लाहौर, 17 मई (आईएएनएस)। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने बुधवार को दावा किया कि पुलिस ने उनके घर को घेर लिया है, क्योंकि वह वीडियो लिंक के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे हैं।
पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आशंका जताई कि देश विनाश की ओर बढ़ रहा है।
द न्यूज के मुताबिक, पीटीआई प्रमुख ने ट्विटर पर लिखा : मेरी अगली गिरफ्तारी से पहले शायद मेरा यह आखिरी ट्वीट है। पुलिस ने मेरे घर को घेर लिया है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को एक बड़ा झटका देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी अध्यक्ष इमरान खान के करीबी सहयोगी आमेर महमूद कियानी ने बुधवार को घोषणा की कि वह राजनीति छोड़ देंगे, क्योंकि 9 मई की बर्बरता के दौरान सैन्य प्रतिष्ठानों पर भी हमला किया गया था।
एक टीवी चैनल पर कियानी ने कहा, मैं न सिर्फ पीटीआई छोड़ रहा हूं, बल्कि सियासत भी छोड़ रहा हूं।
द न्यूज ने बताया कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और नेशनल असेंबली (एमएनए) के सदस्य महमूद बाकी मौलवी के बाद पार्टी छोड़ने वाले दूसरे पीटीआई नेता कियानी हैं।
कियानी 2018 में पीटीआई के टिकट पर एनए-16 निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे और उन्हें पीटीआई प्रमुख का करीबी सहयोगी माना जाता था। वह पीटीआई के उत्तरी पंजाब चैप्टर के पूर्व अध्यक्ष भी थे।
एक दिन पहले, एमएनए मौलवी, जो कराची से पीटीआई के टिकट पर चुने गए थे, ने घोषणा की कि वह पार्टी अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देशव्यापी दंगों के बाद पार्टी छोड़ रहे हैं।
खान को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के वारंट पर रेंजरों द्वारा 9 मई को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के परिसर से गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद पार्टी के समर्थकों ने देशभर में कहर बरपाया और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया था।
मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मौलवी ने पीटीआई छोड़ने का ऐलान किया था। द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मौलवी ने कहा, हम राजनीतिक दलों को बदल सकते हैं, लेकिन अपनी सेना को नहीं बदल सकते। मैं कभी भी सेना के खिलाफ नहीं गया और न ही भविष्य में ऐसा करूंगा।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पार्टी कार्यकर्ता 9 मई से पहले चर्चा कर रहे थे कि खान को गिरफ्तार किए जाने की स्थिति में वे रावलपिंडी स्थित जनरल मुख्यालय (जीएचक्यू) जाएंगे।
मौलवी ने कहा, मैंने उनसे कहा, हमें सेना के खिलाफ नहीं लड़ना चाहिए, क्योंकि इसकी कोई वजह नहीं है।
–आईएएनएस
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