173 डॉक्टर और 166 पैरामेडिक्स) सहित कुल 468 प्रतिनियुक्ति वाले प्रशासनिक एवं चिकित्सा पेशेवरों का चयन किया गया है, इनमें ग्रेड ए के 29 अफसरों सहित प्रशासनिक कार्यों के लिए 129 अधिकारी भी शामिल हैं। 468 प्रतिनियुक्तियों में से 129 महिला सदस्यों को नियुक्ति दी गई है। सऊदी अरब में हज यात्रियों को बेहतर अनुभव एवं कार्य संबंधी सहायता के लिए केवल सीएपीएफ से प्रतिनियुक्ति वाले प्रशासनिक अधिकारियों का चयन किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय पहली बार चिकित्सा प्रतिनियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया में शामिल हुआ है।

प्रत्येक राज्य से हाजियों के हितों का ध्यान रखने के लिए हरेक प्रदेश से राज्य स्तरीय संयोजकों को तैनात किया जा रहा है। एएचओ और एचए को काफी हद तक घटा दिया गया है। 300 में से 108 और उनमें से सभी 100 प्रतिशत आईपीएस अधिकारी या सीएपीएफ से हैं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 13 मई (आईएएनएस)। भारत और सऊदी अरब के बीच हुए द्विपक्षीय समझौते के अनुसार इस वर्ष हज यात्रियों की कुल संख्या 1.75 लाख है। केंद्र सरकार ने हज यात्रा पैकेज में बाल्टी, चादर, सूटकेस आदि की अनिवार्य खरीद के कारण भारी पड़ने वाली अनावश्यक लागत को हटाकर आर्थिक कटौती के उपायों पर विशेष तौर पर ध्यान दिया है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के मुताबिक सरकार द्वारा प्रत्येक हज यात्री को 2100 सऊदी रियाल प्रदान करने के अनिवार्य प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है और हाजियों को उनकी जरूरतों के अनुसार सऊदी रियाल प्राप्त करने में लचीलापन दिया जा रहा है।

सऊदी अरब में हज यात्रियों की सुविधा हेतु चुने गए प्रशासनिक एवं चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा। हज यात्रियों के लिए चिकित्सा अधिकारियों का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम नई दिल्ली में लोधी रोड स्थित स्कोप कॉम्प्लेक्स सेंटर में किया जा रहा है।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के मुताबिक हज यात्रियों को वास्तविक आवश्यकताओं के हिसाब से विदेशी मुद्रा प्राप्त करने में लचीलापन सुनिश्चित करने और पूरी प्रणाली में पारदर्शिता लाने का प्रयास किया गया है। इसके अलावा पहली बार इच्छुक हज यात्रियों को विदेशी मुद्रा और विदेशी मुद्रा कार्ड की सीधी आपूर्ति सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी दरों पर भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से हो रही है। साथ ही हज यात्रियों की सुविधा के लिए अधिकतम जलपोत आरोहण स्थल तैयार किये जा रहे हैं।

हज के दौरान भारत में हज यात्रियों की चिकित्सा जांच और उनके टीकाकरण तथा सऊदी अरब में अस्पतालों के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय व इसकी एजेंसियों की प्रत्यक्ष भागीदारी होगी। दिव्यांगों और वृद्ध हज यात्रियों के लिए हज नीति में विशेष प्रावधानों के साथ समावेशन पर उचित ध्यान दिया जा रहा है।

मंत्रालय का कहना है कि महिलाओं के बिना महरम श्रेणी के तहत अकेली महिलाओं को आवेदन करने की अनुमति देकर महिला सशक्तिकरण की सुविधा दी गई है। इसके तहत प्राप्त आवेदनों की उच्चतम संख्या 4314 है।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने बताया कि हज यात्रियों की सुविधा के लिए 339 चिकित्सा कर्मियों (173 डॉक्टर और 166 पैरामेडिक्स) सहित कुल 468 प्रतिनियुक्ति वाले प्रशासनिक एवं चिकित्सा पेशेवरों का चयन किया गया है, इनमें ग्रेड ए के 29 अफसरों सहित प्रशासनिक कार्यों के लिए 129 अधिकारी भी शामिल हैं। 468 प्रतिनियुक्तियों में से 129 महिला सदस्यों को नियुक्ति दी गई है। सऊदी अरब में हज यात्रियों को बेहतर अनुभव एवं कार्य संबंधी सहायता के लिए केवल सीएपीएफ से प्रतिनियुक्ति वाले प्रशासनिक अधिकारियों का चयन किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय पहली बार चिकित्सा प्रतिनियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया में शामिल हुआ है।

प्रत्येक राज्य से हाजियों के हितों का ध्यान रखने के लिए हरेक प्रदेश से राज्य स्तरीय संयोजकों को तैनात किया जा रहा है। एएचओ और एचए को काफी हद तक घटा दिया गया है। 300 में से 108 और उनमें से सभी 100 प्रतिशत आईपीएस अधिकारी या सीएपीएफ से हैं।

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सऊदी अरब में हज यात्रियों की सुविधा हेतु चुने गए प्रशासनिक एवं चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा। हज यात्रियों के लिए चिकित्सा अधिकारियों का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम नई दिल्ली में लोधी रोड स्थित स्कोप कॉम्प्लेक्स सेंटर में किया जा रहा है।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के मुताबिक हज यात्रियों को वास्तविक आवश्यकताओं के हिसाब से विदेशी मुद्रा प्राप्त करने में लचीलापन सुनिश्चित करने और पूरी प्रणाली में पारदर्शिता लाने का प्रयास किया गया है। इसके अलावा पहली बार इच्छुक हज यात्रियों को विदेशी मुद्रा और विदेशी मुद्रा कार्ड की सीधी आपूर्ति सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी दरों पर भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से हो रही है। साथ ही हज यात्रियों की सुविधा के लिए अधिकतम जलपोत आरोहण स्थल तैयार किये जा रहे हैं।

हज के दौरान भारत में हज यात्रियों की चिकित्सा जांच और उनके टीकाकरण तथा सऊदी अरब में अस्पतालों के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय व इसकी एजेंसियों की प्रत्यक्ष भागीदारी होगी। दिव्यांगों और वृद्ध हज यात्रियों के लिए हज नीति में विशेष प्रावधानों के साथ समावेशन पर उचित ध्यान दिया जा रहा है।

मंत्रालय का कहना है कि महिलाओं के बिना महरम श्रेणी के तहत अकेली महिलाओं को आवेदन करने की अनुमति देकर महिला सशक्तिकरण की सुविधा दी गई है। इसके तहत प्राप्त आवेदनों की उच्चतम संख्या 4314 है।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने बताया कि हज यात्रियों की सुविधा के लिए 339 चिकित्सा कर्मियों (173 डॉक्टर और 166 पैरामेडिक्स) सहित कुल 468 प्रतिनियुक्ति वाले प्रशासनिक एवं चिकित्सा पेशेवरों का चयन किया गया है, इनमें ग्रेड ए के 29 अफसरों सहित प्रशासनिक कार्यों के लिए 129 अधिकारी भी शामिल हैं। 468 प्रतिनियुक्तियों में से 129 महिला सदस्यों को नियुक्ति दी गई है। सऊदी अरब में हज यात्रियों को बेहतर अनुभव एवं कार्य संबंधी सहायता के लिए केवल सीएपीएफ से प्रतिनियुक्ति वाले प्रशासनिक अधिकारियों का चयन किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय पहली बार चिकित्सा प्रतिनियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया में शामिल हुआ है।

प्रत्येक राज्य से हाजियों के हितों का ध्यान रखने के लिए हरेक प्रदेश से राज्य स्तरीय संयोजकों को तैनात किया जा रहा है। एएचओ और एचए को काफी हद तक घटा दिया गया है। 300 में से 108 और उनमें से सभी 100 प्रतिशत आईपीएस अधिकारी या सीएपीएफ से हैं।

–आईएएनएस

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सऊदी अरब में हज यात्रियों की सुविधा हेतु चुने गए प्रशासनिक एवं चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा। हज यात्रियों के लिए चिकित्सा अधिकारियों का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम नई दिल्ली में लोधी रोड स्थित स्कोप कॉम्प्लेक्स सेंटर में किया जा रहा है।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के मुताबिक हज यात्रियों को वास्तविक आवश्यकताओं के हिसाब से विदेशी मुद्रा प्राप्त करने में लचीलापन सुनिश्चित करने और पूरी प्रणाली में पारदर्शिता लाने का प्रयास किया गया है। इसके अलावा पहली बार इच्छुक हज यात्रियों को विदेशी मुद्रा और विदेशी मुद्रा कार्ड की सीधी आपूर्ति सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी दरों पर भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से हो रही है। साथ ही हज यात्रियों की सुविधा के लिए अधिकतम जलपोत आरोहण स्थल तैयार किये जा रहे हैं।

हज के दौरान भारत में हज यात्रियों की चिकित्सा जांच और उनके टीकाकरण तथा सऊदी अरब में अस्पतालों के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय व इसकी एजेंसियों की प्रत्यक्ष भागीदारी होगी। दिव्यांगों और वृद्ध हज यात्रियों के लिए हज नीति में विशेष प्रावधानों के साथ समावेशन पर उचित ध्यान दिया जा रहा है।

मंत्रालय का कहना है कि महिलाओं के बिना महरम श्रेणी के तहत अकेली महिलाओं को आवेदन करने की अनुमति देकर महिला सशक्तिकरण की सुविधा दी गई है। इसके तहत प्राप्त आवेदनों की उच्चतम संख्या 4314 है।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने बताया कि हज यात्रियों की सुविधा के लिए 339 चिकित्सा कर्मियों (173 डॉक्टर और 166 पैरामेडिक्स) सहित कुल 468 प्रतिनियुक्ति वाले प्रशासनिक एवं चिकित्सा पेशेवरों का चयन किया गया है, इनमें ग्रेड ए के 29 अफसरों सहित प्रशासनिक कार्यों के लिए 129 अधिकारी भी शामिल हैं। 468 प्रतिनियुक्तियों में से 129 महिला सदस्यों को नियुक्ति दी गई है। सऊदी अरब में हज यात्रियों को बेहतर अनुभव एवं कार्य संबंधी सहायता के लिए केवल सीएपीएफ से प्रतिनियुक्ति वाले प्रशासनिक अधिकारियों का चयन किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय पहली बार चिकित्सा प्रतिनियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया में शामिल हुआ है।

प्रत्येक राज्य से हाजियों के हितों का ध्यान रखने के लिए हरेक प्रदेश से राज्य स्तरीय संयोजकों को तैनात किया जा रहा है। एएचओ और एचए को काफी हद तक घटा दिया गया है। 300 में से 108 और उनमें से सभी 100 प्रतिशत आईपीएस अधिकारी या सीएपीएफ से हैं।

–आईएएनएस

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सऊदी अरब में हज यात्रियों की सुविधा हेतु चुने गए प्रशासनिक एवं चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा। हज यात्रियों के लिए चिकित्सा अधिकारियों का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम नई दिल्ली में लोधी रोड स्थित स्कोप कॉम्प्लेक्स सेंटर में किया जा रहा है।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के मुताबिक हज यात्रियों को वास्तविक आवश्यकताओं के हिसाब से विदेशी मुद्रा प्राप्त करने में लचीलापन सुनिश्चित करने और पूरी प्रणाली में पारदर्शिता लाने का प्रयास किया गया है। इसके अलावा पहली बार इच्छुक हज यात्रियों को विदेशी मुद्रा और विदेशी मुद्रा कार्ड की सीधी आपूर्ति सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी दरों पर भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से हो रही है। साथ ही हज यात्रियों की सुविधा के लिए अधिकतम जलपोत आरोहण स्थल तैयार किये जा रहे हैं।

हज के दौरान भारत में हज यात्रियों की चिकित्सा जांच और उनके टीकाकरण तथा सऊदी अरब में अस्पतालों के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय व इसकी एजेंसियों की प्रत्यक्ष भागीदारी होगी। दिव्यांगों और वृद्ध हज यात्रियों के लिए हज नीति में विशेष प्रावधानों के साथ समावेशन पर उचित ध्यान दिया जा रहा है।

मंत्रालय का कहना है कि महिलाओं के बिना महरम श्रेणी के तहत अकेली महिलाओं को आवेदन करने की अनुमति देकर महिला सशक्तिकरण की सुविधा दी गई है। इसके तहत प्राप्त आवेदनों की उच्चतम संख्या 4314 है।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने बताया कि हज यात्रियों की सुविधा के लिए 339 चिकित्सा कर्मियों (173 डॉक्टर और 166 पैरामेडिक्स) सहित कुल 468 प्रतिनियुक्ति वाले प्रशासनिक एवं चिकित्सा पेशेवरों का चयन किया गया है, इनमें ग्रेड ए के 29 अफसरों सहित प्रशासनिक कार्यों के लिए 129 अधिकारी भी शामिल हैं। 468 प्रतिनियुक्तियों में से 129 महिला सदस्यों को नियुक्ति दी गई है। सऊदी अरब में हज यात्रियों को बेहतर अनुभव एवं कार्य संबंधी सहायता के लिए केवल सीएपीएफ से प्रतिनियुक्ति वाले प्रशासनिक अधिकारियों का चयन किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय पहली बार चिकित्सा प्रतिनियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया में शामिल हुआ है।

प्रत्येक राज्य से हाजियों के हितों का ध्यान रखने के लिए हरेक प्रदेश से राज्य स्तरीय संयोजकों को तैनात किया जा रहा है। एएचओ और एचए को काफी हद तक घटा दिया गया है। 300 में से 108 और उनमें से सभी 100 प्रतिशत आईपीएस अधिकारी या सीएपीएफ से हैं।

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सऊदी अरब में हज यात्रियों की सुविधा हेतु चुने गए प्रशासनिक एवं चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा। हज यात्रियों के लिए चिकित्सा अधिकारियों का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम नई दिल्ली में लोधी रोड स्थित स्कोप कॉम्प्लेक्स सेंटर में किया जा रहा है।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के मुताबिक हज यात्रियों को वास्तविक आवश्यकताओं के हिसाब से विदेशी मुद्रा प्राप्त करने में लचीलापन सुनिश्चित करने और पूरी प्रणाली में पारदर्शिता लाने का प्रयास किया गया है। इसके अलावा पहली बार इच्छुक हज यात्रियों को विदेशी मुद्रा और विदेशी मुद्रा कार्ड की सीधी आपूर्ति सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी दरों पर भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से हो रही है। साथ ही हज यात्रियों की सुविधा के लिए अधिकतम जलपोत आरोहण स्थल तैयार किये जा रहे हैं।

हज के दौरान भारत में हज यात्रियों की चिकित्सा जांच और उनके टीकाकरण तथा सऊदी अरब में अस्पतालों के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय व इसकी एजेंसियों की प्रत्यक्ष भागीदारी होगी। दिव्यांगों और वृद्ध हज यात्रियों के लिए हज नीति में विशेष प्रावधानों के साथ समावेशन पर उचित ध्यान दिया जा रहा है।

मंत्रालय का कहना है कि महिलाओं के बिना महरम श्रेणी के तहत अकेली महिलाओं को आवेदन करने की अनुमति देकर महिला सशक्तिकरण की सुविधा दी गई है। इसके तहत प्राप्त आवेदनों की उच्चतम संख्या 4314 है।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने बताया कि हज यात्रियों की सुविधा के लिए 339 चिकित्सा कर्मियों (173 डॉक्टर और 166 पैरामेडिक्स) सहित कुल 468 प्रतिनियुक्ति वाले प्रशासनिक एवं चिकित्सा पेशेवरों का चयन किया गया है, इनमें ग्रेड ए के 29 अफसरों सहित प्रशासनिक कार्यों के लिए 129 अधिकारी भी शामिल हैं। 468 प्रतिनियुक्तियों में से 129 महिला सदस्यों को नियुक्ति दी गई है। सऊदी अरब में हज यात्रियों को बेहतर अनुभव एवं कार्य संबंधी सहायता के लिए केवल सीएपीएफ से प्रतिनियुक्ति वाले प्रशासनिक अधिकारियों का चयन किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय पहली बार चिकित्सा प्रतिनियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया में शामिल हुआ है।

प्रत्येक राज्य से हाजियों के हितों का ध्यान रखने के लिए हरेक प्रदेश से राज्य स्तरीय संयोजकों को तैनात किया जा रहा है। एएचओ और एचए को काफी हद तक घटा दिया गया है। 300 में से 108 और उनमें से सभी 100 प्रतिशत आईपीएस अधिकारी या सीएपीएफ से हैं।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

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