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Home राष्ट्रीय

बंगाल विस्फोट मामला : कलकत्ता एचसी ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम की धाराएं शामिल करने का आदेश दिया

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May 18, 2023
in राष्ट्रीय
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बंगाल विस्फोट मामला : कलकत्ता एचसी ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम की धाराएं शामिल करने का आदेश दिया
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कोलकाता, 18 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को पूर्वी मिदनापुर जिले के एगरा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की जांच जारी रखने का निर्देश दिया। साथ ही पीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम के तहत धाराओं को शामिल करने का आदेश दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में नौ लोगों जान चली गई थी। हालांकि, पुलिस ने केवल भारतीय दंड संहिता और पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके लिए राज्य पुलिस की कड़ी आलोचना की गई थी।

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हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की एक याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम की धाराओं को शामिल करने और जांच जारी रखने का निर्देश दिया। शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की थी।

हालांकि, खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले में एनआईए जांच के पक्ष में कोई फैसला नहीं दिया। अब इस मामले की सुनवाई 12 जून को होगी। जब धमाकों की तस्वीरें दिखाई गईं तो न्यायमूर्ति शिवगणनम ने बॉडी पार्ट्स के बरामद होने पर चिंता जताई।

हालांकि प्रारंभिक पुलिस जांच में यह सुझाव दिया गया है कि विस्फोट संभवत: अवैध कारखाने में रखे पटाखों के निर्माण के कच्चे माल से हुआ था। जबकि विपक्षी दलों ने दावा किया है कि विस्फोट के प्रभाव से यह साबित होता है कि वहां पटाखे नहीं बल्कि कच्चे बम बनाए जा रहे थे।

गुरुवार को ही सीआईडी के अधिकारियों ने अवैध कारखाने के मालिक कृष्णपाद बाग उर्फ भानु, उनके बेटे पृथ्वीजीत बग और भतीजे इंद्रजीत बग को ओडिशा के कटक के एक निजी नसिर्ंग होम से गिरफ्तार किया। भानु वहां भर्ती है क्योंकि विस्फोट में उसे भी गंभीर चोटें आई थीं।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

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कोलकाता, 18 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को पूर्वी मिदनापुर जिले के एगरा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की जांच जारी रखने का निर्देश दिया। साथ ही पीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम के तहत धाराओं को शामिल करने का आदेश दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में नौ लोगों जान चली गई थी। हालांकि, पुलिस ने केवल भारतीय दंड संहिता और पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके लिए राज्य पुलिस की कड़ी आलोचना की गई थी।

हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की एक याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम की धाराओं को शामिल करने और जांच जारी रखने का निर्देश दिया। शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की थी।

हालांकि, खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले में एनआईए जांच के पक्ष में कोई फैसला नहीं दिया। अब इस मामले की सुनवाई 12 जून को होगी। जब धमाकों की तस्वीरें दिखाई गईं तो न्यायमूर्ति शिवगणनम ने बॉडी पार्ट्स के बरामद होने पर चिंता जताई।

हालांकि प्रारंभिक पुलिस जांच में यह सुझाव दिया गया है कि विस्फोट संभवत: अवैध कारखाने में रखे पटाखों के निर्माण के कच्चे माल से हुआ था। जबकि विपक्षी दलों ने दावा किया है कि विस्फोट के प्रभाव से यह साबित होता है कि वहां पटाखे नहीं बल्कि कच्चे बम बनाए जा रहे थे।

गुरुवार को ही सीआईडी के अधिकारियों ने अवैध कारखाने के मालिक कृष्णपाद बाग उर्फ भानु, उनके बेटे पृथ्वीजीत बग और भतीजे इंद्रजीत बग को ओडिशा के कटक के एक निजी नसिर्ंग होम से गिरफ्तार किया। भानु वहां भर्ती है क्योंकि विस्फोट में उसे भी गंभीर चोटें आई थीं।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

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कोलकाता, 18 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को पूर्वी मिदनापुर जिले के एगरा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की जांच जारी रखने का निर्देश दिया। साथ ही पीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम के तहत धाराओं को शामिल करने का आदेश दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में नौ लोगों जान चली गई थी। हालांकि, पुलिस ने केवल भारतीय दंड संहिता और पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके लिए राज्य पुलिस की कड़ी आलोचना की गई थी।

हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की एक याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम की धाराओं को शामिल करने और जांच जारी रखने का निर्देश दिया। शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की थी।

हालांकि, खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले में एनआईए जांच के पक्ष में कोई फैसला नहीं दिया। अब इस मामले की सुनवाई 12 जून को होगी। जब धमाकों की तस्वीरें दिखाई गईं तो न्यायमूर्ति शिवगणनम ने बॉडी पार्ट्स के बरामद होने पर चिंता जताई।

हालांकि प्रारंभिक पुलिस जांच में यह सुझाव दिया गया है कि विस्फोट संभवत: अवैध कारखाने में रखे पटाखों के निर्माण के कच्चे माल से हुआ था। जबकि विपक्षी दलों ने दावा किया है कि विस्फोट के प्रभाव से यह साबित होता है कि वहां पटाखे नहीं बल्कि कच्चे बम बनाए जा रहे थे।

गुरुवार को ही सीआईडी के अधिकारियों ने अवैध कारखाने के मालिक कृष्णपाद बाग उर्फ भानु, उनके बेटे पृथ्वीजीत बग और भतीजे इंद्रजीत बग को ओडिशा के कटक के एक निजी नसिर्ंग होम से गिरफ्तार किया। भानु वहां भर्ती है क्योंकि विस्फोट में उसे भी गंभीर चोटें आई थीं।

–आईएएनएस

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कोलकाता, 18 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को पूर्वी मिदनापुर जिले के एगरा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की जांच जारी रखने का निर्देश दिया। साथ ही पीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम के तहत धाराओं को शामिल करने का आदेश दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में नौ लोगों जान चली गई थी। हालांकि, पुलिस ने केवल भारतीय दंड संहिता और पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके लिए राज्य पुलिस की कड़ी आलोचना की गई थी।

हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की एक याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम की धाराओं को शामिल करने और जांच जारी रखने का निर्देश दिया। शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की थी।

हालांकि, खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले में एनआईए जांच के पक्ष में कोई फैसला नहीं दिया। अब इस मामले की सुनवाई 12 जून को होगी। जब धमाकों की तस्वीरें दिखाई गईं तो न्यायमूर्ति शिवगणनम ने बॉडी पार्ट्स के बरामद होने पर चिंता जताई।

हालांकि प्रारंभिक पुलिस जांच में यह सुझाव दिया गया है कि विस्फोट संभवत: अवैध कारखाने में रखे पटाखों के निर्माण के कच्चे माल से हुआ था। जबकि विपक्षी दलों ने दावा किया है कि विस्फोट के प्रभाव से यह साबित होता है कि वहां पटाखे नहीं बल्कि कच्चे बम बनाए जा रहे थे।

गुरुवार को ही सीआईडी के अधिकारियों ने अवैध कारखाने के मालिक कृष्णपाद बाग उर्फ भानु, उनके बेटे पृथ्वीजीत बग और भतीजे इंद्रजीत बग को ओडिशा के कटक के एक निजी नसिर्ंग होम से गिरफ्तार किया। भानु वहां भर्ती है क्योंकि विस्फोट में उसे भी गंभीर चोटें आई थीं।

–आईएएनएस

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कोलकाता, 18 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को पूर्वी मिदनापुर जिले के एगरा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की जांच जारी रखने का निर्देश दिया। साथ ही पीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम के तहत धाराओं को शामिल करने का आदेश दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में नौ लोगों जान चली गई थी। हालांकि, पुलिस ने केवल भारतीय दंड संहिता और पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके लिए राज्य पुलिस की कड़ी आलोचना की गई थी।

हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की एक याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम की धाराओं को शामिल करने और जांच जारी रखने का निर्देश दिया। शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की थी।

हालांकि, खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले में एनआईए जांच के पक्ष में कोई फैसला नहीं दिया। अब इस मामले की सुनवाई 12 जून को होगी। जब धमाकों की तस्वीरें दिखाई गईं तो न्यायमूर्ति शिवगणनम ने बॉडी पार्ट्स के बरामद होने पर चिंता जताई।

हालांकि प्रारंभिक पुलिस जांच में यह सुझाव दिया गया है कि विस्फोट संभवत: अवैध कारखाने में रखे पटाखों के निर्माण के कच्चे माल से हुआ था। जबकि विपक्षी दलों ने दावा किया है कि विस्फोट के प्रभाव से यह साबित होता है कि वहां पटाखे नहीं बल्कि कच्चे बम बनाए जा रहे थे।

गुरुवार को ही सीआईडी के अधिकारियों ने अवैध कारखाने के मालिक कृष्णपाद बाग उर्फ भानु, उनके बेटे पृथ्वीजीत बग और भतीजे इंद्रजीत बग को ओडिशा के कटक के एक निजी नसिर्ंग होम से गिरफ्तार किया। भानु वहां भर्ती है क्योंकि विस्फोट में उसे भी गंभीर चोटें आई थीं।

–आईएएनएस

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कोलकाता, 18 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को पूर्वी मिदनापुर जिले के एगरा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की जांच जारी रखने का निर्देश दिया। साथ ही पीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम के तहत धाराओं को शामिल करने का आदेश दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में नौ लोगों जान चली गई थी। हालांकि, पुलिस ने केवल भारतीय दंड संहिता और पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके लिए राज्य पुलिस की कड़ी आलोचना की गई थी।

हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की एक याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम की धाराओं को शामिल करने और जांच जारी रखने का निर्देश दिया। शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की थी।

हालांकि, खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले में एनआईए जांच के पक्ष में कोई फैसला नहीं दिया। अब इस मामले की सुनवाई 12 जून को होगी। जब धमाकों की तस्वीरें दिखाई गईं तो न्यायमूर्ति शिवगणनम ने बॉडी पार्ट्स के बरामद होने पर चिंता जताई।

हालांकि प्रारंभिक पुलिस जांच में यह सुझाव दिया गया है कि विस्फोट संभवत: अवैध कारखाने में रखे पटाखों के निर्माण के कच्चे माल से हुआ था। जबकि विपक्षी दलों ने दावा किया है कि विस्फोट के प्रभाव से यह साबित होता है कि वहां पटाखे नहीं बल्कि कच्चे बम बनाए जा रहे थे।

गुरुवार को ही सीआईडी के अधिकारियों ने अवैध कारखाने के मालिक कृष्णपाद बाग उर्फ भानु, उनके बेटे पृथ्वीजीत बग और भतीजे इंद्रजीत बग को ओडिशा के कटक के एक निजी नसिर्ंग होम से गिरफ्तार किया। भानु वहां भर्ती है क्योंकि विस्फोट में उसे भी गंभीर चोटें आई थीं।

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रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में नौ लोगों जान चली गई थी। हालांकि, पुलिस ने केवल भारतीय दंड संहिता और पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके लिए राज्य पुलिस की कड़ी आलोचना की गई थी।

हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की एक याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम की धाराओं को शामिल करने और जांच जारी रखने का निर्देश दिया। शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की थी।

हालांकि, खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले में एनआईए जांच के पक्ष में कोई फैसला नहीं दिया। अब इस मामले की सुनवाई 12 जून को होगी। जब धमाकों की तस्वीरें दिखाई गईं तो न्यायमूर्ति शिवगणनम ने बॉडी पार्ट्स के बरामद होने पर चिंता जताई।

हालांकि प्रारंभिक पुलिस जांच में यह सुझाव दिया गया है कि विस्फोट संभवत: अवैध कारखाने में रखे पटाखों के निर्माण के कच्चे माल से हुआ था। जबकि विपक्षी दलों ने दावा किया है कि विस्फोट के प्रभाव से यह साबित होता है कि वहां पटाखे नहीं बल्कि कच्चे बम बनाए जा रहे थे।

गुरुवार को ही सीआईडी के अधिकारियों ने अवैध कारखाने के मालिक कृष्णपाद बाग उर्फ भानु, उनके बेटे पृथ्वीजीत बग और भतीजे इंद्रजीत बग को ओडिशा के कटक के एक निजी नसिर्ंग होम से गिरफ्तार किया। भानु वहां भर्ती है क्योंकि विस्फोट में उसे भी गंभीर चोटें आई थीं।

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कोलकाता, 18 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को पूर्वी मिदनापुर जिले के एगरा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की जांच जारी रखने का निर्देश दिया। साथ ही पीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम के तहत धाराओं को शामिल करने का आदेश दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में नौ लोगों जान चली गई थी। हालांकि, पुलिस ने केवल भारतीय दंड संहिता और पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके लिए राज्य पुलिस की कड़ी आलोचना की गई थी।

हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की एक याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम की धाराओं को शामिल करने और जांच जारी रखने का निर्देश दिया। शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की थी।

हालांकि, खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले में एनआईए जांच के पक्ष में कोई फैसला नहीं दिया। अब इस मामले की सुनवाई 12 जून को होगी। जब धमाकों की तस्वीरें दिखाई गईं तो न्यायमूर्ति शिवगणनम ने बॉडी पार्ट्स के बरामद होने पर चिंता जताई।

हालांकि प्रारंभिक पुलिस जांच में यह सुझाव दिया गया है कि विस्फोट संभवत: अवैध कारखाने में रखे पटाखों के निर्माण के कच्चे माल से हुआ था। जबकि विपक्षी दलों ने दावा किया है कि विस्फोट के प्रभाव से यह साबित होता है कि वहां पटाखे नहीं बल्कि कच्चे बम बनाए जा रहे थे।

गुरुवार को ही सीआईडी के अधिकारियों ने अवैध कारखाने के मालिक कृष्णपाद बाग उर्फ भानु, उनके बेटे पृथ्वीजीत बग और भतीजे इंद्रजीत बग को ओडिशा के कटक के एक निजी नसिर्ंग होम से गिरफ्तार किया। भानु वहां भर्ती है क्योंकि विस्फोट में उसे भी गंभीर चोटें आई थीं।

–आईएएनएस

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कोलकाता, 18 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को पूर्वी मिदनापुर जिले के एगरा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की जांच जारी रखने का निर्देश दिया। साथ ही पीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम के तहत धाराओं को शामिल करने का आदेश दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में नौ लोगों जान चली गई थी। हालांकि, पुलिस ने केवल भारतीय दंड संहिता और पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके लिए राज्य पुलिस की कड़ी आलोचना की गई थी।

हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की एक याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम की धाराओं को शामिल करने और जांच जारी रखने का निर्देश दिया। शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की थी।

हालांकि, खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले में एनआईए जांच के पक्ष में कोई फैसला नहीं दिया। अब इस मामले की सुनवाई 12 जून को होगी। जब धमाकों की तस्वीरें दिखाई गईं तो न्यायमूर्ति शिवगणनम ने बॉडी पार्ट्स के बरामद होने पर चिंता जताई।

हालांकि प्रारंभिक पुलिस जांच में यह सुझाव दिया गया है कि विस्फोट संभवत: अवैध कारखाने में रखे पटाखों के निर्माण के कच्चे माल से हुआ था। जबकि विपक्षी दलों ने दावा किया है कि विस्फोट के प्रभाव से यह साबित होता है कि वहां पटाखे नहीं बल्कि कच्चे बम बनाए जा रहे थे।

गुरुवार को ही सीआईडी के अधिकारियों ने अवैध कारखाने के मालिक कृष्णपाद बाग उर्फ भानु, उनके बेटे पृथ्वीजीत बग और भतीजे इंद्रजीत बग को ओडिशा के कटक के एक निजी नसिर्ंग होम से गिरफ्तार किया। भानु वहां भर्ती है क्योंकि विस्फोट में उसे भी गंभीर चोटें आई थीं।

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रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में नौ लोगों जान चली गई थी। हालांकि, पुलिस ने केवल भारतीय दंड संहिता और पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके लिए राज्य पुलिस की कड़ी आलोचना की गई थी।

हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की एक याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम की धाराओं को शामिल करने और जांच जारी रखने का निर्देश दिया। शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की थी।

हालांकि, खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले में एनआईए जांच के पक्ष में कोई फैसला नहीं दिया। अब इस मामले की सुनवाई 12 जून को होगी। जब धमाकों की तस्वीरें दिखाई गईं तो न्यायमूर्ति शिवगणनम ने बॉडी पार्ट्स के बरामद होने पर चिंता जताई।

हालांकि प्रारंभिक पुलिस जांच में यह सुझाव दिया गया है कि विस्फोट संभवत: अवैध कारखाने में रखे पटाखों के निर्माण के कच्चे माल से हुआ था। जबकि विपक्षी दलों ने दावा किया है कि विस्फोट के प्रभाव से यह साबित होता है कि वहां पटाखे नहीं बल्कि कच्चे बम बनाए जा रहे थे।

गुरुवार को ही सीआईडी के अधिकारियों ने अवैध कारखाने के मालिक कृष्णपाद बाग उर्फ भानु, उनके बेटे पृथ्वीजीत बग और भतीजे इंद्रजीत बग को ओडिशा के कटक के एक निजी नसिर्ंग होम से गिरफ्तार किया। भानु वहां भर्ती है क्योंकि विस्फोट में उसे भी गंभीर चोटें आई थीं।

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रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में नौ लोगों जान चली गई थी। हालांकि, पुलिस ने केवल भारतीय दंड संहिता और पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके लिए राज्य पुलिस की कड़ी आलोचना की गई थी।

हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की एक याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम की धाराओं को शामिल करने और जांच जारी रखने का निर्देश दिया। शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की थी।

हालांकि, खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले में एनआईए जांच के पक्ष में कोई फैसला नहीं दिया। अब इस मामले की सुनवाई 12 जून को होगी। जब धमाकों की तस्वीरें दिखाई गईं तो न्यायमूर्ति शिवगणनम ने बॉडी पार्ट्स के बरामद होने पर चिंता जताई।

हालांकि प्रारंभिक पुलिस जांच में यह सुझाव दिया गया है कि विस्फोट संभवत: अवैध कारखाने में रखे पटाखों के निर्माण के कच्चे माल से हुआ था। जबकि विपक्षी दलों ने दावा किया है कि विस्फोट के प्रभाव से यह साबित होता है कि वहां पटाखे नहीं बल्कि कच्चे बम बनाए जा रहे थे।

गुरुवार को ही सीआईडी के अधिकारियों ने अवैध कारखाने के मालिक कृष्णपाद बाग उर्फ भानु, उनके बेटे पृथ्वीजीत बग और भतीजे इंद्रजीत बग को ओडिशा के कटक के एक निजी नसिर्ंग होम से गिरफ्तार किया। भानु वहां भर्ती है क्योंकि विस्फोट में उसे भी गंभीर चोटें आई थीं।

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कोलकाता, 18 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को पूर्वी मिदनापुर जिले के एगरा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की जांच जारी रखने का निर्देश दिया। साथ ही पीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम के तहत धाराओं को शामिल करने का आदेश दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में नौ लोगों जान चली गई थी। हालांकि, पुलिस ने केवल भारतीय दंड संहिता और पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके लिए राज्य पुलिस की कड़ी आलोचना की गई थी।

हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की एक याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम की धाराओं को शामिल करने और जांच जारी रखने का निर्देश दिया। शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की थी।

हालांकि, खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले में एनआईए जांच के पक्ष में कोई फैसला नहीं दिया। अब इस मामले की सुनवाई 12 जून को होगी। जब धमाकों की तस्वीरें दिखाई गईं तो न्यायमूर्ति शिवगणनम ने बॉडी पार्ट्स के बरामद होने पर चिंता जताई।

हालांकि प्रारंभिक पुलिस जांच में यह सुझाव दिया गया है कि विस्फोट संभवत: अवैध कारखाने में रखे पटाखों के निर्माण के कच्चे माल से हुआ था। जबकि विपक्षी दलों ने दावा किया है कि विस्फोट के प्रभाव से यह साबित होता है कि वहां पटाखे नहीं बल्कि कच्चे बम बनाए जा रहे थे।

गुरुवार को ही सीआईडी के अधिकारियों ने अवैध कारखाने के मालिक कृष्णपाद बाग उर्फ भानु, उनके बेटे पृथ्वीजीत बग और भतीजे इंद्रजीत बग को ओडिशा के कटक के एक निजी नसिर्ंग होम से गिरफ्तार किया। भानु वहां भर्ती है क्योंकि विस्फोट में उसे भी गंभीर चोटें आई थीं।

–आईएएनएस

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कोलकाता, 18 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को पूर्वी मिदनापुर जिले के एगरा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की जांच जारी रखने का निर्देश दिया। साथ ही पीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम के तहत धाराओं को शामिल करने का आदेश दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में नौ लोगों जान चली गई थी। हालांकि, पुलिस ने केवल भारतीय दंड संहिता और पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके लिए राज्य पुलिस की कड़ी आलोचना की गई थी।

हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की एक याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम की धाराओं को शामिल करने और जांच जारी रखने का निर्देश दिया। शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की थी।

हालांकि, खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले में एनआईए जांच के पक्ष में कोई फैसला नहीं दिया। अब इस मामले की सुनवाई 12 जून को होगी। जब धमाकों की तस्वीरें दिखाई गईं तो न्यायमूर्ति शिवगणनम ने बॉडी पार्ट्स के बरामद होने पर चिंता जताई।

हालांकि प्रारंभिक पुलिस जांच में यह सुझाव दिया गया है कि विस्फोट संभवत: अवैध कारखाने में रखे पटाखों के निर्माण के कच्चे माल से हुआ था। जबकि विपक्षी दलों ने दावा किया है कि विस्फोट के प्रभाव से यह साबित होता है कि वहां पटाखे नहीं बल्कि कच्चे बम बनाए जा रहे थे।

गुरुवार को ही सीआईडी के अधिकारियों ने अवैध कारखाने के मालिक कृष्णपाद बाग उर्फ भानु, उनके बेटे पृथ्वीजीत बग और भतीजे इंद्रजीत बग को ओडिशा के कटक के एक निजी नसिर्ंग होम से गिरफ्तार किया। भानु वहां भर्ती है क्योंकि विस्फोट में उसे भी गंभीर चोटें आई थीं।

–आईएएनएस

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कोलकाता, 18 मई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को पूर्वी मिदनापुर जिले के एगरा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की जांच जारी रखने का निर्देश दिया। साथ ही पीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम के तहत धाराओं को शामिल करने का आदेश दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में नौ लोगों जान चली गई थी। हालांकि, पुलिस ने केवल भारतीय दंड संहिता और पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके लिए राज्य पुलिस की कड़ी आलोचना की गई थी।

हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की एक याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम की धाराओं को शामिल करने और जांच जारी रखने का निर्देश दिया। शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की थी।

हालांकि, खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले में एनआईए जांच के पक्ष में कोई फैसला नहीं दिया। अब इस मामले की सुनवाई 12 जून को होगी। जब धमाकों की तस्वीरें दिखाई गईं तो न्यायमूर्ति शिवगणनम ने बॉडी पार्ट्स के बरामद होने पर चिंता जताई।

हालांकि प्रारंभिक पुलिस जांच में यह सुझाव दिया गया है कि विस्फोट संभवत: अवैध कारखाने में रखे पटाखों के निर्माण के कच्चे माल से हुआ था। जबकि विपक्षी दलों ने दावा किया है कि विस्फोट के प्रभाव से यह साबित होता है कि वहां पटाखे नहीं बल्कि कच्चे बम बनाए जा रहे थे।

गुरुवार को ही सीआईडी के अधिकारियों ने अवैध कारखाने के मालिक कृष्णपाद बाग उर्फ भानु, उनके बेटे पृथ्वीजीत बग और भतीजे इंद्रजीत बग को ओडिशा के कटक के एक निजी नसिर्ंग होम से गिरफ्तार किया। भानु वहां भर्ती है क्योंकि विस्फोट में उसे भी गंभीर चोटें आई थीं।

–आईएएनएस

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रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में नौ लोगों जान चली गई थी। हालांकि, पुलिस ने केवल भारतीय दंड संहिता और पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके लिए राज्य पुलिस की कड़ी आलोचना की गई थी।

हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की एक याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम की धाराओं को शामिल करने और जांच जारी रखने का निर्देश दिया। शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की थी।

हालांकि, खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले में एनआईए जांच के पक्ष में कोई फैसला नहीं दिया। अब इस मामले की सुनवाई 12 जून को होगी। जब धमाकों की तस्वीरें दिखाई गईं तो न्यायमूर्ति शिवगणनम ने बॉडी पार्ट्स के बरामद होने पर चिंता जताई।

हालांकि प्रारंभिक पुलिस जांच में यह सुझाव दिया गया है कि विस्फोट संभवत: अवैध कारखाने में रखे पटाखों के निर्माण के कच्चे माल से हुआ था। जबकि विपक्षी दलों ने दावा किया है कि विस्फोट के प्रभाव से यह साबित होता है कि वहां पटाखे नहीं बल्कि कच्चे बम बनाए जा रहे थे।

गुरुवार को ही सीआईडी के अधिकारियों ने अवैध कारखाने के मालिक कृष्णपाद बाग उर्फ भानु, उनके बेटे पृथ्वीजीत बग और भतीजे इंद्रजीत बग को ओडिशा के कटक के एक निजी नसिर्ंग होम से गिरफ्तार किया। भानु वहां भर्ती है क्योंकि विस्फोट में उसे भी गंभीर चोटें आई थीं।

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रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में नौ लोगों जान चली गई थी। हालांकि, पुलिस ने केवल भारतीय दंड संहिता और पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके लिए राज्य पुलिस की कड़ी आलोचना की गई थी।

हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की एक याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने सीआईडी को एफआईआर में विस्फोटक अधिनियम की धाराओं को शामिल करने और जांच जारी रखने का निर्देश दिया। शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की थी।

हालांकि, खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले में एनआईए जांच के पक्ष में कोई फैसला नहीं दिया। अब इस मामले की सुनवाई 12 जून को होगी। जब धमाकों की तस्वीरें दिखाई गईं तो न्यायमूर्ति शिवगणनम ने बॉडी पार्ट्स के बरामद होने पर चिंता जताई।

हालांकि प्रारंभिक पुलिस जांच में यह सुझाव दिया गया है कि विस्फोट संभवत: अवैध कारखाने में रखे पटाखों के निर्माण के कच्चे माल से हुआ था। जबकि विपक्षी दलों ने दावा किया है कि विस्फोट के प्रभाव से यह साबित होता है कि वहां पटाखे नहीं बल्कि कच्चे बम बनाए जा रहे थे।

गुरुवार को ही सीआईडी के अधिकारियों ने अवैध कारखाने के मालिक कृष्णपाद बाग उर्फ भानु, उनके बेटे पृथ्वीजीत बग और भतीजे इंद्रजीत बग को ओडिशा के कटक के एक निजी नसिर्ंग होम से गिरफ्तार किया। भानु वहां भर्ती है क्योंकि विस्फोट में उसे भी गंभीर चोटें आई थीं।

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