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Home ताज़ा समाचार

सूडान के युद्धरत पक्षों के बीच खारतूम में लड़ाई जारी

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May 16, 2023
in ताज़ा समाचार
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सूडान के युद्धरत पक्षों के बीच खारतूम में लड़ाई जारी
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खारतूम, 16 मई (आईएएनएस)। सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच हिंसक झड़पें जारी हैं। राजधानी खारतूम के पूर्वी हिस्सों में वायु सेना द्वारा भारी बमबारी की जा रही है।

सेना ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा, विद्रोही मिलिशिया से संबंधित हथियारों, गोला-बारूद, ईंधन व रसद को रोका गया है, जिसने शार्क अल-नील (पूर्वी नील) इलाके में कुछ क्षेत्रों और पूर्वी नील अस्पताल के आसपास के ठिकानों को निशाना बनाया।

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समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन के दौरान कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ, लेकिन आरएसएफ ने कहा कि बमबारी में दर्जनों निर्दोष नागरिक मारे गए और घायल हुए और अस्पताल का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया।

सोमवार को, सूडानी विदेश मंत्रालय ने खारतूम में कई राजनयिक मिशनों पर आरएसएफ हमलों की निंदा की।

मंत्रालय ने कहा,आरएसएफ ने जॉर्डन के राजनयिक मिशनों, दक्षिण सूडान के दूतावास, सोमालिया गणराज्य के दूतावास, युगांडा गणराज्य के दूतावास और सेना पर हमला किया।

बयान में कहा गया है कि आरएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय कानून की परवाह किए बिना दस्तावेजों और फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया और कंप्यूटर और राजनयिक वाहनों सहित कीमती सामान चुरा लिया।

इस बीच, सूडान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को देश की स्थिति पर एक बयान जारी किया।

आयोग ने नागरिक आवासों के आसपास वायु सेना और भारी हथियारों के उपयोग की निंदा की, जिसके परिणामस्वरूप नागरिक हताहत हुए।

अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि 15 अप्रैल को पहली बार शुरू हुई झड़पों के बाद से कम से कम 676 लोग मारे गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 936,000 से अधिक लोग 15 अप्रैल से संघर्ष से विस्थापित हुए हैं। इनमें से लगभग 736,200 लोग आंतरिक रूप और लगभग 200,000 पड़ोसी देशों में शरण लिए हैं।

–आईएएनएस

सीबीटी

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खारतूम, 16 मई (आईएएनएस)। सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच हिंसक झड़पें जारी हैं। राजधानी खारतूम के पूर्वी हिस्सों में वायु सेना द्वारा भारी बमबारी की जा रही है।

सेना ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा, विद्रोही मिलिशिया से संबंधित हथियारों, गोला-बारूद, ईंधन व रसद को रोका गया है, जिसने शार्क अल-नील (पूर्वी नील) इलाके में कुछ क्षेत्रों और पूर्वी नील अस्पताल के आसपास के ठिकानों को निशाना बनाया।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन के दौरान कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ, लेकिन आरएसएफ ने कहा कि बमबारी में दर्जनों निर्दोष नागरिक मारे गए और घायल हुए और अस्पताल का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया।

सोमवार को, सूडानी विदेश मंत्रालय ने खारतूम में कई राजनयिक मिशनों पर आरएसएफ हमलों की निंदा की।

मंत्रालय ने कहा,आरएसएफ ने जॉर्डन के राजनयिक मिशनों, दक्षिण सूडान के दूतावास, सोमालिया गणराज्य के दूतावास, युगांडा गणराज्य के दूतावास और सेना पर हमला किया।

बयान में कहा गया है कि आरएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय कानून की परवाह किए बिना दस्तावेजों और फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया और कंप्यूटर और राजनयिक वाहनों सहित कीमती सामान चुरा लिया।

इस बीच, सूडान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को देश की स्थिति पर एक बयान जारी किया।

आयोग ने नागरिक आवासों के आसपास वायु सेना और भारी हथियारों के उपयोग की निंदा की, जिसके परिणामस्वरूप नागरिक हताहत हुए।

अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि 15 अप्रैल को पहली बार शुरू हुई झड़पों के बाद से कम से कम 676 लोग मारे गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 936,000 से अधिक लोग 15 अप्रैल से संघर्ष से विस्थापित हुए हैं। इनमें से लगभग 736,200 लोग आंतरिक रूप और लगभग 200,000 पड़ोसी देशों में शरण लिए हैं।

–आईएएनएस

सीबीटी

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खारतूम, 16 मई (आईएएनएस)। सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच हिंसक झड़पें जारी हैं। राजधानी खारतूम के पूर्वी हिस्सों में वायु सेना द्वारा भारी बमबारी की जा रही है।

सेना ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा, विद्रोही मिलिशिया से संबंधित हथियारों, गोला-बारूद, ईंधन व रसद को रोका गया है, जिसने शार्क अल-नील (पूर्वी नील) इलाके में कुछ क्षेत्रों और पूर्वी नील अस्पताल के आसपास के ठिकानों को निशाना बनाया।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन के दौरान कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ, लेकिन आरएसएफ ने कहा कि बमबारी में दर्जनों निर्दोष नागरिक मारे गए और घायल हुए और अस्पताल का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया।

सोमवार को, सूडानी विदेश मंत्रालय ने खारतूम में कई राजनयिक मिशनों पर आरएसएफ हमलों की निंदा की।

मंत्रालय ने कहा,आरएसएफ ने जॉर्डन के राजनयिक मिशनों, दक्षिण सूडान के दूतावास, सोमालिया गणराज्य के दूतावास, युगांडा गणराज्य के दूतावास और सेना पर हमला किया।

बयान में कहा गया है कि आरएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय कानून की परवाह किए बिना दस्तावेजों और फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया और कंप्यूटर और राजनयिक वाहनों सहित कीमती सामान चुरा लिया।

इस बीच, सूडान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को देश की स्थिति पर एक बयान जारी किया।

आयोग ने नागरिक आवासों के आसपास वायु सेना और भारी हथियारों के उपयोग की निंदा की, जिसके परिणामस्वरूप नागरिक हताहत हुए।

अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि 15 अप्रैल को पहली बार शुरू हुई झड़पों के बाद से कम से कम 676 लोग मारे गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 936,000 से अधिक लोग 15 अप्रैल से संघर्ष से विस्थापित हुए हैं। इनमें से लगभग 736,200 लोग आंतरिक रूप और लगभग 200,000 पड़ोसी देशों में शरण लिए हैं।

–आईएएनएस

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खारतूम, 16 मई (आईएएनएस)। सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच हिंसक झड़पें जारी हैं। राजधानी खारतूम के पूर्वी हिस्सों में वायु सेना द्वारा भारी बमबारी की जा रही है।

सेना ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा, विद्रोही मिलिशिया से संबंधित हथियारों, गोला-बारूद, ईंधन व रसद को रोका गया है, जिसने शार्क अल-नील (पूर्वी नील) इलाके में कुछ क्षेत्रों और पूर्वी नील अस्पताल के आसपास के ठिकानों को निशाना बनाया।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन के दौरान कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ, लेकिन आरएसएफ ने कहा कि बमबारी में दर्जनों निर्दोष नागरिक मारे गए और घायल हुए और अस्पताल का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया।

सोमवार को, सूडानी विदेश मंत्रालय ने खारतूम में कई राजनयिक मिशनों पर आरएसएफ हमलों की निंदा की।

मंत्रालय ने कहा,आरएसएफ ने जॉर्डन के राजनयिक मिशनों, दक्षिण सूडान के दूतावास, सोमालिया गणराज्य के दूतावास, युगांडा गणराज्य के दूतावास और सेना पर हमला किया।

बयान में कहा गया है कि आरएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय कानून की परवाह किए बिना दस्तावेजों और फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया और कंप्यूटर और राजनयिक वाहनों सहित कीमती सामान चुरा लिया।

इस बीच, सूडान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को देश की स्थिति पर एक बयान जारी किया।

आयोग ने नागरिक आवासों के आसपास वायु सेना और भारी हथियारों के उपयोग की निंदा की, जिसके परिणामस्वरूप नागरिक हताहत हुए।

अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि 15 अप्रैल को पहली बार शुरू हुई झड़पों के बाद से कम से कम 676 लोग मारे गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 936,000 से अधिक लोग 15 अप्रैल से संघर्ष से विस्थापित हुए हैं। इनमें से लगभग 736,200 लोग आंतरिक रूप और लगभग 200,000 पड़ोसी देशों में शरण लिए हैं।

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खारतूम, 16 मई (आईएएनएस)। सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच हिंसक झड़पें जारी हैं। राजधानी खारतूम के पूर्वी हिस्सों में वायु सेना द्वारा भारी बमबारी की जा रही है।

सेना ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा, विद्रोही मिलिशिया से संबंधित हथियारों, गोला-बारूद, ईंधन व रसद को रोका गया है, जिसने शार्क अल-नील (पूर्वी नील) इलाके में कुछ क्षेत्रों और पूर्वी नील अस्पताल के आसपास के ठिकानों को निशाना बनाया।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन के दौरान कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ, लेकिन आरएसएफ ने कहा कि बमबारी में दर्जनों निर्दोष नागरिक मारे गए और घायल हुए और अस्पताल का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया।

सोमवार को, सूडानी विदेश मंत्रालय ने खारतूम में कई राजनयिक मिशनों पर आरएसएफ हमलों की निंदा की।

मंत्रालय ने कहा,आरएसएफ ने जॉर्डन के राजनयिक मिशनों, दक्षिण सूडान के दूतावास, सोमालिया गणराज्य के दूतावास, युगांडा गणराज्य के दूतावास और सेना पर हमला किया।

बयान में कहा गया है कि आरएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय कानून की परवाह किए बिना दस्तावेजों और फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया और कंप्यूटर और राजनयिक वाहनों सहित कीमती सामान चुरा लिया।

इस बीच, सूडान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को देश की स्थिति पर एक बयान जारी किया।

आयोग ने नागरिक आवासों के आसपास वायु सेना और भारी हथियारों के उपयोग की निंदा की, जिसके परिणामस्वरूप नागरिक हताहत हुए।

अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि 15 अप्रैल को पहली बार शुरू हुई झड़पों के बाद से कम से कम 676 लोग मारे गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 936,000 से अधिक लोग 15 अप्रैल से संघर्ष से विस्थापित हुए हैं। इनमें से लगभग 736,200 लोग आंतरिक रूप और लगभग 200,000 पड़ोसी देशों में शरण लिए हैं।

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सेना ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा, विद्रोही मिलिशिया से संबंधित हथियारों, गोला-बारूद, ईंधन व रसद को रोका गया है, जिसने शार्क अल-नील (पूर्वी नील) इलाके में कुछ क्षेत्रों और पूर्वी नील अस्पताल के आसपास के ठिकानों को निशाना बनाया।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन के दौरान कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ, लेकिन आरएसएफ ने कहा कि बमबारी में दर्जनों निर्दोष नागरिक मारे गए और घायल हुए और अस्पताल का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया।

सोमवार को, सूडानी विदेश मंत्रालय ने खारतूम में कई राजनयिक मिशनों पर आरएसएफ हमलों की निंदा की।

मंत्रालय ने कहा,आरएसएफ ने जॉर्डन के राजनयिक मिशनों, दक्षिण सूडान के दूतावास, सोमालिया गणराज्य के दूतावास, युगांडा गणराज्य के दूतावास और सेना पर हमला किया।

बयान में कहा गया है कि आरएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय कानून की परवाह किए बिना दस्तावेजों और फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया और कंप्यूटर और राजनयिक वाहनों सहित कीमती सामान चुरा लिया।

इस बीच, सूडान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को देश की स्थिति पर एक बयान जारी किया।

आयोग ने नागरिक आवासों के आसपास वायु सेना और भारी हथियारों के उपयोग की निंदा की, जिसके परिणामस्वरूप नागरिक हताहत हुए।

अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि 15 अप्रैल को पहली बार शुरू हुई झड़पों के बाद से कम से कम 676 लोग मारे गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 936,000 से अधिक लोग 15 अप्रैल से संघर्ष से विस्थापित हुए हैं। इनमें से लगभग 736,200 लोग आंतरिक रूप और लगभग 200,000 पड़ोसी देशों में शरण लिए हैं।

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सेना ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा, विद्रोही मिलिशिया से संबंधित हथियारों, गोला-बारूद, ईंधन व रसद को रोका गया है, जिसने शार्क अल-नील (पूर्वी नील) इलाके में कुछ क्षेत्रों और पूर्वी नील अस्पताल के आसपास के ठिकानों को निशाना बनाया।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन के दौरान कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ, लेकिन आरएसएफ ने कहा कि बमबारी में दर्जनों निर्दोष नागरिक मारे गए और घायल हुए और अस्पताल का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया।

सोमवार को, सूडानी विदेश मंत्रालय ने खारतूम में कई राजनयिक मिशनों पर आरएसएफ हमलों की निंदा की।

मंत्रालय ने कहा,आरएसएफ ने जॉर्डन के राजनयिक मिशनों, दक्षिण सूडान के दूतावास, सोमालिया गणराज्य के दूतावास, युगांडा गणराज्य के दूतावास और सेना पर हमला किया।

बयान में कहा गया है कि आरएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय कानून की परवाह किए बिना दस्तावेजों और फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया और कंप्यूटर और राजनयिक वाहनों सहित कीमती सामान चुरा लिया।

इस बीच, सूडान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को देश की स्थिति पर एक बयान जारी किया।

आयोग ने नागरिक आवासों के आसपास वायु सेना और भारी हथियारों के उपयोग की निंदा की, जिसके परिणामस्वरूप नागरिक हताहत हुए।

अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि 15 अप्रैल को पहली बार शुरू हुई झड़पों के बाद से कम से कम 676 लोग मारे गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 936,000 से अधिक लोग 15 अप्रैल से संघर्ष से विस्थापित हुए हैं। इनमें से लगभग 736,200 लोग आंतरिक रूप और लगभग 200,000 पड़ोसी देशों में शरण लिए हैं।

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सेना ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा, विद्रोही मिलिशिया से संबंधित हथियारों, गोला-बारूद, ईंधन व रसद को रोका गया है, जिसने शार्क अल-नील (पूर्वी नील) इलाके में कुछ क्षेत्रों और पूर्वी नील अस्पताल के आसपास के ठिकानों को निशाना बनाया।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन के दौरान कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ, लेकिन आरएसएफ ने कहा कि बमबारी में दर्जनों निर्दोष नागरिक मारे गए और घायल हुए और अस्पताल का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया।

सोमवार को, सूडानी विदेश मंत्रालय ने खारतूम में कई राजनयिक मिशनों पर आरएसएफ हमलों की निंदा की।

मंत्रालय ने कहा,आरएसएफ ने जॉर्डन के राजनयिक मिशनों, दक्षिण सूडान के दूतावास, सोमालिया गणराज्य के दूतावास, युगांडा गणराज्य के दूतावास और सेना पर हमला किया।

बयान में कहा गया है कि आरएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय कानून की परवाह किए बिना दस्तावेजों और फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया और कंप्यूटर और राजनयिक वाहनों सहित कीमती सामान चुरा लिया।

इस बीच, सूडान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को देश की स्थिति पर एक बयान जारी किया।

आयोग ने नागरिक आवासों के आसपास वायु सेना और भारी हथियारों के उपयोग की निंदा की, जिसके परिणामस्वरूप नागरिक हताहत हुए।

अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि 15 अप्रैल को पहली बार शुरू हुई झड़पों के बाद से कम से कम 676 लोग मारे गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 936,000 से अधिक लोग 15 अप्रैल से संघर्ष से विस्थापित हुए हैं। इनमें से लगभग 736,200 लोग आंतरिक रूप और लगभग 200,000 पड़ोसी देशों में शरण लिए हैं।

–आईएएनएस

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खारतूम, 16 मई (आईएएनएस)। सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच हिंसक झड़पें जारी हैं। राजधानी खारतूम के पूर्वी हिस्सों में वायु सेना द्वारा भारी बमबारी की जा रही है।

सेना ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा, विद्रोही मिलिशिया से संबंधित हथियारों, गोला-बारूद, ईंधन व रसद को रोका गया है, जिसने शार्क अल-नील (पूर्वी नील) इलाके में कुछ क्षेत्रों और पूर्वी नील अस्पताल के आसपास के ठिकानों को निशाना बनाया।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन के दौरान कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ, लेकिन आरएसएफ ने कहा कि बमबारी में दर्जनों निर्दोष नागरिक मारे गए और घायल हुए और अस्पताल का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया।

सोमवार को, सूडानी विदेश मंत्रालय ने खारतूम में कई राजनयिक मिशनों पर आरएसएफ हमलों की निंदा की।

मंत्रालय ने कहा,आरएसएफ ने जॉर्डन के राजनयिक मिशनों, दक्षिण सूडान के दूतावास, सोमालिया गणराज्य के दूतावास, युगांडा गणराज्य के दूतावास और सेना पर हमला किया।

बयान में कहा गया है कि आरएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय कानून की परवाह किए बिना दस्तावेजों और फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया और कंप्यूटर और राजनयिक वाहनों सहित कीमती सामान चुरा लिया।

इस बीच, सूडान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को देश की स्थिति पर एक बयान जारी किया।

आयोग ने नागरिक आवासों के आसपास वायु सेना और भारी हथियारों के उपयोग की निंदा की, जिसके परिणामस्वरूप नागरिक हताहत हुए।

अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि 15 अप्रैल को पहली बार शुरू हुई झड़पों के बाद से कम से कम 676 लोग मारे गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 936,000 से अधिक लोग 15 अप्रैल से संघर्ष से विस्थापित हुए हैं। इनमें से लगभग 736,200 लोग आंतरिक रूप और लगभग 200,000 पड़ोसी देशों में शरण लिए हैं।

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सेना ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा, विद्रोही मिलिशिया से संबंधित हथियारों, गोला-बारूद, ईंधन व रसद को रोका गया है, जिसने शार्क अल-नील (पूर्वी नील) इलाके में कुछ क्षेत्रों और पूर्वी नील अस्पताल के आसपास के ठिकानों को निशाना बनाया।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन के दौरान कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ, लेकिन आरएसएफ ने कहा कि बमबारी में दर्जनों निर्दोष नागरिक मारे गए और घायल हुए और अस्पताल का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया।

सोमवार को, सूडानी विदेश मंत्रालय ने खारतूम में कई राजनयिक मिशनों पर आरएसएफ हमलों की निंदा की।

मंत्रालय ने कहा,आरएसएफ ने जॉर्डन के राजनयिक मिशनों, दक्षिण सूडान के दूतावास, सोमालिया गणराज्य के दूतावास, युगांडा गणराज्य के दूतावास और सेना पर हमला किया।

बयान में कहा गया है कि आरएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय कानून की परवाह किए बिना दस्तावेजों और फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया और कंप्यूटर और राजनयिक वाहनों सहित कीमती सामान चुरा लिया।

इस बीच, सूडान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को देश की स्थिति पर एक बयान जारी किया।

आयोग ने नागरिक आवासों के आसपास वायु सेना और भारी हथियारों के उपयोग की निंदा की, जिसके परिणामस्वरूप नागरिक हताहत हुए।

अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि 15 अप्रैल को पहली बार शुरू हुई झड़पों के बाद से कम से कम 676 लोग मारे गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 936,000 से अधिक लोग 15 अप्रैल से संघर्ष से विस्थापित हुए हैं। इनमें से लगभग 736,200 लोग आंतरिक रूप और लगभग 200,000 पड़ोसी देशों में शरण लिए हैं।

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सेना ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा, विद्रोही मिलिशिया से संबंधित हथियारों, गोला-बारूद, ईंधन व रसद को रोका गया है, जिसने शार्क अल-नील (पूर्वी नील) इलाके में कुछ क्षेत्रों और पूर्वी नील अस्पताल के आसपास के ठिकानों को निशाना बनाया।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन के दौरान कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ, लेकिन आरएसएफ ने कहा कि बमबारी में दर्जनों निर्दोष नागरिक मारे गए और घायल हुए और अस्पताल का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया।

सोमवार को, सूडानी विदेश मंत्रालय ने खारतूम में कई राजनयिक मिशनों पर आरएसएफ हमलों की निंदा की।

मंत्रालय ने कहा,आरएसएफ ने जॉर्डन के राजनयिक मिशनों, दक्षिण सूडान के दूतावास, सोमालिया गणराज्य के दूतावास, युगांडा गणराज्य के दूतावास और सेना पर हमला किया।

बयान में कहा गया है कि आरएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय कानून की परवाह किए बिना दस्तावेजों और फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया और कंप्यूटर और राजनयिक वाहनों सहित कीमती सामान चुरा लिया।

इस बीच, सूडान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को देश की स्थिति पर एक बयान जारी किया।

आयोग ने नागरिक आवासों के आसपास वायु सेना और भारी हथियारों के उपयोग की निंदा की, जिसके परिणामस्वरूप नागरिक हताहत हुए।

अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि 15 अप्रैल को पहली बार शुरू हुई झड़पों के बाद से कम से कम 676 लोग मारे गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 936,000 से अधिक लोग 15 अप्रैल से संघर्ष से विस्थापित हुए हैं। इनमें से लगभग 736,200 लोग आंतरिक रूप और लगभग 200,000 पड़ोसी देशों में शरण लिए हैं।

–आईएएनएस

सीबीटी

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खारतूम, 16 मई (आईएएनएस)। सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच हिंसक झड़पें जारी हैं। राजधानी खारतूम के पूर्वी हिस्सों में वायु सेना द्वारा भारी बमबारी की जा रही है।

सेना ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा, विद्रोही मिलिशिया से संबंधित हथियारों, गोला-बारूद, ईंधन व रसद को रोका गया है, जिसने शार्क अल-नील (पूर्वी नील) इलाके में कुछ क्षेत्रों और पूर्वी नील अस्पताल के आसपास के ठिकानों को निशाना बनाया।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन के दौरान कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ, लेकिन आरएसएफ ने कहा कि बमबारी में दर्जनों निर्दोष नागरिक मारे गए और घायल हुए और अस्पताल का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया।

सोमवार को, सूडानी विदेश मंत्रालय ने खारतूम में कई राजनयिक मिशनों पर आरएसएफ हमलों की निंदा की।

मंत्रालय ने कहा,आरएसएफ ने जॉर्डन के राजनयिक मिशनों, दक्षिण सूडान के दूतावास, सोमालिया गणराज्य के दूतावास, युगांडा गणराज्य के दूतावास और सेना पर हमला किया।

बयान में कहा गया है कि आरएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय कानून की परवाह किए बिना दस्तावेजों और फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया और कंप्यूटर और राजनयिक वाहनों सहित कीमती सामान चुरा लिया।

इस बीच, सूडान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को देश की स्थिति पर एक बयान जारी किया।

आयोग ने नागरिक आवासों के आसपास वायु सेना और भारी हथियारों के उपयोग की निंदा की, जिसके परिणामस्वरूप नागरिक हताहत हुए।

अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि 15 अप्रैल को पहली बार शुरू हुई झड़पों के बाद से कम से कम 676 लोग मारे गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 936,000 से अधिक लोग 15 अप्रैल से संघर्ष से विस्थापित हुए हैं। इनमें से लगभग 736,200 लोग आंतरिक रूप और लगभग 200,000 पड़ोसी देशों में शरण लिए हैं।

–आईएएनएस

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खारतूम, 16 मई (आईएएनएस)। सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच हिंसक झड़पें जारी हैं। राजधानी खारतूम के पूर्वी हिस्सों में वायु सेना द्वारा भारी बमबारी की जा रही है।

सेना ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा, विद्रोही मिलिशिया से संबंधित हथियारों, गोला-बारूद, ईंधन व रसद को रोका गया है, जिसने शार्क अल-नील (पूर्वी नील) इलाके में कुछ क्षेत्रों और पूर्वी नील अस्पताल के आसपास के ठिकानों को निशाना बनाया।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन के दौरान कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ, लेकिन आरएसएफ ने कहा कि बमबारी में दर्जनों निर्दोष नागरिक मारे गए और घायल हुए और अस्पताल का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया।

सोमवार को, सूडानी विदेश मंत्रालय ने खारतूम में कई राजनयिक मिशनों पर आरएसएफ हमलों की निंदा की।

मंत्रालय ने कहा,आरएसएफ ने जॉर्डन के राजनयिक मिशनों, दक्षिण सूडान के दूतावास, सोमालिया गणराज्य के दूतावास, युगांडा गणराज्य के दूतावास और सेना पर हमला किया।

बयान में कहा गया है कि आरएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय कानून की परवाह किए बिना दस्तावेजों और फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया और कंप्यूटर और राजनयिक वाहनों सहित कीमती सामान चुरा लिया।

इस बीच, सूडान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को देश की स्थिति पर एक बयान जारी किया।

आयोग ने नागरिक आवासों के आसपास वायु सेना और भारी हथियारों के उपयोग की निंदा की, जिसके परिणामस्वरूप नागरिक हताहत हुए।

अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि 15 अप्रैल को पहली बार शुरू हुई झड़पों के बाद से कम से कम 676 लोग मारे गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 936,000 से अधिक लोग 15 अप्रैल से संघर्ष से विस्थापित हुए हैं। इनमें से लगभग 736,200 लोग आंतरिक रूप और लगभग 200,000 पड़ोसी देशों में शरण लिए हैं।

–आईएएनएस

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खारतूम, 16 मई (आईएएनएस)। सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच हिंसक झड़पें जारी हैं। राजधानी खारतूम के पूर्वी हिस्सों में वायु सेना द्वारा भारी बमबारी की जा रही है।

सेना ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा, विद्रोही मिलिशिया से संबंधित हथियारों, गोला-बारूद, ईंधन व रसद को रोका गया है, जिसने शार्क अल-नील (पूर्वी नील) इलाके में कुछ क्षेत्रों और पूर्वी नील अस्पताल के आसपास के ठिकानों को निशाना बनाया।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन के दौरान कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ, लेकिन आरएसएफ ने कहा कि बमबारी में दर्जनों निर्दोष नागरिक मारे गए और घायल हुए और अस्पताल का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया।

सोमवार को, सूडानी विदेश मंत्रालय ने खारतूम में कई राजनयिक मिशनों पर आरएसएफ हमलों की निंदा की।

मंत्रालय ने कहा,आरएसएफ ने जॉर्डन के राजनयिक मिशनों, दक्षिण सूडान के दूतावास, सोमालिया गणराज्य के दूतावास, युगांडा गणराज्य के दूतावास और सेना पर हमला किया।

बयान में कहा गया है कि आरएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय कानून की परवाह किए बिना दस्तावेजों और फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया और कंप्यूटर और राजनयिक वाहनों सहित कीमती सामान चुरा लिया।

इस बीच, सूडान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को देश की स्थिति पर एक बयान जारी किया।

आयोग ने नागरिक आवासों के आसपास वायु सेना और भारी हथियारों के उपयोग की निंदा की, जिसके परिणामस्वरूप नागरिक हताहत हुए।

अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि 15 अप्रैल को पहली बार शुरू हुई झड़पों के बाद से कम से कम 676 लोग मारे गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 936,000 से अधिक लोग 15 अप्रैल से संघर्ष से विस्थापित हुए हैं। इनमें से लगभग 736,200 लोग आंतरिक रूप और लगभग 200,000 पड़ोसी देशों में शरण लिए हैं।

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सेना ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा, विद्रोही मिलिशिया से संबंधित हथियारों, गोला-बारूद, ईंधन व रसद को रोका गया है, जिसने शार्क अल-नील (पूर्वी नील) इलाके में कुछ क्षेत्रों और पूर्वी नील अस्पताल के आसपास के ठिकानों को निशाना बनाया।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन के दौरान कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ, लेकिन आरएसएफ ने कहा कि बमबारी में दर्जनों निर्दोष नागरिक मारे गए और घायल हुए और अस्पताल का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया।

सोमवार को, सूडानी विदेश मंत्रालय ने खारतूम में कई राजनयिक मिशनों पर आरएसएफ हमलों की निंदा की।

मंत्रालय ने कहा,आरएसएफ ने जॉर्डन के राजनयिक मिशनों, दक्षिण सूडान के दूतावास, सोमालिया गणराज्य के दूतावास, युगांडा गणराज्य के दूतावास और सेना पर हमला किया।

बयान में कहा गया है कि आरएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय कानून की परवाह किए बिना दस्तावेजों और फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया और कंप्यूटर और राजनयिक वाहनों सहित कीमती सामान चुरा लिया।

इस बीच, सूडान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को देश की स्थिति पर एक बयान जारी किया।

आयोग ने नागरिक आवासों के आसपास वायु सेना और भारी हथियारों के उपयोग की निंदा की, जिसके परिणामस्वरूप नागरिक हताहत हुए।

अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि 15 अप्रैल को पहली बार शुरू हुई झड़पों के बाद से कम से कम 676 लोग मारे गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 936,000 से अधिक लोग 15 अप्रैल से संघर्ष से विस्थापित हुए हैं। इनमें से लगभग 736,200 लोग आंतरिक रूप और लगभग 200,000 पड़ोसी देशों में शरण लिए हैं।

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सेना ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा, विद्रोही मिलिशिया से संबंधित हथियारों, गोला-बारूद, ईंधन व रसद को रोका गया है, जिसने शार्क अल-नील (पूर्वी नील) इलाके में कुछ क्षेत्रों और पूर्वी नील अस्पताल के आसपास के ठिकानों को निशाना बनाया।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन के दौरान कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ, लेकिन आरएसएफ ने कहा कि बमबारी में दर्जनों निर्दोष नागरिक मारे गए और घायल हुए और अस्पताल का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया।

सोमवार को, सूडानी विदेश मंत्रालय ने खारतूम में कई राजनयिक मिशनों पर आरएसएफ हमलों की निंदा की।

मंत्रालय ने कहा,आरएसएफ ने जॉर्डन के राजनयिक मिशनों, दक्षिण सूडान के दूतावास, सोमालिया गणराज्य के दूतावास, युगांडा गणराज्य के दूतावास और सेना पर हमला किया।

बयान में कहा गया है कि आरएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय कानून की परवाह किए बिना दस्तावेजों और फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया और कंप्यूटर और राजनयिक वाहनों सहित कीमती सामान चुरा लिया।

इस बीच, सूडान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को देश की स्थिति पर एक बयान जारी किया।

आयोग ने नागरिक आवासों के आसपास वायु सेना और भारी हथियारों के उपयोग की निंदा की, जिसके परिणामस्वरूप नागरिक हताहत हुए।

अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि 15 अप्रैल को पहली बार शुरू हुई झड़पों के बाद से कम से कम 676 लोग मारे गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 936,000 से अधिक लोग 15 अप्रैल से संघर्ष से विस्थापित हुए हैं। इनमें से लगभग 736,200 लोग आंतरिक रूप और लगभग 200,000 पड़ोसी देशों में शरण लिए हैं।

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