नई दिल्ली, 16 मई (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को सिविक एजेंसियों के साथ सहयोग करने और उन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है, जहां अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं।
अदालत ने उच्च-रिजॉल्यूशन कैमरे स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया है और आयुक्त से इन दुर्घटना-संभावित क्षेत्रों में उन्हें लागू करने के लिए गंभीर प्रयास करने का आग्रह किया है।
इसके अलावा, अदालत ने दिल्ली के शीर्ष पुलिस अधिकारी से यातायात प्रबंधन पर एक विस्तृत रिपोर्ट का अनुरोध किया है, सड़क दुर्घटनाओं की खतरनाक संख्या के कारण मौत और चोटों के कारण। अदालत द्वारा चिन्हित निर्दिष्ट क्षेत्रों में एनएच-8, रिंग रोड और धौला कुआं शामिल हैं।
मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण की पीठासीन अधिकारी शेफाली बरनाला टंडन एक मामले की सुनवाई कर रही थीं। एक निरीक्षक विपिन कुमार ने एक आवेदन दायर किया था, जिसमें एनएच-8, रिंग रोड और धौला कुआं पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए नागरिक एजेंसियों को निर्देश देने की मांग की गई थी।
दिल्ली छावनी पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 279 (सार्वजनिक तरीके से गाड़ी चलाना या सवारी करना) और 304 ए (लापरवाही से मौत) के तहत दर्ज एक मामले की सुनवाई के दौरान थाना प्रभारी कुमार ने यह आवेदन दायर किया था।
आवेदन में कहा गया है, डेटा के अवलोकन पर, 35 घातक दुर्घटना मामलों में से, 21 वर्ष 2022 में अन्य अनसुलझे आकस्मिक मामलों के अलावा अनसुलझी रही।
–आईएएनएस
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